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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।

अथवा
प्रतिनिधि सभा की शक्तियों का वर्णन कीजिए एवं प्रतिनिधि सभा के दुर्बलता के क्या कारण हैं?

सम्बन्धित लघु / अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्रतिनिधि सभा के बारे में आप क्या जानते हैं?
2. प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के विशेषाधिकार पर प्रकाश डालिए।
3. अमेरिका के प्रतिनिधि सभा में जैरीमैण्डरिंग से आप क्या समझते हैं?
4. प्रतिनिधि सभा की शक्ति पर प्रकाश डालिए।
5. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के प्रमुख कार्य क्या-क्या हैं?
6. सीनेट की तुलना में प्रतिनिधि सभा के दुर्बलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

प्रतिनिधि सभा

कांग्रेस के निम्न और लोकप्रिय सदन को प्रतिनिधि सभा कहा जाता है जिसे जनता प्रत्यक्ष रूप से प्रतिनिधियों का चुनाव करती है। प्रतिनिधि सभा का संगठन जनसंख्या के आधार पर होता है। इसका कार्यकाल 2 वर्ष का होता है और इसके पहले न तो इसे भंग किया जा सकता है और न ही इसका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है और दो वर्षों के बीच किसी सदस्य के स्थान रिक्त होने पर उपचुनाव की भी व्यवस्था है। वर्तमान में इसकी सदस्य संख्या 435 है। जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व की व्यवस्था होने के कारण प्रतिनिधि सभा में बड़े राज्यों को अधिक और छोटे राज्यों को कम प्रतिनिधित्व प्राप्त है। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक 30,000 आबादी पर या उससे भी कम आबादी पर प्रत्येक राज्य से कम से कम एक प्रतिनिधि अवश्य होगा। प्रतिनिधि सभा के लिए न्यूयार्क राज्य से 43 प्रतिनिधि, और अलास्का, नेवादा, डैलोपेयर, व्योमिंग राज्य से एक प्रतिनिधि चुना जाता है।

परन्तु इसके बाद लगातार जनसंख्या वृद्धि के कारण 1963 में 4 लाख 45 हजार जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि निश्चित किया और यह व्यवस्था वहाँ के मूल संविधान में भी बनी हुई है।

सदस्यों की योग्यताएँ प्रतिनिधि सभा के सदस्य के चुनाव के लिए निम्न योग्यताएँ होनी चाहिए-

1. 25 वर्ष वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
2. प्रत्याशी कम से कम 7 वर्ष से उस राज्य का नागरिक व उस क्षेत्र का निवासी हो।
3. जहाँ से वह चुनाव लड़ रहा हो इसे स्थानीयता का नियम कहते हैं।

4. उम्मीदवार के लिए यह आवश्यक नहीं कि वह अमेरिका का जन्मजात नागरिक हो आवश्यक यह है कि वह कम से कम 7 साल से अमेरिका का नागरिक हो।

निर्वाचन प्रणाली - प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचन प्रत्येक 2 वर्ष बाद होता है। निर्वाचन भारतीय लोक सभा की भांति वयस्क मताधिकार के आधार पर एक सदस्यीय चुनाव क्षेत्र प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं। मताधिकार स्त्री व पुरुष दोनों को समान रूप से अधिकार प्राप्त है। पहले स्त्रियों को मताधिकार का अधिकार नहीं था। परन्तु 1920 में संविधान के 19वें संशोधन द्वारा उन्हें भी यह अधिकार सौंपा गया। इसी प्रकार 1964-65 में नागरिक मताधिकार नियम द्वारा अशिक्षित हब्शियों को मताधिकार का अधिकार देकर रंग भेद को समाप्त कर दिया गया। इसी प्रकार मताधिकार के आयु के लिखित प्रावधान नहीं है। इस सम्बन्ध में अलग-अलग राज्यों के जार्जिया तथा कैण्टकी में यह आयु 18 वर्ष, अलास्का में 19 वर्ष, 21 वर्ष है। मतदाता बनने के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति उस राज्य में कुछ समय से रहा हो और यह समय अलग-अलग राज्यों में 2 वर्ष से 6 माह तक है।

