बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवादसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 इतिहास - भारत में राष्ट्रवाद - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
अथवा
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आरम्भिक दौर (1885-1905 ई.) में क्या उद्देश्य, कार्यक्रम तथा कार्यप्रणाली थी?
अथवा
"भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रारम्भिक चरण में उदारवादियों का आधिपत्य था।" इस कथन की विवेचना कीजिए।
उत्तर -
28 दिसम्बर, 1885 ई. में इटावा के रिटायर्ड कलक्टर सर ए. ओ. ह्यूम ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की। इन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय के स्नातकों को यह प्रेरणा दी कि वे एक ऐसी संस्था का निर्माण करें जो भारतीयों के सामाजिक, राजनीतिक तथा आध्यात्मिक जीवन का उत्थान कर सके। तत्कालीन वायसराय लॉर्ड डफरिन ने भी इस दिशा में अपना विशेष सहयोग दिया क्योंकि इस प्रकार की संस्था से भारतीयों की इच्छा तथा कार्यक्रमों का पहले से ही पता चलता रहता और ब्रिटिश सरकार उचित कार्यवाही करके 1857 ई. की क्रान्ति जैसी अप्रिय घटना को न दोहराने देती। 1884 ई. में मद्रास में दीवान बहादुर रघुनाथ राय के निवास पर एक अखिल भारतीय संस्था की स्थापना की योजना बनी, जिसके फलस्वरूप 1885 ई. में इस संस्था की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रूप में हुई।
दादाभाई नौरोजी, सुरेन्द्रनाथ बनर्जी, फिरोजशाह मेहता, बदरुद्दीन तैयबजी आदि ने भी इसकी स्थापना में अपना विशेष योगदान दिया। कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 1885 में हुआ था, जिसके सभापति प्रसिद्ध बैरिस्टर व्योमेशचन्द्र बनर्जी थे।
आरम्भिक दौर (1885-1905 ई.) में उदारवादियों के उद्देश्य तथा कार्यक्रम - आरम्भ में कांग्रेस में नरम दल वाले नेताओं की प्रमुखता थी। इनमें गोपालकृष्ण गोखले, दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता आदि प्रमुख थे। ये शान्त प्रकृति के होने के कारण शान्तिपूर्ण ढंग से अपनी बातें मनवाने के पक्षधर थे। इनके उद्देश्य तथा कार्य निम्नलिखित थे -
1. उदारवादियों ने विधान सभा की शक्तियों के विस्तार तथा स्वशासन में प्रशिक्षण की माँग की।
2. इन्होंने आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत कृषि का विकास करने, भू-राजस्व कम करने तथा उद्योगों के विस्तार हेतु विशेष जोर दिया।
3. इन उदारवादी नेताओं ने नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए भाषण और प्रेस की स्वतन्त्रता पर विशेष बल दिया।
4. इन्होंने प्रशासकीय सेवाओं के उच्च पदों का भारतीयकरण करने की माँग की।
अतः स्पष्ट है कि भारत में उदारवादी नेताओं ने राष्ट्रीय जागृति पैदा की और ब्रिटिश साम्राज्यवाद का विरोध किया। इन नेताओं ने राजनीतिक और आर्थिक कार्यक्रम बनाकर भारत के लोगों को एक ही मंच से राष्ट्रीय संघर्ष करने हेतु प्रेरणा दी।
उदारवादियों की कार्यप्रणाली - उदारवादियों की कार्यप्रणाली निम्नवत् है-
1. उदारवादी नेताओं द्वारा अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शान्तिपूर्वक संवैधानिक विधि अपनायी गयी।
2. इन्हें संवैधानिक सुधारों पर विश्वास था, इसीलिए वे निवेदन-पत्र, अपीलें, याचिकाएँ आदि ब्रिटिश सरकार को इस आशा से भेजते थे कि वह उन पर सहानुभूतिपूर्ण तरीके से विचार करेगी और उनकी माँगों को स्वीकार कर लेगी।
3. उदारवादी नेताओं को ब्रिटिश सरकार पर पूर्ण विश्वास था, इसीलिए इन्होंने ब्रिटिश शासकों से मैत्रीपूर्ण व्यवहार रखा।
इनकी कार्यप्रणाली तथा नरम नीतियों के कारण ही इन्हें उदारवादी की संज्ञा दी गयी है। कुछ विद्वानों द्वारा इन उदारवादी नेताओं की कार्यप्रणाली को 'राजनीतिक भिक्षावृत्ति' कहा गया है। ब्रिटिश सरकार द्वारा उदारवादियों को कोई सहयोग प्राप्त नहीं हुआ, इसलिए ये नेता अपने उद्देश्य की प्राप्ति में अधिक सफल नहीं हो सके। 1905 ई. के बाद राष्ट्रीय आन्दोलन की बागडोर गरमपन्थी नेताओं के हाथ में चली गयी। ये गरमपन्थी नेता क्रान्तिकारी ढंग अपनाकर अपना उद्देश्य प्राप्त करना चाहते थे।
