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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2795
आईएसबीएन :0

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तुलनात्मक सरकार और राजनीति : यू के, यू एस ए, स्विटजरलैण्ड, चीन

अध्याय - 9

स्विट्जरलैण्ड का संविधान

(The Constitution of Switzerland)

प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

स्विस संविधान की विशेषताएँ

स्विट्जरलैण्ड संविधान विश्व की सबसे प्रमुख राजनीतिक प्रयोगशाला है और उसका संविधान निश्चित रूप से बहुत अधिक मौलिक तथा विलक्षण है। संविधान की इन विशेषताओं ने ही इस छोटे से देश की संवैधानिक व्यवस्था के अध्ययन को बहुत अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है और समस्त विश्व में राजनीतिक अध्ययन के प्रति रुचि रखने वाले व्यक्ति इसका अध्ययन करते है। स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का अध्ययन निम्न रूपों में किया जा सकता है -

 

1. निर्मित, लिखित और अपेक्षाकृत व्यापक संविधान - 1848 में निर्मित संविधान जो 1998 तक लागू था एक निर्मित लिखित और व्यापक संविधान था और अब 1998 में निर्मित तथा 1999 में लागू किया गया संविधान भी एक निर्मित लिखित तथा व्यापक की तुलना में भी अधिक व्यापक है। 1848 में निर्मित और 1874 ई. में पूर्ण संशोधित संविधान में 123 धाराएँ और तीन अध्याय थे, वर्तमान संविधान में 195 धाराएँ और 4 अध्याय हैं।

स्विस संविधान के इस अपेक्षाकृत बड़े आकार के दो कारण हैं 1. इसमें प्रत्येक ऐसे विषयों का उल्लेख किया गया है, जिसका वास्तव में कोई संवैधानिक महत्व नहीं है और 2. इसमें संघीय सरकार के अधिकारों तथा संघीय व कैण्टनों की सरकारों के बीच विधायी तथा प्रशासकीय अधिकार क्षेत्र के विभाजन का वर्णन अत्यधिक विस्तार से किया गया है। इस स्थिति को यह सोचकर अपनाया गया है कि स्विट्जरलैण्ड उन संवैधानिक विवादों से लगभग मुक्त रहे, जिसके कारण संयुक्त राज्य अमरीका में न्यायपालिका इतनी शक्तिशाली हो गई है।

2. कठोर संविधान - स्विस संविधान एक कठोर संविधान है। अर्थात् उसमें संशोधन करने के लिए सामान्य कानून के निर्माण की प्रक्रिया से भिन्न एक प्रक्रिया को अपनाना होता है। संघात्मक शासन- व्यवस्था को अपनाये जाने के कारण संविधान का कठोर होना आवश्यक भी था। व्यवहार के अन्तर्गत यद्यपि संशोधन की प्रक्रिया भारत की व्यवस्था से अधिक जटिल है। परन्तु अम्रीका की तुलना में निश्चित रूप से कम कठोर है। इस स्थिति का कारण यह भी है कि स्विस व्यक्ति अपने व्यवहार में पर्याप्त लचीले हैं तथा वे आवश्यकतानुसार संविधान में संशोधन करने में संकोच नहीं करते।

3. प्राचीनतम गणराज्य - स्विट्जरलैण्ड का गणराज्य विश्व का सबसे पुराना है। 1870 तक सान मेरिनो तथा हेसा टाऊन जैसे दो कम महत्वपूर्ण राज्यों के अतिरिक्त स्विटजरलैण्ड ही यूरोप का एकमात्र गणराज्य था। यूरोप और एशिया के प्रायः सभी देशों में जब स्वेच्छाचारी और निरंकुश राजाओं का शासन था उस समय भी स्विटजरलैण्ड के समस्त कैण्टनों में लोकतन्त्रात्मक गणराज्य स्थापित था और वहाँ की जनता को पर्याप्त अधिकार प्राप्त थे जिनके आधार पर वह शासन तथा शासनाधिकारियों पर पर्याप्त नियन्त्रण रखती थी। वहाँ किसी भी समय राजतन्त्र नहीं रहा।

