बी ए - एम ए >> फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्र फास्टर नोट्स-2018 बी. ए. प्रथम वर्ष शिक्षाशास्त्र प्रथम प्रश्नपत्रयूनिवर्सिटी फास्टर नोट्स
|
|
बी. ए. प्रथम वर्ष (सेमेस्टर-1) शिक्षाशास्त्र के नवीनतम पाठ्यक्रमानुसार हिन्दी माध्यम में सहायक-प्रश्नोत्तर
प्रश्न- राष्ट्र की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति के उद्देश्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर-
राष्ट्र की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति का उद्देश्य
संसार में अनेक राष्ट्र हैं और प्रत्येक राष्ट्र में छोटे-बड़े अनेक समाज हैं। इन समाजों एवं राष्ट्रों की कुछ अपनी विशिष्ट आवश्यकताएँ हैं। साथ ही इनकी कुछ आकांक्षाएँ भी होती हैं और ये आवश्कताएँ एवं आकांक्षाएँ सदैव बदलती रहती हैं। उदाहरण के लिए आज हमारे समाज में वर्ग भेद बहुत बढ़ रहा है और हमारी आकांक्षा है कि हमारा समाज वर्गाविहीन समाज बने, हमारा देश एक पिछड़ा देश है और हमारी आकांक्षा इसे विकसित करने की है और इस सबके लिए हम शिक्षा का सहारा ले रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति का अर्थ है ऐसी शिक्षा की व्यवस्था करना कि यथा आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं की पूर्ति हो। उदाहरणार्थ आज हमारे देश में सबसे बड़ी समस्या पिछड़ेपन की है, इसके लिए हम वैज्ञानिक प्रवृत्ति के विकास पर बल दे रहे हैं, विज्ञान और तकनीकी के प्रयोग से देश के आधुनिकीकरण पर बल दे रहे हैं। हमारे देश के सामने दूसरी बड़ी चुनौती देश की बढ़ती हुई जनसंख्या की है, इसके लिए हमने जनसंख्या शिक्षा की व्यवस्था की है। तीसरी बड़ी समस्या साम्प्रदायिकता की है, देश के नेताओं ने साम्प्रदायिकता का शोर मचाकर इसे और अधिक तूल दे दिया है, इसके लिए हम धर्मनिरपेक्षता की शिक्षा की बात कर रहे हैं। सर्वधर्म समभाव की बात कर रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या तो विश्व समस्या है। औद्योगीकरण के चक्कर में हम भी इसके शिकार हो रहे हैं। इस समस्या के समाधान हेतु संसार भर में पर्यावरण शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है। हमारे सामने सबसे अधिक गम्भीर समस्या है - अलगाववाद और आतंकवाद की। इस समस्या के समाधान के लिए हम राष्ट्रीय एकता के विकास पर बल दे रहे हैं। यह आज हमारी शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य है। हम जानते हैं कि यह युग अन्तर्राष्ट्रीयता का युग है अतः अन्तर्राष्ट्रीय अवबोध की भावना का विकास भी अति आवश्यक है और आज यह भी हमारी शिक्षा का एक उद्देश्य है।
शिक्षा मानव विकास का मूल साधन है। इसके लिए यह आवश्यक है कि यह किसी भी देश अथवा राष्ट्र की तत्कालीन समस्याओं के समाधान और उसकी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए व्यक्ति एवं समाज को तैयार करे, यह उसका तत्कालीन उद्देश्य होना आवश्यक है।
परन्तु शिक्षा केवल तत्कालीन समस्याओं के समाधान एवं आकांक्षाओं तक ही सीमित नहीं की जा सकती, उसे मानव जीवन के सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति पर भी ध्यान देना होगा। समस्याओं के समाधान हेतु स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन का निर्माण पहली आवश्यकता है और व्यवसाय एवं उद्योग द्वारा धन उपार्जन दूसरी आवश्यकता है और जब तक मनुष्य का नैतिक एवं चारित्रिक विकास नहीं किया जाता तब तक उसे स्वार्थ की सीमा से नहीं निकाला जा सकता। मनुष्य को मनुष्य बनाने के लिए उसका सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास भी आवश्यक है।
तब कहना न होगा कि समाज एवं राष्ट्र की आवश्यकताओं की पूर्ति शिक्षा का एक अनिवार्य उद्देश्य तो होना चाहिए परन्तु एकमात्र उद्देश्य नहीं। शिक्षा का उद्देश्य तो मानव को समग्र जीवन को तैयार करना होना चाहिए।
|
- प्रश्न- वैदिक काल में गुरुओं के शिष्यों के प्रति उत्तरदायित्वों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा में गुरु-शिष्य के परस्पर सम्बन्धों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु यह किस सीमा तक प्रासंगिक है?
