बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
लोक प्रशासन के अध्ययन का पारिस्थितिकी उपागम - लोक प्रशासन का अध्ययन तब तक पूर्ण नहीं कहा जा सकता जब तक कि उसे अपने वातावरण तथा पारिस्थितिकी का ज्ञान न हो क्योंकि प्रशासन तथा वातावरण में घनिष्ठ सम्बन्ध है। प्रशासन अपने आस-पास चारों ओर फैली परिस्थितियों के प्रभाव के अन्तर्गत कार्य करता है। इसलिए लोक प्रशासन के अध्ययन के अन्तर्गत परिस्थितियों के अध्ययन को सम्मिलित करना अनिवार्य है।
एक शब्दकोश के अनुसार पारिस्थितिकी संयुक्त रूप से अवयवों और उनके वातावरण के बीच पारस्परिक सम्बन्ध है। पारिस्थितिकी एक विस्तृत अवधारणा है क्योंकि इसमें सभी जीवित अवयवों और उनके वातावरण के बीच अन्तः सम्बन्ध सम्मिलित होते हैं।
लोक प्रशासन में इस विचारधारा के उपयोग 1943 में सबसे पहले जान गाउस (John Gous) ने किया था। जान गाउस ने विचार में प्रशासकीय व्यवस्थाएँ समाज के घटकों से घनिष्ठ रूप से जुड़ी होती हैं। उसने लोक प्रशासन की नयी विषय-वस्तु और व्यक्ति की परिस्थिति को प्रभावित करने के अवसर की सम्भावना पर खोज करने के उद्देश्य से इस दृष्टिकोण का प्रयोग किया। गाउस ने यह बतलाने का प्रयास किया कि किस प्रकार लोक प्रशासन उसके विकास तथा उसके कार्य परिस्थितियों और वातावरण से प्रभावित होते हैं। गाउस के ही शब्दों में "लोक प्रशासन के पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण का निर्माण स्थान के तत्व ,पृथ्वी, जलवायु, स्थान निर्धारण, निवासी उनकी संख्या, उम्र तथा ज्ञान भौतिक तथा सामाजिक और उनका पारस्परिक सम्बन्ध करते हैं।"
आज यह धारणा सर्वमान्य हो चुकी है कि समस्त सामाजिक संगठनों और सामाजिक पर्यावरण में पारस्परिक सम्बन्ध है। संगठनों के लक्ष्यों का निर्धारण और संशोधन मख्यतः संगठन और पर्यावरण के बीच सम्बन्धों के परिणामस्वरूप ही होता है। संगठन या पर्यावरण में कि प्रकार के परिवर्तन से लक्ष्य के पुनरीक्षण और उसमें बदलाव की जरूरत पड़ती है जैसे-जैसे किसी सा अन्तःक्रिया बढ़ती जाती है वैसे-वैसे उसकी स्वायत्तता में कमी होती जा अत्मनिर्भरता बढती जाती है। इस अन्तर्निर्भरता का परिणाम होता है कि संगठन के ढाँचे, पद्धतियों एवं लक्ष्यों पर बाहरी परिस्थितियों का अधिक से अधिक प्रभाव पडने लगता है जिसके परिणामस्वरूप उसमें आवश्यक परिवर्तन होते हैं। अतः वे संगठन ही उपयोगी यन्त्र के रूप में जीवित रह पाते हैं जो तेजी से परिवर्तित पर्यावरण के अनुकूल अपने को बना पाते हैं।
प्रशासन, जनता एवं उसके संघों के मध्य एक जैसा या समरूप सम्बन्ध है। कोई भी संगठन चाहे वह सरकारी हो या व्यक्तिगत, वह अपने सेवित व्यक्तियों पर अपने कानूनों व नियमों को शक्ति द्वारा ही नहीं थोप सकता है, इसके लिए प्रचार व अन्य साधनों की सहायता लेनी पड़ती है जैसे परिवार नियोजन, पोलियो उन्मूलन, अशिक्षा निवारण इत्यादि के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की सरकारी, गैर- सरकारी अभिकरणों की सहायता लेती है। साथ ही जनता भी अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार के हित समूहों में संगठित होती है और इनके माध्यम से प्रशासन तथा सरकार को प्रभावित करती है। इस प्रकार समाज, प्रशासन तथा जनता व उनके समूहों के बीच परस्पर एक-दूसरे को प्रभावित करने की प्रक्रिया चलती रहती है। लोक प्रशासन पारिस्थितिकी उपागम की विवेचना राबर्ट ए. डॉन ने अधिक क्रमबद्ध ढंग से की है। उसके अनुसार एक राष्ट्र के पर्यावरण के अन्तर्गत कार्यरत लोक प्रशासन से व्युत्पन्न सामान्यीकरण, सर्वव्यापी नहीं हो सकते और अन्य राष्ट्रों की प्रशासनिक व्यवस्था के सत्य नहीं भी हो सकते हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और सामाजिक परिस्थितियों के लोक प्रशासन पर प्रभाव के तुलनात्मक गहन अध्ययन के बिना सही सर्वव्यापी सामान्यीकरणों पर पहुँचना असम्भव है। निष्कर्षतः लोक प्रशासन एक व्यापक शस्त्र है जिसका निर्धारण संकीर्ण तकनीकों और प्रक्रियाओं द्वारा नहीं अपितु राष्ट्र की विविध ऐतिहासिक, समाजशास्त्रीय, आर्थिक और अन्य दशाओं द्वारा होता है और इसी कारण प्रत्येक राष्ट्र के लोक प्रशासन का अपना अलग स्वरूप एवं कार्य-पद्धति होती है।
जे. डब्ल्यू. रिग्स ने भी तुलनात्मक लोक प्रशासन को अनुभवात्मक वैधिक और पारिस्थितिकी पाया है। उनकी धारणा है कि मूलतः पारिस्थितिकी उपागम के अनुसार प्रशासकीय व्यवहार बिना सोचा समझा नहीं है - यह सांस्कृतिक विशेषताओं, मूल्यों और प्रशासन के बीच अन्तः क्रिया का परिणाम है। थोड़े में प्रशासकीय संस्कृति वृहत्तर सामाजिक संस्कृति का विस्तार हैं।
लोक प्रशासन के अध्ययन का पारिस्थितिकी उपागम प्रजातान्त्रिक देशों के लिए अत्यन्त उपयोगी है। इन देशों में सरकार तथा प्रशासन को जनता के सेवक के रूप में तथा उसके सहयोग से कार्य करना पड़ता है। अतः लोक प्रशासन की समस्याओं का अध्ययन लोगों और उनके वातावरण के सन्दर्भ में उनकी नागरिक मनोवृत्तियों और विशिष्ट समस्याओं को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। ऐसी हालत में ही जनता का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जा सकता है तथा प्रजातन्त्र की सफलता भी इसी पर निर्भर करती है।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
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- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
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- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
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- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
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- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
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