4. प्रत्यक्ष लोकतन्त्र और उसके साधन - स्विस संविधान के द्वारा लोकतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था को सर्वाधिक श्रेष्ठ रूप में अपनाया गया है। वर्तमान समय में विश्व के अन्य राज्यों में जब प्रत्यक्ष लोकतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था को अव्यावहारिक मानकर छोड़ दिया गया है। तब भी स्विट्जरलैण्ड के एक पूर्ण कैण्टन (ग्लेरस) और चार अर्द्ध कैण्टनों (ओबवाल्डेन निड वाल्डेन इनर अपेनजेल और आउटर अपेनजेल) में प्रत्यक्ष लोकतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था विद्यमान है और इन कैण्टनों में मतदाताओं की सभाओं लैण्ड्सजीमाइण्ड द्वारा कानून निर्माण का कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त स्विटजरलैण्ड में संघीय स्तर और कैण्टनों के स्तर पर लोकनिर्णय और आरम्भक की प्रत्यक्ष लोकतन्त्रात्मक पद्धतियों को सफलता के साथ अपनाया गया है। इस प्रकार स्विटरजरलैण्ड को लोकतन्त्र का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण कहा जा सकता है।

5. संघात्मक शासन व्यवस्था - संविधान में स्विट्जरलैण्ड को एक राज्यमण्डल कहा गया है किन्तु वास्तव में स्विटरलैण्ड एक राज्यमण्डल न होकर संघ राज्य ही है। स्विस संविधान में संघात्मक शासन के सभी प्रमुख लक्षणों लिखित और कठोर संविधान द्वारा केन्द्र और इकाइयों में शक्तियों का विभाजन संघीय न्यायपालिका, राज्यों की नागरिकता और संघीय व्यवस्थापिका के द्वितीय सदन में सभी इकाइयों को समान प्रतिनिधित्व की व्याख्या की गयी है।

स्विस संघ में 20 पूर्ण कैप्टन तथा 6 अर्द्ध कैण्टन इस प्रकार 23 कैण्टन या राज्य हैं। पूर्ण कैण्टन और अर्द्ध कैण्टन में दो बातों की दृष्टि से भेद किया गया है। प्रथम, जहाँ प्रत्येक पूर्ण कैण्टन को संघीय संसद के द्वितीय सदन सीनेट में 2 प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है। वहाँ अर्द्ध कैण्टन को 1 प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है। दूसरा भेद यह है कि संवैधानिक संशोधन के समय जहाँ पूर्ण कैण्टन का मत एक गिना जाता है। वहाँ अर्द्ध कैण्टन का मत आधा गिना जाता है। संविधान के द्वारा केन्द्र और कैण्टनों की सरकारों में शक्तियों का विभाजन अमरीकी पद्धति के आधार पर किया गया है। संविधान में परिसंघ की शक्तियों का वर्णन कर दिया गया है। शेष शक्तियाँ कैण्टनों की सरकारों को दी गयी हैं। कैण्टनों को अपना अलग संविधान बनाने का अधिकार है। परन्तु उनका संविधान स्विस संविधान के अनुरूप होना चाहिए और प्रत्येक कैण्टन के लिए गणतन्त्रीय शासन प्रणाली को अपनाना आवश्यक है। यद्यपि संघीय न्यायपालिका को संघीय क्षेत्र में न्यायिक पुनर्विलोकन का अधिकार प्राप्त नहीं है। लेकिन अन्य सभी लक्षणों के विद्यमान होने के कारण इसे एक संघ राज्य कहा जा सकता है।

6. उदारवादी दर्शन पर आधारित संविधान - स्विट्रलैण्ड के संविधान पर उदारवादी दर्शन का ही प्रभाव है। संविधान का मूल दर्शन यही है कि जीवन के सभी क्षेत्रों में नागरिक को अधिकतम सम्भव सीमा तक स्वतन्त्रता प्राप्त होनी चाहिए और राज्य के द्वारा क-से-कम हस्तक्षेप किया जाना चाहिए। यद्यपि वर्तमान समय में स्विट्जरलैण्ड में भी राज्य के कार्यक्षेत्र के सम्बन्ध में लोककल्याणकारी प्रवृत्तियों का विकास हो रहा है।

7. संसदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन का समन्वय - सामान्यतया ऐसा समझा जाता है कि प्रजातन्त्र में या तो ब्रिटेन जैसी संसदात्मक व्यवस्था को अपनाया जा सकता है या अमरीका जैसी अध्यक्षात्मक व्यवस्था को, लेकिन स्विट्जरलैण्ड की शासन व्यवस्था एक अपवाद है। क्योंकि यह न तो पूर्णतया संसदात्मक सिद्धान्त के अनुकूल है और न ही अध्यक्षात्मक सिद्धान्तों के स्विटजरलैण्ड में व्यवस्थापिका (संघीय संसद) और कार्यपालिका (संघीय सरकार) परस्पर सम्बन्धित है। लेकिन इंग्लैण्ड के समान कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी नहीं है और व्यवस्थापिका कार्यपालिका को पदच्युत नहीं कर सकती। इसे अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें अमरीकी संविधान के समान शक्ति विभाजन के सिद्धान्त को नहीं अपनाया गया है। स्विस संविधान द्वारा संसदात्मक और अध्यक्षात्मक दोनों ही प्रकार की शासन व्यवस्थाओं के मूल गुणों को ग्रहण कर एक नवीन शासन व्यवस्था को जन्म दिया गया है।

8. बहुल कार्यपालिका - स्विस कार्यपालिका का स्वरूप बहुल है, जिसमें कार्यपालिका शक्ति 7 सदस्यों की एक संघीय सरकार को प्रदान की गयी है और संघीय सरकार के इन सातों सदस्यों की शक्तियाँ बिल्कुल समान हैं। इसी आधार पर इसे बहुल कार्यपालिका कहा जाता है।

9. धर्म निरपेक्ष राज्य - स्विस संविधान के द्वारा एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना की गई है। संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में सर्वाधिक प्रमुख रूप से अनुच्छेद 15 से धर्मनिरपेक्षता का यह स्वरूप पूर्णतया स्पष्ट हो जाता है। अनुच्छेद 15 सभी नागरिकों को धर्म और दर्शन की स्वतन्त्रता प्रदान करता है।

10. प्रशासनिक कानून पर आधारित न्यायपालिका - स्विस संविधान में विधि के शासन के स्थान पर प्रशासनिक कानून की व्यवस्था को अपनाया गया है, जिसके अन्तर्गत जनसाधारण तथा प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए पृथक-पृथक न्यायालय होते हैं। डायसी और अन्य ब्रिटिश लेखक प्रशासकीय कानून और न्याय व्यवस्था को नागरिक अधिकारों पर आघात समझते है। परन्तु यदि न्यायाधीश निष्पक्ष हो तो इस प्रकार की न्याय व्यवस्था को दोषों से मुक्त रखा जा सकता है।

