बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 हिन्दी - हिन्दी का राष्ट्रीय काव्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
उत्तर -
प्रस्तावना - कवि प्रदीप ने अपने लिखे गीतों से लोगों की देशभक्ति भावनाओं को शब्द दिए। उन्होंने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' से लेकर 'आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिन्दुस्तान की' तक गीत लिखे। इसके अलावा भी कितने ही नगमें लिखें जिनमें या तो जीवन का दर्शन है, धर्म का आदर है या देश की मिट्टी के प्रति गर्व और कृतज्ञता है।
जन्म - देश प्रेम और देश भक्ति की भावनाओं से ओत-प्रोत भावनाओं को सुन्दर शब्दों में पिरोकर जन-जन तक पहुँचाने वाले कवि प्रदीप का जन्म 6 फरवरी, 1915 में मध्य प्रदेश में उज्जैन के बड़नगर नामक कस्बे में हुआ था। प्रदीप जी का असल नाम 'रामचन्द्र नारायण द्विवेदी' था। इनके पिता का नाम नारायण भट्ट था। प्रदीप जी उदीच्य ब्राह्मण थे।
शिक्षा - कवि प्रदीप की शुरूआती शिक्षा इंदौर के 'शिवाजी राव हाईस्कूल' में हुई, जहाँ वे सातवीं कक्षा तक पढ़े। इसके बाद की शिक्षा इलाहाबाद के दारागंज हाईस्कूल में सम्पन्न हुई। इसके बाद इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। दारागंज उन दिनों साहित्य का गढ़ हुआ करता था। वर्ष 1933 से 1935 तक का इलाहाबाद का काल प्रदीप जी के लिए साहित्यिक दृष्टिकोण से बहुत अच्छा रहा। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की एवं अध्यापक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया। विद्यार्थी जीवन में ही हिन्दी काव्य लेखन एवं हिन्दी काव्य वाचन में उनकी गहरी रूचि थी।
विवाह - कवि प्रदीप का विवाह मुम्बई निवासी गुजराती ब्राह्मण चुन्नीलाल भट्ट की पुत्री सुभद्रा बेन से 1942 में हुआ था। विवाह से पूर्व कवि प्रदीप ने अपनी भावी पत्नी से एक प्रश्न पूछा था- "मैं आग हूँ, क्या तुम मेरे साथ रह सकोगी।" इसका बड़ा माकूल उत्तर सुभद्रा बेन ने दिया - "जी हाँ, मैं पानी बनकर रहूँगी।" इसका निर्वाह उन्होंने जीवन भर किया। 1950 में विले पार्ले में एस0बी0मार्ग पर 700 गज का प्लॉट खरीदकर 70 हज़ार रुपये में प्रदीप ने शानदार बंगला बनवाया। बंगला साहित्यिक मित्रों के स्वागत के लिए सदैव खुला रहता था। अमृतलाल नागर छ: महीनों तक इस बंगले में रहे थे। प्रदीप दम्पत्ति दो पुत्रियों 'मितुल' और 'सरगम' के अभिभावक बने।
कविता का शौक - किशोरावस्था में ही कवि प्रदीप को लेखन और कविता का शौक लगा। कवि सम्मेलनों में ने खूब दाद बटोरा करते थे। कविता तो आमतौर पर ही व्यक्ति जीवन में कभी न कभी करता ही है, परन्तु रामचन्द्र द्विवेदी की कविता केवल कुछ क्षणों का शौक या समय बिताने का साधन नहीं थी, वह उनकी सांस सांस में बसी थी, उनका जीवन थी। इसीलिए अध्यापन छोड़कर वे कविता की संरचना में व्यस्त हो गए।
