बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
अध्याय - 12
सुशासन
(Good Governance)
प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
अथवा
सुशासन क्या है? इसके आधारभूत तत्वों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
सुशासन का अर्थ
सुशासन नामक प्रशासनिक अवधारणा आज प्रत्येक समाज की आवश्यकता है जिसकी प्रबल माँग बन गई है। जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में हम बेहतर होना और करना चाहते हैं। आधुनिक समाज लोकतांत्रिक समाज है और लोकतंत्र की अवधारणा 'लोक के शासन को सुशासन की अनिवार्य कसौटी मानता है। यही कारण है कि अब सुशासन के बारे में चर्चा और बहस अधिक व्यापक और प्रासंगिक हो गई है।
सुशासन का तात्पर्य न्याय पर आधारित अच्छी शासन व्यवस्था से है। महाभारत के शान्ति पर्व में लिखा है कि सुशासन की नींव ही एक धर्मनिष्ठ शासन है।
अलेक्जेंडर पोप के अनुसार, "वही सरकार अच्छी है जिसका प्रशासन अच्छा हो महात्मा गाँधी ने राज- राज्य और स्वराज्य की कल्पना की थी।
सुशासन की विशेषताएँ
सुशासन सशक्तीकरण, भागीदारी, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, समता तथा न्याय के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शासन की धार को पुख्ता करता है। एक पारदर्शी तथा जिम्मेदार तंत्र तथा बाजार व राजनीतिक जीवन आदि का समुचित व प्रभावी प्रबंधन करने वाली कायदे-कानूनों का निर्माण नीतियों के कार्यान्वयनव के बिना विकास का संपोषण संभव नहीं है। शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं तथा अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों ने शासन की संकल्पना को संकल्पनात्मक करने का प्रयास किया है। सुशासन की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
(1) सहभागिता - इसे सुशासन का आधार बिन्दु माना जाता है। सरकारें अपने नागरिकों को अपेक्षित स्वतंत्रता प्रदान करती हैं ताकि नीति-निर्माण तथा विकास प्रक्रियाओं में उनकी व्यापक व अर्थपूर्ण भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके।
(2) कानून का शासन - शासन का अर्थ अधिकार का स्वैच्छिक उपयोग नहीं है। शासन के किसी भी रूप के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक समुचित वैधानिक ढाँचे की मौजूदगी अनिवार्य है। इसके अवलम्ब के रूप में समुचित क्रियान्वयन तंत्र व स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना जोकि लोगों में विश्वास का सृजन कर सके, सुनिश्चित करना आवश्यक है।
(3) पारदर्शिता - यह सूचना के अबाध प्रवाह तथा शासनात्मक प्रक्रियाओं से प्रभावित होने वाले लोगों तक उसकी पहुँच के सिद्धान्त पर आधारित है। लोग सरकारी तथा अन्य क्षेत्रों के कामकाजों के पर्यवेक्षण तथा मूल्यांकन कर सकने में समर्थ हों, इसके लिए उन तक अपेक्षित सूचनाओं के अबाध प्रवाह को सुनिश्चित किया जाना परमावश्यक है।
(4) उत्तरदायित्व - पूर्व के शासन तंत्रों में इस तत्व का प्रायः अभाव पाया जाता था वर्तमान समय में ऐसे संस्थानों पर जोर दिया जा रहा है जो सभी सम्बन्धित लोगों की जरूरतों के प्रति जिम्मेदार हैं।
(5) समता - चूँकि शासन संरचनाओं व तंत्रों का लक्ष्य भागीदारी होता है। अतः उसके लिए यह आवश्यक है कि वे समता को सुनिश्चित करें। किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए यह अनिवार्य है कि उसमें समाज के प्रत्येक वर्ग की हिस्सेदारी हो, भूमिका हो व इनमें से किसी को मुख्यधारा से अलग-थलग नहीं किया जाए।
(6) प्रभावशीलता तथा कार्यकुशलता - सुशासन तथा नव लोक प्रबंधन के लिए यह अनिवार्य है कि वह संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग को सुनिश्चित करे, और इसके लिए उसे परिणामोन्मुखी कार्यकुशलता को बढ़ावा देना जरूरी होगा।
(7) जिम्मेवारियाँ - सुशासन की अवधारणा में इसका केन्द्रीय स्थान है। जिम्मेवारियों के मानकों के अनुपालन का मतलब है शासन को अपने कार्यों के प्रति उत्तरदायी बनाना। न केवल सार्वजनिक संस्थान वरन निजी क्षेत्र नागरिक समाज संगठन को भी जनता तथा सम्बन्धित पक्षों के प्रति उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए।
सुशासन के आधारभूत तत्व
विश्व बैंक ने सुशासन के आधारभूत तत्वों को निम्न रूप में रेखांकित किया है-
(1) कानून के शासन का संचालन - जिसके अन्तर्गत व्यक्तिगत सुरक्षा तथा बाजार के सामान्य संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व प्रभावी कानूनों का प्रबंध शामिल है। इन कानूनो के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र व प्रभावी न्यायपालिका तथा भ्रष्टाचार मुक्त कार्यपालिका की स्थापना आवश्यक है।
(2) नीतिगत वातावरण का सृजन - एक ऐसे नीतिगत वातावरण का सृजन करना जो आर्थिक विकास व गरीबी उन्मूलन को प्रेरित व संपोषित कर सके। इन नीतियों के अन्तर्गत वृहत आर्थिक तथा राजकोषीय नीतियाँ, प्रभावी बजटीय संस्थान, सरकारी खर्चों का बेहतर प्रबन्धन तथा वित्तीय व निजी क्षेत्र का प्रभावी नियमन शामिल है।
(3) आधारभूत संरचना तथा लोक कल्याण हेतु पर्याप्त निवेश (विशेषकर स्वास्थ्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में)
(4) वंचित व गरीब तबकों का विशेष उपायों के द्वारा संरक्षण व उन्हें विकास के माध्यम से समाज की मुख्य धारा में शामिल करने का प्रयास है।
(5) पर्यावरणीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले नीतिगत उपायों का प्रभावी क्रियान्वयन है।
U.N.D. P. की "सतत् मानवीय विकास के लिए शासन' विषय पर 1994 में आयोजित कार्यशाला में शासन के कुछ निम्न आधारभूत तत्वों को रेखांकित किया गया-
(1) सहभागिता
(2) जनता के प्रति जिम्मेवारियाँ
(3) शासन के तौर-तरीकों तथा संसाधनों का विकास
(4) सामाजिक उद्देश्य के लिए संसाधनों का संग्रहण
(5) कानून के शासन का परिचालन
(6) प्रेरक व सहयोगी वातावरण
(7) नियंत्रण के बजाय नियमन
(8) सेवा-उन्मुखता
(9) सतत् विकास
(10) जनता की स्वीकृति
(11) समता तथा समानता को बढ़ावा
(12) जेण्डर संतुलन पर बल
(13) उत्तरदायित्व।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
- प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।