11. मूल अधिकारों की व्यवस्था - स्विस संविधान के अनुच्छेद 7 से 36 तक मूल अधिकारों का उल्लेख किया गया है। मूल अधिकारों से सम्बन्धित प्रथम अनुच्छेद, अनुच्छेद 7 में कहा गया है। "मानवीय गरिमा का सम्मान किया जाएगा तथा रक्षा की जाएगी। यह मूल अधिकारों का उद्देश्य है तथा व्यवहार में नागरिक को वे सभी अधिकार ( नागरिक, सामाजिक, शैक्षणिक आर्थिक और राजनीतिक) दिए गए हैं जो व्यक्ति के लिए गौरव गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए आवश्यक समझे जा सकते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन क्षेत्र की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति से आप क्या समझते हैं? इसकी प्रकृति को स्पष्ट कीजिए।
  4. प्रश्न- तुलनात्मक राजनीति और तुलनात्मक सरकार में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  5. प्रश्न- उदार लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताएँ लिखिए।
  6. प्रश्न- पूँजीवाद से आप क्या समझते हैं, इसके गुण-दोष क्या हैं?
  7. प्रश्न- समाजवादी राज्य क्या है, इसकी कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालिए।
  8. प्रश्न- समाजवाद की परिभाषा दीजिए। विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- उपनिवेशवाद क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- विकासशील देशों में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- रूढ़ियों से क्या अभिप्राय है? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- रूढ़ियों कानून से किस प्रकार भिन्न हैं? प्रमुख अभिसमयों का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- रूढ़ियों का पालन क्यों होता है? स्पष्ट कीजिये।
  14. प्रश्न- राजपद से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  15. प्रश्न- राजा एवं राजपद अन्तर को स्पष्ट कीजिये।
  16. प्रश्न- मन्त्रिमण्डलात्मक प्रणाली का उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के संगठन एवं मंत्रिमण्डल व्यवस्था की विशेषताओं की विवेचना कीजिए।
  18. प्रश्न- मन्त्रिमंडल के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- बिटिश प्रधानमंत्री सारे शासन तंत्र की धुरी है।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
  20. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन की सम्प्रभुता की विवेचना कीजिए तथा इस प्रभुसत्ता की सीमाओं का उल्लेख कीजिए।
  21. प्रश्न- लार्ड सभा की रचना कार्यों व उनकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- इंग्लैंड की समिति प्रणाली के बारे में आप क्या जानते हैं? इसके कितने प्रकार होते हैं?
  23. प्रश्न- कामन्स सभा क्या है? इसके संगठन एवं पदाधिकारियों का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- कामन्स सभा की शक्तियों, कार्यों एवं व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- कामन सभा के स्पीकर एवं उसकी शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- ब्रिटिश समिति व्यवस्था की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- ब्रिटेन में विधेयकों का वर्गीकरण कीजिए एवं व्यवस्थापन प्रक्रिया पर प्रकाश डालिये।
  28. प्रश्न- न्यायपालिका से आप क्या समझते हैं? इसके प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- ब्रिटिश न्यायपालिका के संगठन पर प्रकाश डालिए।
  30. प्रश्न- ब्रिटिश न्याय व्यवस्था की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विधि का शासन ब्रिटिश संविधान का एक विशिष्ट लक्षण है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  32. प्रश्न- राजनीतिक दलों से क्या तात्पर्य है? राजनीतिक दलों की भूमिका एवं महत्व को समझाइये।
  33. प्रश्न- राजनीतिक दल प्रणाली के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- ब्रिटेन में राजनीतिक दलों के संगठन, कार्यक्रम एवं उनकी भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में राजनीतिक दलों की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  36. प्रश्न- ब्रिटिश दल पद्धति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  37. प्रश्न- रूढ़ियों के महत्व का उल्लेख कीजिए।
  38. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के ऐतिहासिक कारणों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के राजनैतिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  40. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के मनोवैज्ञानिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- ब्रिटेन में राजपद के अन्तर्राष्ट्रीय कारणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की कानूनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की व्यावहारिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  44. प्रश्न- मंत्रिमण्डल एवं क्राउन के सम्बन्ध को स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- मन्त्रिमंडल का ब्रिटिश की संवैधानिक व्यवस्था में क्या महत्व है?
  46. प्रश्न- मंत्रिमंडल की महत्ता के औचित्य को स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- मंत्रिमण्डल की महत्ता के कारण बताइये।
  48. प्रश्न- लार्ड सभा ने सुधार के क्या प्रयास किये?
  49. प्रश्न- क्या ग्रेट ब्रिटेन में संसद संप्रभु है?
  50. प्रश्न- 'संसदीय प्रभुता' के सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
  51. प्रश्न- विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  52. प्रश्न- प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति का वर्णन कीजिए।
  53. प्रश्न- लार्ड सभा एवं प्रिवी काउन्सिल की न्यायिक समिति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  54. प्रश्न- ब्रिटिश कानून कितने प्रकार से प्रयोग में लाये जाते हैं?
  55. प्रश्न- राजनीतिक दलों के कार्यों का विवेचनात्मक वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- राजनीतिक दल मतदाताओं में अपना समर्थन बढाने के लिये कौन-कौन से साधनों का प्रयोग करते हैं।