वेतन - प्रतिनिधि सभा के सदस्यों के वेतन, भत्ते विशेषाधिकार और उन्मुक्तियाँ वे ही हैं जो सीनेट सदस्यों की हैं और सदस्यों के वेतन व भत्ते संचित निधि से प्रदान किये जाते हैं। वर्तमान में इसके सदस्यों को 30 हजार डालर वार्षिक वेतन 17500 डालर लिपिकीय भत्ता, 12000 डालर कार्यालय भत्ता व अन्य भत्ते प्राप्त होते हैं। वेतन पर उनको आयकर देना चाहता है। सदस्यों को अधिवेशन में उपस्थित होना या यात्रा व अन्य दैनिक भत्ता मिलता है तथा संचार सुविधा भी मुफ्त मिलती है।

सदस्यों के विशेषाधिकार - प्रतिनिधि सभा के सदस्यों को निम्न विशेषाधिकार प्राप्त हैं-

1. सदस्यों को किसी न्यायालय में गवाही या जूरी में कार्य करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

2. इनके सदस्यों के विरुद्ध महाभियोग नहीं चलाया जा सकता है।

3. सदस्यों को सदन में विचार अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता है और इस विचार के व्यक्त करने उन पर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, न ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

4. प्रतिनिधि सभा के सदस्यों को अधिवेशन के दिनों में अधिवेशन के आते या जाते समय नी मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ दीवानी मामले पर ही लागू है फौजदारी पर। शान्ति भंग, देशद्रोह, भ्रष्टाचार या गंभीर अपराध के लिए उन्हें किसी भी समय गिरफ्तार किया जाता है।

जैरी मैण्डरिंग - प्रतिनिधि सभा के गठन में एक महत्वपूर्ण प्रथा जैरी मैण्डरिंग की है। इस प्रथा को 1824 में मैसाचुसेट्स के गवर्नर एलब्रिज जैरी द्वारा प्रारम्भ किया गया। अतः इसका नाम जैरीमैण्डरिंग पड़ा। यह अमेरिकी प्रजातांत्रिक व्यवस्था की दोषपूर्ण प्रथा है जिसके अंतर्गत सत्ताधारी दल चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन इस प्रकार करता है कि उसका अधिकतम लाभ सत्ताधारी दल को पहुंचे। मुनरो के शब्दों में "अमेरिकी राजनीति में जैरी मैण्डरिंग एक दूषित तत्व रहा है तथा जनता की भावनाएँ धीरे-धीरे इसके विरुद्ध होती जा रही हैं यदि कोई दल इसका प्रयोग करता है तो स्वयं उसके लिए विनाशकारी सिद्ध होता है। 1964 के सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से कि प्रत्येक व्यक्ति का मत उतना ही मूल्यवान होना चाहिए जितना दूसरे का, वैज्ञानिक आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन के प्रयास सार्थक हुए। कांग्रेस ने भी कानून द्वारा निश्चित किया है कि कोई भी निर्वाचन क्षेत्र औसत निर्वाचन क्षेत्र से 15 प्रतिशत से अधिक बड़ा न हो।"

गणपूर्ति - गणपूर्ति के संबंध में भी सीनेट के समान ही व्यवस्था की गयी है कि प्रतिनिधि सभा की सभी बैठकें तभी वैध समझी जायेगी जबकि सदस्यों की कुल संख्या का बहुमत उपस्थित हो।

प्रतिनिधि सभा की शक्तियाँ व कार्य - संविधान के अनुसार अमेरिका की समस्त विधायी शक्तियाँ कांग्रेस में निहित हैं, जिनका प्रयोग प्रतिनिधि सभा व सीनेट समान रूप से करती है। वैसे तो सीनेट प्रतिनिधि सभा की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली है। परन्तु फिर भी इसे कुछ अधिकार शक्तियाँ प्राप्त हैं जो निम्नलिखित हैं-

1. व्यवस्थापन सम्बन्धी शक्तियाँ (Legislative Powers) - प्रतिनिधि सभा की विधायी शक्तियों को साधारण वित्त व संवैधानिक विधेयकों के संदर्भ में देखा जा सकता है -

(i) साधारण विधेयकों के सम्बन्ध में प्रतिनिधि सभा को सीनेट के समान ही अधिकार प्राप्त हैं। विधेयक को प्रतिनिधि सभा अथवा सीनेट में से किसी में भी प्रस्तुत किया जा सकता है। विधेयक के पारित होने के लिए प्रतिनिधि सभा की स्वीकृति भी आवश्यक है।

