बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
अथवा
सूत्र अभिकरणों के अर्थ को स्पष्ट कीजिए एवं प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
सूत्र या पंक्ति अभिकरण
प्रत्येक प्रशासनिक व्यवस्था में सरकार के प्रमुख प्राथमिक कार्यों को चलाने के लिए अनेक विभागों या प्रशासनिक अभिकरणों की स्थापना की जाती है। उन्हें पंक्ति अभिकरण कहा जाता है, क्योंकि सरकार के प्राथमिक उद्देश्यों की पूर्ति या क्रियान्वयन के लिए सभी आवश्यक फैसले यही अभिकरण लेते हैं और आदेश जारी करते हैं। प्रशासन के समादेशन, नियंत्रण, नियमन और निर्देशन का उत्तरदायित्व भी सूत्र अभिकरणों पर होता है। यह अभिकरण जनता से प्रत्यक्ष सम्पर्क में रहते हैं। नागरिको को बुनियादी सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं और उनसे तालमेल रखते हैं। इनके हाथ में सत्ता भी होती है और अधिकार भी। सरकार का कामकाज चलाने की बुनियादी जिम्मेदारी इन्हीं अभिकरणों पर होती है। इसीलिए इन्हें पंक्ति अभिकरण कहा जाता है। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग, इंडियन एअर लांइस कार्पोरेशन, जीवन बीमा निगम और केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड, भारत सरकार के पंक्ति अभिकरण हैं, उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में सरकार के विशिष्ट प्राथमिक उद्देश्यों की पूर्ति का दायित्व सौपा गया है।
अल्बर्ट लेपावस्की - "सूत्र अभिकरण में सत्ता तथा उत्तरदायित्व की रेखाएँ ऊपर से नीचे तक फैली होती हैं।'
सूत्र अभिकरण की प्रमुख विशेषताएँ एवं कार्य
सूत्र अभिकरण प्रशासन के एक प्रमुख अंग होते हैं। इनकी प्रमुख विशेषताएँ एवं कार्य निम्न प्रकार से हैं -
(1) संगठन के प्रमुख या प्राथमिक उद्देश्यों की पूर्ति - सूत्र या पंक्ति अभिकरणों की पहली विशेषता अथवा कार्य है कि वे संगठन (प्रशासन) के प्रमुख प्राथमिक या मूल उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य करते रहे। उदाहरण के लिए शिक्षण के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना, किसी भी विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य होता है। शिक्षण विभाग सीधे यह उद्देश्य प्राप्त करने के लिए काम करता है। इसलिए यह विश्वविद्यालय की पंक्ति इकाई है। लेकिन लेखा विभाग, परीक्षा विभाग या पुस्तकालय सीधे शिक्षण या शिक्षण प्रदान करने का काम नहीं करते हैं। इसीलिए उन्हें कर्मचारी (स्टाफ) या सहायक इकाई कहा जाता है।
(2) सरकारी कार्यक्रमों के संचालन का दायित्व - पंक्ति या सूत्र अभिकरणों की तीसरी विशेषता यह है कि वे सरकारी नीतियों के संचालन और विधायिका या कार्यपालिका द्वारा स्वीकृत कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए सीधे जिम्मेदार होते हैं। नीति पर अमल की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर होती हैं वे निर्णय लेते हैं, आदेश जारी करते हैं और प्रशासन का निर्देशन तथा समादेशन करते हैं।
(3) आम जनता से सीधे सम्पर्क सूत्र - अभिकरण नागरिकों के सीधे सम्पर्क में रहते हैं और उन्हें सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। जैसे शिक्षक, विद्यार्थियों को शिक्षा देते हैं। पुलिस कर्मचारी नागरिकों की सुरक्षा करते हैं। डॉक्टर नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं। इसी तरह सरकार में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग या कृषि विभाग आम जनता को सीधे सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं।
