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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2796
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन

प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
2. नवीन विकास प्रशासन के मौलिक सिद्धान्त बताइए।
3. विकास के भूमण्डलीकरण से आप क्या समझते हैं?
4. 'खुली अर्थव्यवस्था क्या है?
5. 'मौद्रिकवाद' को संक्षेप में समझाइए।
6. 'औद्योगीकरण' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
7. विकास प्रशासन के सन्दर्भ में पुनर्वितरण की रणनीति को समझाइए।

उत्तर -

विकास प्रशासन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त महत्वपूर्ण धारणा है। 20वीं सदी में जब विभिन्न राष्ट्र उपनिवेशवादी व साम्राज्यवादी राष्ट्रों के आधिपत्य से स्वतंत्र हुए तो उनके सम्मुख अपने विकास की चुनौती थी। इसके लिए प्रशासन का औपचारिक प्रारूप पर्याप्त नहीं था। अतः लोक प्रशासन के क्षेत्र में प्रशासन का नवीन प्रारूप व धारणा 'विकास प्रशासन' के रूप में अस्तित्व में आयी। विकास प्रशासन का उद्भव एवं इसके विकास के कई चरण रहे। इसे निम्नलिखित शीर्षकों के अधीन भली प्रकार समझा जा सकता है -

विकास प्रशासन उद्भव एवं विकास - विकास प्रशासन' शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1955 ई. में एक भारतीय विचारक 'गोस्वामी' द्वारा किया गया था। इस समय तक विकास प्रशासन एक धारणा के रूप में बिल्कुल ही गौण था। विकास प्रशासन की सम्मत धारणा को विकसित करने का श्रेय पश्चिमी विचारकों विशेषकर अमेरिकी बुद्धिजीवियों को जाता है, जोकि विकासशील देशों की विकास की समस्या को हल करने के लिए प्रेरित हुए। इस सम्बन्ध में अनेक प्रयास 20वीं शताब्दी के चौथे दशक से ही प्रारम्भ हो चुके थे।

वस्तुतः विकास प्रशासन के क्रमिक विकास के निम्नलिखित प्रमुख चरण रहे-

1. विकास प्रशासन के बहुविधि आयामों का प्रकटीकरण - प्रारम्भ में लोक प्रशासन के विद्यार्थियों ने विकास की समस्या को प्रशासनिक दृष्टिकोण से देखा। विकासशील देशों में योजना और कार्यक्रम को लागू करने के लिए अपेक्षित प्रशासनिक योग्यता का सामान्य रूप से अभाव पाया जाता है। लेकिन विकास प्रशासन पर प्रकाशित होने वाली विभिन्न पुस्तकों में इस सूक्ष्म अनुभव का विस्तृतीकरण हुआ और विकास प्रशासन के बहुविधि आयामों का प्रकटीकरण हुआ। इस प्रकार की कुछ प्रमुख कृतियों में रिग्स थी 'डेवलपमेन्ट इन एशिया' वीडनर की 'डेवलपमेन्ट एडमिनिस्ट्रेशन इन एशिया, ड्यूट वाल्डो की 'टेम्पोरल डाइमेब्शन्स ऑफ डेवलपमेन्ट एडमिनिस्ट्रेशन इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है।

2. नवीन विकास प्रशासन का उदय - 20वीं सदी के 7वें दशक के उत्तरार्द्ध में विकास अवधारणा में हुए व्यापक परिवर्तनों के चलते एक नए वातावरण का उदय हुआ। इसमें विकास प्रशासन की परम्परागत मान्यताओं का खण्डन किया जाने लगा। इस परिवर्तन के मूल में विकासशील देशों में समाजवाद का ह्रास, विशालकाय राज्य की असफलता, निजीकरण, जन सहभागिता और उदारवाद के विस्तार तथा औपचारिक उपकरणों की भूमिका विद्यमान रही। इन सब के परिणामस्वरुप 'नवीन विकास प्रशासन' का उदय हुआ। इसके मौलिक सिद्धान्त निम्नलिखित रहे