(ii) वित्त विधेयक केवल प्रतिनिधि सभा में ही प्रस्तुत किये जा सकते हैं। केवल प्रस्तुतीकर को छोडकर वित्त विधेयक के सम्बन्ध में सीनेट व प्रतिनिधि सभा को समान अधिकार प्राप्त है। वित्त विधेयक के पारित होने के लिए प्रतिनिधि सभा की भांति सीनेट की स्वीकृति होना भी आवश्यक है। इस प्रकार इंग्लड व भारत की तुलना में वित्त विधेयक के संबंध में सीनेट को अधिक शक्ति प्राप्त है।

(iii) संविधान संशोधन सम्बन्धी विधेयकों के सम्बन्ध में भी प्रतिनिधि सभा को सीनेट के समान ही अधिकार प्राप्त है। कांग्रेस के दोनों सदनों के पृथक-पृथक दो तिहाई (2/3) बहुमत से स्वीकृत होने पर ही, संविधान संशोधन विधेयक पारित हो सकता है।

2. कार्यपालिका सम्बन्धी (Executive Powers ) - कार्यपालिका के क्षेत्र में प्रतिनिधि सभा की शक्तियाँ सीनेट की अपेक्षा कम हैं। प्रतिनिधि सभा की कार्यपालिका सम्बन्धी शक्तियाँ निम्न हैं-

1. प्रतिनिधि सभा सीनेट के साथ मिलकर युद्ध की घोषणा करती है।

2. प्रतिनिधि सभा अपनी स्थायी तथा विशेष समितियों के द्वारा संघीय सरकार के प्रशासन तथा संघीय न्यायपालिका के कार्यों की जांच कर सकती है।

3. राष्ट्रपति की नियुक्ति के संबंध में प्रतिनिधि सभा को विशेषाधिकार प्राप्त हैं। यदि कभी निर्वाचन मंडल द्वारा डाले गये मतों के आधार पर किसी भी प्रत्याशी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न हो, तो प्रतिनिधि सभा को यह अधिकार प्राप्त है कि प्रथम तीन प्रत्याशियों में से किसी एक को राष्ट्रपति पद का अधिकारी घोषित कर दे। वर्ष 1801 व 1825 में प्रतिनिधि सभा ने इसी विधि के अंतर्गत राष्ट्रपति का निर्वाचन किया।

4. प्रतिनिधि सभा सीनेट के साथ मिलकर अपने व सीनेट के सदस्यों के निर्वाचन का समय. स्थान व प्रक्रिया भी तय करती है।

3. न्यायपालिका सम्बन्धी शक्तियाँ - राष्ट्रपति सहित राज्य के अन्य उच्च अधिकारियों पर महाभियोग प्रस्ताव केवल प्रतिनिधि सभा में ही लाया जा सकता है। महाभियोग पर सुनवाई तथा महाभियोग प्रस्ताव स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने का अधिकार सीनेट का है। संविधान की धारा 1 खण्ड-2 के अनुसार प्रतिनिधि सभा को केवल महाभियोग लाने का अधिकार है, उस पर सुनाई करने का नहीं।

4. अन्य शक्तियाँ - उपरोक्त वर्णित शक्तियों के अतिरिक्त प्रतिनिधि सभा को कुछ अन्य शक्तियाँ भी प्राप्त हैं। जैसे वह अपने सदस्यों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकती है। ऐसे किसी व्यक्ति को दंडित कर सकती है जिसके व्यवहार से सदन की कार्यवाही में बाधा पड़ी हो। प्रतिनिधि सभा अपनी कार्य-प्रणाली के संबंध में स्वयं नियम निर्माण कर सकती है। वह अपने सदस्यों के लिए नियमों का निर्माण भी कर सकती है तथा चुनाव सम्बन्धी विवादों का निर्णय कर सकती है। सदन के दो तिहाई बहुमत से किसी सदस्य की सदस्यता समाप्त की जा सकती है।

सीनेट की तुलना में प्रतिनिधि सभा के दुर्बलता के कारण - अमेरिकी कांग्रेस के सदनों में सीनेट सर्वाधिक शक्तिशाली द्वितीय सदन है तो दूसरी ओर प्रतिनिधि सभा विश्व का सबसे कमजोर प्रथम सदन है। भारत, ब्रिटेन, कनाडा, जापान व स्विट्जरलैंड के प्रथम सदन की अपेक्षा यह अत्यन्त कमजोर है। लास्की के शब्दों में- "प्रतिनिधि सभा उन कृत्यों को करने में, जो उससे अपेक्षित है, नितान्त असफल रही हैं और प्रतिनिधि सभा के दुर्बलता के निम्न कारण हैं -