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा के कम से कम पाँच महत्त्वपूर्ण आदर्शों का उल्लेख कीजिए और आधुनिक भारतीय शिक्षा के लिए उनकी उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे? वैदिक काल में प्रचलित शिक्षा के मुख्य गुण एवं दोष बताइए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के मुख्य उद्देश्य क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा के प्रमुख गुण बताइए।
- प्रश्न- प्राचीन काल में शिक्षा से क्या अभिप्राय था? शिक्षा के मुख्य उद्देश्य एवं आदर्श क्या थे?
- प्रश्न- वैदिककालीन उच्च शिक्षा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय शिक्षा में प्रचलित समावर्तन और उपनयन संस्कारों का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिककालीन शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान का विकास तथा आध्यात्मिक उन्नति करना था। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक काल में प्राचीन वैदिककालीन शिक्षा के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक शिक्षा में कक्षा नायकीय प्रणाली के महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं? शिक्षा के विभिन्न सम्प्रत्ययों का उल्लेख करते हुए उसके वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा के दार्शनिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के समाजशास्त्रीय सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के राजनीतिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के आर्थिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के मनोवैज्ञानिक सम्प्रत्यय की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के वास्तविक सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- क्या मापन एवं मूल्यांकन शिक्षा का अंग है?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए। आपको जो अब तक ज्ञात परिभाषाएँ हैं उनमें से कौन-सी आपकी राय में सर्वाधिक स्वीकार्य है और क्यों?
- प्रश्न- शिक्षा से तुम क्या समझते हो? शिक्षा की परिभाषाएँ लिखिए तथा उसकी विशेषताएँ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का संकीर्ण तथा विस्तृत अर्थ बताइए तथा स्पष्ट कीजिए कि शिक्षा क्या है?
- प्रश्न- शिक्षा का 'शाब्दिक अर्थ बताइए।
- प्रश्न- शिक्षा का अर्थ स्पष्ट करते हुए इसकी अपने शब्दों में परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की दो परिभाषाएँ लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आपके अनुसार शिक्षा की सर्वाधिक स्वीकार्य परिभाषा कौन-सी है और क्यों?
- प्रश्न- 'शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया है।' जॉन डीवी के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
- प्रश्न- 'शिक्षा भावी जीवन की तैयारी मात्र नहीं है, वरन् जीवन-यापन की प्रक्रिया है। जॉन डीवी के इस कथन को उदाहरणों से स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा विज्ञान है या कला या दोनों? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ को स्पष्ट कीजिए तथा शिक्षा के व्यापक व संकुचित अर्थ में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा और साक्षरता पर संक्षिप्त टिप्पणी दीजिए। इन दोनों में अन्तर व सम्बन्ध स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षण और प्रशिक्षण के बारे में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या, ज्ञान, शिक्षण प्रशिक्षण बनाम शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्या और ज्ञान में अन्तर समझाइए।
- प्रश्न- शिक्षा और प्रशिक्षण के अन्तर को स्पष्ट कीजिए।