  57. प्रश्न- ब्रिटेन तथा फ्राँस की दलीय प्रणाली का तुलनात्मक विश्लेषण कीजिए।
  58. प्रश्न- अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यों, शक्तियों की विवेचना कीजिए।
  59. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति की वृद्धि एवं उसके कारणों की विवेचना कीजिये।
  60. प्रश्न- अमेरिकी व ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना कीजिए।
  61. प्रश्न- ब्रिटिश संप्रभु (क्राउन) प्रधानमंत्री तथा अमेरिकी राष्ट्रपति की तुलनात्मक विवेचना कीजिए।
  62. प्रश्न- अमेरिका के सीनेट के गठन, उसकी शक्ति एवं कार्यों की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा के संगठन, शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  64. प्रश्न- अमेरिकी कांग्रेस की शक्ति एवं कार्यों का उल्लेख कीजिए।
  65. प्रश्न- अमेरिका का उच्चतम न्यायालय व्यवस्थापिका का तृतीय सदन बनता जा रहा है। स्पष्ट कीजिए।
  66. प्रश्न- सर्वोच्च के महत्व का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  67. प्रश्न- न्यायिक पुनर्निरीक्षण से आप क्या समझते हैं? अमेरिका के उच्चतम न्यायालय के संदर्भ में इसकी व्याख्या कीजिए।
  68. प्रश्न- सर्वोच्च न्यायालय की कार्य-प्रणाली का विवेचना कीजिए।
  69. प्रश्न- अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के गठन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति तथा भारत के सर्वोच्च न्यायालय की न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति में क्या अन्तर है?
  70. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के उद्भव एवं विकास का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों की क्या भूमिका है?
  72. प्रश्न- अमेरिका तथा ब्रिटेन के राजनीतिक दलों की समानता और असमानताओं का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- दबाव अथवा हित समूह से आप क्या समझते हैं? दबाव समूह के प्रमुख लक्षण एवं साधनों पर प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- संयुक्त राज्य अमरीका के संविधान की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
  75. प्रश्न- अमेरिकी राष्ट्रपति को दलीय अथवा राष्ट्रीय नेता के रूप में पर टिप्पणी कीजिए।
  76. प्रश्न- राष्ट्रपति एवं मन्त्रिमण्डल के सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- जैरीमैण्डरिंग पर संछिप्त टिप्पणी लिखिए।
  78. प्रश्न- सीनेट के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  79. प्रश्न- यू. एस. ए. 'सीनेट की शिष्टता' का क्या अर्थ है?
  80. प्रश्न- प्रतिनिधि सभा की दुर्बलता के कारण बताइये।
  81. प्रश्न- संघीय न्यायपालिका कितने प्रकार की होती है?
  82. प्रश्न- संघीय न्यायलय क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- जिला न्यायालय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- संघीय अपील न्यायालय पर प्रकाश डालिये।
  85. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  86. प्रश्न- अमेरिका में राजनीतिक दलों की कमियों का वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- अमरीका और इंग्लैण्ड की दल- प्रणाली की तुलना कीजिए।
  88. प्रश्न- अमेरिका के राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- माओवाद क्या है? माओवाद के प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  90. प्रश्न- कन्फ्यूशियसवाद क्या है? इसके प्रमुख सिद्धान्त कौन-कौन से हैं?
  91. प्रश्न- चीनी विधानमंडल राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के गठन, शक्ति एवं कार्यों पर प्रकाश डालिए।
  92. प्रश्न- जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति के बारे में आप क्या जानते हंत उसकी शक्ति एवं कार्यों को स्पष्ट कीजिए।
  93. प्रश्न- स्थायी समिति की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- जनवादी चीन के राष्ट्रपति के कार्यों एवं अधिकारों की विवेचना कीजिए।
  95. प्रश्न- चीन में न्याय व्यवस्था की प्रमुख विशेषतायें बताते हुये न्यायपालिका के संगठन एवं उसकी शक्तियों का वर्णन कीजिए।
  96. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल के संगठन का वर्णन कीजिए।
  97. प्रश्न- जनवादी चीन में साम्यवादी दल की भूमिका की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- एक देश दो प्रणाली नीति से आप क्या समझते हैं?
  99. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की स्थायी समिति पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस की वास्तविक स्थिति का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- चीन में कांग्रेस के सदस्यों के अधिकारों एवं दायित्वों की विवेचना कीजिए।
  102. प्रश्न- चीन राज्य परिषद के गठन पर प्रकाश डालिये।
  103. प्रश्न- चीन के सैनिक केन्द्रीय आयोग पर टिप्पणी लिखिए।
  104. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की वास्तविक स्थिति की विवेचना कीजिए।
  105. प्रश्न- चीन के राज्य परिषद की शक्ति एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जनवादी चीन में प्रोक्यूरेटोरेट पद की व्यवस्था का विवेचना कीजिए।
  107. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड के संविधान की संशोधन प्रकिया का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- प्रत्यक्ष लोकतन्त्र से आप क्या समझते हैं? स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष लोकतन्त्र की सफलता के कारणों को इंगित कीजिए।
  110. प्रश्न- स्विट्जरलैण्ड में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र की कार्यप्रणाली का वर्णन कीजिए।
  111. प्रश्न- स्विट्जरलैंड की कार्यपालिका के बारे में बताइये।
  112. प्रश्न- स्विस व्यवस्थापिका के बारे में बताइये।

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