1. अमेरिका की अध्यक्षीय शासन प्रणाली - अमेरिका में अध्यक्षीय शासन प्रणाली व शक्ति पृथक्कीकरण के सिद्धान्त का होना प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता का प्रमुख कारण है। कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी न होकर स्वयं में स्वतंत्र है जबकि संघीय व्यवस्था में कार्यपालिका व्यवस्थापिका में से ली जाती है और वह निम्न सदन के प्रति उत्तरदायी होती है। परन्तु अमेरिका में तीनों ही अंग स्वायत्त रूप से कार्य करते हैं। अतः संसदीय शासन प्रणाली की तुलना में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा कार्यपालिका के सम्बन्ध में शक्तिहीन है।

2. विशाल आकार व दुरूह कार्य प्रणाली - प्रतिनिधि सभा का विशाल आकार तथा दुरूह कार्य- प्रणाली भी इस दुर्बलता के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। जबकि सीनेट में मात्र 100 सदस्य हैं और प्रतिनिधि सभा में 435 सदस्य और यही कारण है कि किसी भी विषय पर वह गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श नहीं कर सकती है।

3. उच्च सदन को विशेषाधिकार की प्राप्ति - अमेरिकी संविधान ने कांग्रेस के उच्च सदन सीनेट कुछ विशेषाधिकार प्रदान किये हैं जिससे सीनेट की तुलना में प्रतिनिधि सभा की स्थिति कमजोर हो संविदों का पुष्टीकरण, उच्च प्रतिनिधियों की स्वीकृति विभागीय जाँच आदि अधिकार केवल सीनेट का हा प्राप्त हैं और यही कारण है कि अमेरिका में सीनेट सदस्य होना, प्रतिनिधि सभा के सदस्यों की अपेक्षा अत्यधिक सम्मानजनक समझा जाता है।

4. वित्तीय क्षेत्र पर एकाधिकार का अभाव - साधारण तौर पर व्यवस्थापिका के प्रथम सदन को राष्ट्रीय वित्त पर एकाधिकार प्राप्त होता है और भारत, ब्रिटेन, कनाडा जैसे देशों में ऐसा है भी और इसी कारण प्रथम सदन उच्च स्थिति प्राप्त कर लेता है परन्तु अमेरिका में ऐसा नहीं है बल्कि वित्तीय क्षेत्र में सीनेट उसकी सहभागी है और वही वित्त विधेयक को पारित कर सकती है तथा उसमें संशोधन कर सकती है।

5. कानून निर्माण के क्षेत्र में समान अधिकार - कानून बनाने के क्षेत्र में कांग्रेस के दोनों सदनों प्रतिनिधि सभा तथा सीनेट को समान अधिकार प्राप्त हैं। इंग्लैंड तथा भारत में वित्त विधेयक पर प्रथम सदन अधिक शक्तिशाली है परन्तु कानून निर्माण के क्षेत्र में सीनेट को शक्तिशाली शक्ति प्राप्त होने से प्रतिनिधि सभा का दुर्बल होना स्वाभाविक है।

6. सीनेट की विशिष्ट कार्यपालिका शक्ति - विश्व के अन्य देशों पर प्रथम सदन का कार्यपालिका पर नियंत्रण होता है परन्तु अमेरिका में यह शक्ति सीनेट को प्राप्त है और सीनेट को राष्ट्रपति के परामर्शदात्री समिति माना जाता है और उसी के द्वारा नियुक्तियों की स्वीकृति, विभागीय जाँच, सन्धि की पुष्टि का अधिकार प्राप्त है और इसी कारण सीनेट ऐसा शक्तिशाली सदन बन गया है जो भारत तथा ब्रिटेन में लोकसदन व लोकसभा को प्राप्त है और यही कारण है कि वह सीनेट के आगे या अन्य विश्व के प्रथम सदनों के आगे निर्बल व शक्तिहीन बन गया है और सीनेट की तुलना में उसकी स्थिति गौण हो गई है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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