(i) विकेन्द्रीकरण पर बल
(ii) जन सहभागिता
(iii) सीमित सरकार
(iv) विकास के वैकल्पिक नमूनों की तलाश
(v) बहुल संस्कृतिवाद
(vi) संवृद्धिवाद इत्यादि।

शीघ्र ही विकास प्रशासन के इस प्रतिमान में भी परिवर्तन आने लगे। कई विचारकों द्वारा इस प्रतिमान की विफलता व दोषों की ओर ध्यान खीचां गया।

3. विकास के भूमण्डलीकरण की धारण का उदय - 20वीं सदी के 8वें दशक व इसके पश्चात् तक नवीन विकास प्रशासन की कमियाँ उजागर होने लगी थीं। फलस्वरुप विकास प्रशासन की धारणा के विकास में अगला चरण विकास के भूमण्डलीकरण के रूप में दिखाई देने लगा।

इस धारणा की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित रहीं-

(i) सभी राष्ट्रों के परस्पर अन्तर्निर्भरता होनी चाहिए।

(ii) विश्व की जनता की कुछ सामान्य समस्याएँ हैं, जिन्हें कुछ सामान्य प्रयासों द्वारा मिलजुलकर सुलझाया जा सकता है।

(iii) भूमण्डलीय विकास की धारणा को अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अर्थव्यवस्था के सिद्धान्त के आधार पर ही समझा जा सकता है।

इस प्रकार विकास प्रशासन की यह नवीन धारणा विकास प्रशासन को केवल विकासशील देशों तक ही सीमित नहीं मानती बल्कि इसमें स्वयं विकसित देशों की विकासात्मक आवश्यकताएँ भी सम्मिलित हैं जहाँ अत्यधिक विकास स्वयं विकास की निरन्तरता के लिए एक चुनौती बन गया है। वर्तमान समय में विकास प्रशासन की यही यही धारणा प्रचलित है।

विकास की विभिन्न रणनीतियाँ - किथ ग्रिफिन' ने विकास प्रशासन के सन्दर्भ में विकास की निम्नलिखित प्रमुख रणनीतियों का उल्लेख किया है

1. आर्थिक / मौद्रिकवाद - इसमें आर्थिक संसाधनों के निर्धारण में बाजार खण्ड की क्षमता की व्यापक भूमिका पर बल दिया जाता है, जिसका उद्देश्य आर्थिक स्थायित्व को प्राप्त करना है। राज्य की आर्थिक भूमिका इसमें न्यूनतम होती है।

2. खुली अर्थव्यवस्था - अभिवृद्धि के लिए इसमें उन नीतियाँ पर ध्यान दिया जाता है, जोकि विदेशी व्यापार और अन्य बहिरुन्मुखी सम्बन्ध प्रोत्साहन करती हैं।

3. औद्योगीकरण - इस रणनीति के तहत उत्पादन खण्ड पर प्रतिबल दिया जाता है क्योंकि इसे अभिवृद्धि का स्त्रोत माना जाता है। यह घरेलू और विदेशी की ओर उन्मुख होती है। औद्योगीकरण के उपप्रतिमान आयात के स्थानापन्न का प्रतिमान स्वीकारा गया है जिसमें पूँजीगत वस्तु के उत्पादन की बहुलता पायी जाती है और औद्योगीकरण का उद्देश्य निर्यात को बढ़ाना होता है।

4. पुनर्वितरण की रणनीति - इस रणनीति के अंतर्गत आय और धन के पुनर्वितरण पर बल दिया जाता है और विकास की प्रक्रिया में जनता की अधिकाधिक सहभागिता पर भी बल दिया जाता है। वर्तमान में अधिकांश राष्ट्रों में विकास प्रशासन के तहत इस रणनीति को प्रमुखता से अपनाया जा रहा है।

5. सामाजिक रणनीतियाँ - इस रणनीति में विकास के लिए राज्य की भूमिका को स्वीकार किया गया है जिसके अनुसार योजना राज्य के द्वारा कृषि, सार्वजनिक उत्पादन खण्ड, इत्यादि जैसे उपाय अपनाये जाते हैं। यद्यपि इसमें केन्द्रीय राज्य की भूमिका अति राज्यवाद से लेकर आत्म प्रबन्धन की हो सकती है।