उग्र राष्ट्रवाद नीति अपनाने के कारण - 20 वर्षों के उदारवादी युग की लम्बी अवधि के पश्चात् भी कांग्रेस भारतीय जनता में जागृति पैदा करने में विफल रही। उदारवादी आन्दोलन की सफलता अंग्रेजों की सहानुभूति और दया पर निर्भर थी। कांग्रेस का आन्दोलन जनता का आन्दोलन न था। उदारवादियों ने सरकार से रियायतें माँगी, स्वतंत्रता नहीं। इसका आधार बलिदान नहीं था। लाला लाजपत राय के अनुसार 20 वर्षों के उदारवादी आन्दोलन के बाद भी अंग्रेजों से रोटी के स्थान पर पत्थर ही मिले। बंकिमचन्द्र चटर्जी ने इस आन्दोलन को 'भिक्षावृत्ति' की संज्ञा दी।
उदारवादी अंग्रेजों के प्रति भक्ति भाव रखते रहे। उनका ऐसा मानना था कि यदि अंग्रेज भारत से चले गये तो भारत के हित की ओर कोई ध्यान नहीं देगा। उदारवादी लोग जनता की आकांक्षाओं को न समझ सके। यहाँ तक कि वे ये भी न समझ सके कि भारतीयों और अंग्रेजों के हित एक-दूसरे के विरोधी हैं। यही कारण था कि अंग्रेज अपने अधिकारों को बिना लड़े छोड़ने को तैयार न थे।
सन् 1915 ई. तक उदारवादी नेताओं का कांग्रेस पर पूरा अधिकार था परन्तु धीरे-धीरे उग्रवादी नेताओं ने उनके नेतृत्व को चुनौती दी और अन्त में 1923 ई. तक उदारवादी युग पूर्ण रूप से समाप्त हो गया।
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- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के कारणों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के स्वरूप पर एक निबन्ध लिखिए। उनके परिणाम क्या रहे?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह का दमन करने में अंग्रेज किस प्रकार सफल हुए, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई० की क्रान्ति के परिणामों की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- 1857 ई० के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह की असफलता के क्या कारण थे?
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह में प्रशासनिक और आर्थिक कारण कहाँ तक उत्तरदायी थे? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 1857 ई० के विद्रोह के राजनीतिक एवं सामाजिक कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह ने राष्ट्रीय एकता को किस प्रकार पुष्ट किया?
- प्रश्न- बंगाल में 1857 की क्रान्ति की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 1857 के विद्रोह के लिए लार्ड डलहौजी कहां तक उत्तरदायी था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के राजनीतिक कारण बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति के किन्हीं तीन आर्थिक कारणों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. की क्रान्ति में तात्याटोपे के योगदान का विवेचन कीजिये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के महान विद्रोह में जमींदारों की भूमिका का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विद्रोह के यथार्थ स्वरूप को संक्षिप्त में बताइये।
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के झाँसी के विद्रोह का अंग्रेजों ने किस प्रकार दमन किया, वर्णन कीजिये?
- प्रश्न- सन् 1857 ई. के विप्लव में नाना साहब की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम स्वाधीनता संग्राम के परिणामों एवं महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रवाद के प्रारम्भिक चरण में जनजातीय विद्रोहों की भूमिका का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में मध्यम वर्ग के उदय के कारणों पर प्रकाश डालिए। भारतीय राष्ट्रवाद के प्रसार में मध्यम वर्ग की क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- भारत में कांग्रेस के पूर्ववर्ती संगठनों व इसके कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में क्रान्तिकारी राष्ट्रवाद के उदय में 'बंगाल विभाजन' की घटना का क्या योगदान रहा? भारत में क्रान्तिकारी आन्दोलन के प्रारम्भिक इतिहास का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदय की परिस्थितियों पर प्रकाश डालते हुए कांग्रेस की स्थापना के उद्देश्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के प्रारम्भिक वर्षों में कांग्रेस की नीतियाँ क्या थी? सविस्तार उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- भारत में मध्यमवर्गीय चेतना के अग्रदूतों में किन महापुरुषों को माना जाता है? इनका भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन व राष्ट्रवाद में क्या योगदान रहा?
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- जनजातियों में ब्रिटिश शासन के प्रति असन्तोष का सर्वप्रमुख कारण क्या था?