(4) मुख्य कार्यकारी (प्रशासक) से प्रत्यक्ष सम्पर्क सूत्र - अभिकरणों का प्रत्यक्ष सम्बन्ध मुख्य प्रशासक से होता है। सूत्र अभिकरण प्रत्यक्ष रूप से मुख्य प्रशासक के सीधे नियन्त्रण और निर्देशन में कार्य करते हैं। सूत्र अभिकरण मुख्य प्रशासक से आदेश प्राप्त कर उन्हें लागू करते हैं और प्रत्येक नीति कार्यक्रम घटनाओं की जानकारी मुख्य प्रशासक को उपलब्ध कराते हैं। सूत्र अभिकरण मुख्य प्रशासक और विधायिका के प्रति जवाबदेह होते हैं। जैसे सरकारी विभाग का मुखिया एक मंत्री होता है। जो सीधे प्रधानमंत्री और संसद के प्रति जवाबदेह होता है। इसी प्रकार सार्वजनिक निगम का निर्देशक प्रत्यक्ष रूप से सरकार और संसद के प्रति जवाबदेह होता है।
सूत्र अभिकरण के प्रकार
सूत्र अभिकरणों के तीन प्रकार होते हैं-
(1) विभाग (Department) - प्रमुख कार्यकारी के अधीन रहने वाले समस्त सरकारी कार्य को अनेक खंडों में विभाजित कर लिया जाता है। इनमें से प्रत्येक खण्ड को विभाग कहा जाता है। विभाग संगठन का सबसे बड़ा तथा अधिक प्रचलित स्वरूप है। यह सीधा ही मुख्य कार्यपालिका (Chief executive) के अधीन होता है यह स्पष्ट रूप से कमान की इकहरी श्रृंखला के साथ सम्बद्ध होता है। इस प्रकार विभाग प्रशासकीय पदसोपान (Administrative Hierachy) में सबसे बड़ी तथा उच्चतम इकाई है। प्रत्येक सरकार का अधिकतम कार्य विभागीय प्रणाली के अन्तर्गत ही चलाया जाता है। प्रतिरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, श्रम, गृह, कृषि, रेल, डाक व तार व वित्त आदि सरकार के प्रमुख विभाग होते हैं।
(2) लोक निगम (Public Corporation) - लोक निगम एक नया संगठन साधन है जो लोक प्रशासन में निजी प्रशासन से लिया गया है। लोक निगम व्यावसायिक तथा वाणिज्यिक क्षेत्रों में राज्य के प्रवेश का परिणाम है। प्रत्येक लोक निगम का एक निर्देशक मण्डल (Board of Directors) होता है। जो इसकी नीतियों को बनाता है और एक जनरल मैनेजर (General Manager) निगम के आन्तरिक प्रशासन को चलाता है। यह निगम निकाय (Body Corporate) होती है। जो अपने नाम पर सम्पत्ति, नकदी (cash) रखती है। इसको विशाल वित्तीय तथा प्रशासकीय स्वायत्तता (Financial and Administration Autonomy) प्राप्त होती है। परन्तु यह सरकारी नियन्त्रण से पूर्णतया मुक्त नहीं होती है। लोक निगम प्रणाली का प्रयोग उस समय किया जाता है जब सरकार उद्योग व्यापार एवं वाणिज्य के क्षेत्रों में स्वयं प्रवेश करना चाहती हो। आधुनिक काल में सरकार इन क्षेत्रों में प्रवेश कर चुकी है। इसलिए लोक निगम लोक प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India), जीवन बीमा निगम (LIC), भारतीय विमान निगम, एयर इण्डिया, भारतीय उद्योग निगम, केन्द्रीय भण्डारागार निगम, राजकीय व्यापार निगम आदि।
(3) स्वतन्त्र नियामक आयोग (Independent Regulatory Commission) - सूत्र अभिकरणों की तीसरी प्रकार स्वतन्त्र नियामक आयोग कहलाती है। इनमें कुछ लक्षण विभागी प्रणाली के तथा कुछ लक्षण लोक निगम प्रणाली के होते हैं। शीर्ष पर इसका स्वरूप निगम जैसा होता है, परन्तु आन्तरिक कार्य संचालन विभागी ढाँचे जैसा होता है। ये आयोग मुख्य कार्यकारी के नियन्त्रण से प्रायः मुक्त होते हैं। इनकी उपस्थिति प्रशासन को विश्रृंखला (Distintegrated) स्वरूप प्रदान करती है। यह प्रशासकीय, अर्द्ध- विधायी (Semi-Legislative) तथा अर्द्ध-न्यायिक (Semi- Judicial) प्रकृति के कार्य करते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में यह बहुत प्रचलित है तथा सरकारी प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग माने जाते हैं।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
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- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
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- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
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- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
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