निष्कर्ष - उपर्युक्त सम्पूर्ण विवेचन के आधार पर निष्कर्षतया यह कहा जा सकता है कि विकास प्रशासन का उदय बीसवीं सदी के मध्य में हुआ और अपने उदय के साथ ही इसका विकास तेजी से प्रारम्भ हो गया। इसके विकास के कई चरण आये और आज की भी इसकी विकास यात्रा अनवरत् रूप से जारी है। विकास प्रशासन के तहत कई रणनीतियाँ अपनाई गई हैं परन्तु इनमें अभी और अधिक सुधार की आवश्यकता है तभी विकास प्रशासन अपना औचित्य सिद्ध कर सकेगा।

 

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
  2. प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  5. प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
  6. प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
  7. प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
  8. प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
  9. प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
  10. प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
  11. प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
  12. प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
  13. प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्मिक प्रशासन के मूल तत्व क्या हैं?
  15. प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
  16. प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
  17. प्रश्न- अनुशासन से क्या तात्पर्य है? लोक प्रशासन में अनुशासन के महत्व को दर्शाइए।
  18. प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- लोक सेवकों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उन पर लगाए गए प्रतिबन्धों का वर्णन कीजिए।
  20. प्रश्न- किसी संगठन में अनुशासन के योगदान पर टिप्पणी लिखिए।
  21. प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
  22. प्रश्न- "अनुशासन में गिरावट लोक प्रशासन के लिए चुनौती" इस कथन पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
  23. प्रश्न- लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? निजी प्रशासन लोक प्रशासन से किस प्रकार भिन्न है?
  24. प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
  25. प्रश्न- निजी प्रशासन में लोक प्रशासन की अपेक्षा भ्रष्टाचार की सम्भावनाएँ कम है, कैसे?
  26. प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
  28. प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
  29. प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
  30. प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
  31. प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  32. प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
  34. प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  35. प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
  36. प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  37. प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
  39. प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
  40. प्रश्न- पदसोपान प्रणाली के गुण व दोष बताते हुए इसका मूल्यांकन कीजिए।
  41. प्रश्न- संगठन के आदेश की एकता सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  42. प्रश्न- आदेश की एकता सिद्धान्त के गुण बताते हुए इसकी समालोचनाओं पर भी प्रकाश डालिए।
  43. प्रश्न- 'प्रत्यायोजन' से आप क्या समझते हैं? प्रत्यायोजन को परिभाषित करते हुए इसकी आवश्यकता एवं महत्व को बताइए।
  44. प्रश्न- प्रत्यायोजन के विभिन्न सिद्धान्तों एवं प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- संगठन के सिद्धान्तों के विशेष सन्दर्भ में प्रशासन को लूथर गुलिक एवं लिंडल उर्विक के योगदान की विवेचना कीजिए।
  46. प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
  47. प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
  48. प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
  49. प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
  50. प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
  51. प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
  53. प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
  54. प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
  55. प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
  56. प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
  58. प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
  60. प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
  62. प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  63. प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
  64. प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
  65. प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
  67. प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
  68. प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
  69. प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  70. प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
  71. प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
  72. प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  73. प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
  74. प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
  75. प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
  76. प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
  77. प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  79. प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
  81. प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
  82. प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
  83. प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
  84. प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
  85. प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
  86. प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
  87. प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की हरबर्ट साइमन द्वारा प्रस्तुत आलोचना पर प्रकाश डालिए।
  88. प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
  89. प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
  90. प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
  91. प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
  92. प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
  93. प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
  94. प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
  95. प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
  97. प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
  99. प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
  101. प्रश्न- भारतीय क्षेत्र में सुशासन स्थापित करने की प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी हैं? स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
  103. प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
  105. प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
  106. प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
  108. प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  109. प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
  110. प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
  111. प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
  112. प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
  113. प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  114. प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  115. प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  116. प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
  118. प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

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