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के प्रमुख विचारों पर प्रकाश डालते हुए उनके भारतीय राजनीति में पदार्पण को 'चम्पारण सत्याग्रह' के विशेष सन्दर्भ में उल्लिखित कीजिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय आन्दोलन में महात्मा गाँधी की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के प्रारम्भ होने प्रमुख कारणों की सविस्तार विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रारम्भ कब और किस प्रकार हुआ? सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कार्यक्रम पर प्रकाश डालिए।
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- प्रश्न- 1885 से 1905 के की भारतीय राष्ट्रवाद के विकास का पुनरावलोकन कीजिए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी द्वारा 'खिलाफत' जैसे धार्मिक आन्दोलन का समर्थन किन आधारों पर किया गया था?
- प्रश्न- 'बारडोली सत्याग्रह' पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गाँधी-इरविन समझौता (1931 ई.) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'खेड़ा सत्याग्रह' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण के विषय में बताते हुए उदारवादियों की प्रमुख नीतियों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उदारपंथी चरण की सफलताओं एवं असफलताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उग्रपंथियों के उदय के क्या कारण थे?
- प्रश्न- उग्रपंथियों द्वारा पूर्ण स्वराज्य के लिए किन साधनों को अपनाया गया? सविस्तार समझाइए।
- प्रश्न- उग्रवादी तथा उदारवादी विचारधारा में अंतर बताइए।
- प्रश्न- बाल -गंगाधर तिलक के स्वराज और राज्य संबंधी विचारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रारम्भ में कांग्रेस के क्या उद्देश्य थे? इसकी प्रारम्भिक नीति को उदारवादी नीति क्यों कहा जाता है? इसका परित्याग करके उग्र राष्ट्रवाद की नीति क्यों अपनायी गयी?
- प्रश्न- उदारवादी युग में कांग्रेस के प्रति सरकार का दृष्टिकोण क्या था?
- प्रश्न- भारत में लॉर्ड कर्जन की प्रतिक्रियावादी नीतियों ने किस प्रकार उग्रपंथी आन्दोलन के उदय व विकास को प्रेरित किया?
- प्रश्न- उदारवादियों की सीमाएँ एवं दुर्बलताएँ संक्षेप में लिखिए।
- प्रश्न- उग्रवादी आन्दोलन का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के 'नरमपन्थियों' और 'गरमपन्थियों' में अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस के सूरत विभाजन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अखिल भारतीय काँग्रेस (1907 ई.) में 'सूरत की फूट' के कारणों एवं परिस्थितियों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- कांग्रेस में 'सूरत फूट' की घटना पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कांग्रेस की स्थापना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन की प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वदेशी विचार के विकास का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वदेशी आन्दोलन के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी की स्थापना किन कारणों से हुई?
- प्रश्न- स्वराज्य पार्टी के पतन के प्रमुख कारणों को बताइए।
- प्रश्न- कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कांग्रेस के द्वारा घोषित किये गये उद्देश्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- कांग्रेस सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता का प्रतिनिधित्व करती थी, स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- दाण्डी यात्रा का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग की स्थापना एवं नीतियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुस्लिम लीग साम्प्रदायिकता फैलाने के लिए कहाँ तक उत्तरदायी थी? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- साम्प्रदायिक राजनीति के उत्पत्ति में ब्रिट्रिश एवं मुस्लिम लीग की भूमिका की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा मुस्लिम लीग को किस प्रकार संगठित किया गया?
- प्रश्न- लाहौर प्रस्ताव' क्या था? भारत के विभाजन में इसकी क्या भूमिका रही?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना ने किस प्रकार भारत विभाजन की पृष्ठभूमि तैयार की?
- प्रश्न- मुस्लिम लीग के उद्देश्य बताइये। इसका भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- मुहम्मद अली जिन्ना के राजनीतिक विचारों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उत्पन्न हुए होमरूल आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। इसकी क्या उपलब्धियाँ रहीं?
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- प्रश्न- अमेरिका के प्रथम विश्व युद्ध में शामिल होने के कारणों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध के बाद की गई किसी एक शान्ति सन्धि का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का पराजित होने वाले देशों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- प्रश्न- प्रथम विश्व युद्ध का उत्तरदायित्व किस देश का था? संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गदर पार्टी आन्दोलन (1915 ई.) पर संक्षित प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 1919 का रौलट अधिनियम क्या था?
- प्रश्न- असहयोग आन्दोलन के सिद्धान्त, कार्यक्रमों का संक्षित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- श्रीमती ऐनी बेसेन्ट के कार्यों का मूल्यांकन व महत्व समझाइये |
- प्रश्न- थियोसोफिकल सोसायटी का उद्देश्य बताइये।