कवि सम्मेलनों में शिरकत - इलाहाबाद के साहित्यिक वातावरण में कवि प्रदीप की अंतश्चेतना में दबे काव्यांकुरों को फूटने का पर्याप्त अवसर मिला। यहाँ उन्हें हिन्दी के अनेक साहित्य शिल्पियों का स्नेहिल सान्निध्य मिला। वे गोष्ठियों में कविता का पाठ करने लगे। इलाहाबाद में एक बार हिन्दी दैनिक 'अर्जुन' के संपादक और स्वामी श्रद्धानंद के सुपुत्र थे पं. विद्यावाचस्पति के सम्मान में एक कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता राजर्षि पुरुषोत्तम टंडन कर रहे थे। महादेवी वर्मा, भगवती चरण वर्मा, प्रफल्ल चंद्र ओझा 'मुक्त', हरिवंशराय बच्चन, नरेन्द्र शर्मा, बालकृष्ण राव, रमाशंकर शुल्क 'रसाल' पद्यकांत मालवीय जैसे दिग्गज रचनाकारों ने अपने काव्य पाठ से गोष्ठी को आलोकित किया। इसी गोष्ठी में 20 वर्षीय तरुण 'प्रदीप' ने अपने सुरीले काव्य पाठ से सभी को मुग्ध कर दिया। उस दिन काव्य जगत् में एक नया सितारा चमका।
निराला जी का कथन - सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' जी ने लखनऊ की पत्रिका 'माधुरी' के फरवरी, 1938 के अंक में प्रदीप पर लेख लिखकर उनकी काव्य-प्रतिभा पर स्वर्ण-मुहर लगा दी। निराला जी ने लिखा- “आज जितने कवियों का प्रकाश हिन्दी जगत् में फैला हुआ है, उनमें 'प्रदीप' का अत्यन्त उज्जवल और स्निग्ध है। हिन्दी के हृदय से प्रदीप की दीपक रागिनी कोयल और पपीहे के स्वर को भी परास्त कर चुकी है। इधर 3-4 साल से अनेक कवि सम्मेलन प्रदीप की रचना और रागिनी से उद्भासित हो चुके हैं।"
फिल्मी पदार्पण - वर्ष 1939 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद कवि प्रदीप ने शिक्षक बनने का प्रयास किया, लेकिन इसी दौरान उन्हें मुम्बई में हो रहे कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने का न्योता मिला। कवि सम्मेलन में उनके गीतों को सुनकर 'बाम्बे टॉकीज स्टूडियो' के मालिक हिंमाशु राय काफी प्रभावित हुए और उन्होंने प्रदीप को अपने बैनर तले बन रही फिल्म कंगन' के गीत लिखने की पेशकश की। इस फिल्म में अशोक कुमार एवं देविका रानी ने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई थीं। 1939 में प्रदर्शित फिल्म 'कंगन' में उनके गीतों की कामयाबी के बाद प्रदीप बतौर गीतकार, फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। इस फिल्म के लिए लिखे गए चार गीतों में से प्रदीप ने तीन गीतों को अपना स्वर भी दिया था। इस प्रकार 'कंगन' फिल्म के द्वारा भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग को गीतकार, संगीतकार एवं गायक के रूप में एक नयी प्रतिभा मिली। सन् 1943 में मुम्बई की 'बॉम्बे टॉकीज' की पांच फिल्मों- 'अंजान', 'किस्मत', 'झूला', 'नया संसार' और 'पुनर्मिलन' के लिए भी कवि प्रदीप ने गीत लिखे।
छद्म नाम से गीत लेखन - 'फिल्मिस्तान' फिल्म निर्माण संस्था से अनुबन्धित होने पर भी आन्तरिक राजनीति के कारण कवि प्रदीपं से गीत नहीं लिखाए जा रहे थे। इससे दुःखी होकर वे 'मिस कमल बी0ए0' के छद्म नाम से गीत लिखने लगे। उन्होंने चार फिल्मों के लिए इसी नाम से गीत लिखे। इस नाम के कारण एक बार तो काफ़ी हास्यास्प्रद स्थिति उत्पन्न हो गई। 'न्यू थियेटर' की लीला देसाई की कमल नाम की एक बहन थी, जो 'मिस' भी थी और 'बी0ए0' भी जाने कैसे प्रशंसकों ने उनका पता ढूँढ लिया और उन्हें पत्र लिखने लगे। कुछ लोगों ने तो शादी के प्रस्ताव भी रख दिए। उन्होंने प्रेस विज्ञाप्ति निकालकर कहा कि वे गीत नहीं लिखती हैं।
प्रदीप से 'कवि प्रदीप' - कवि सम्मेलनों में सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी जैसे महान् साहित्यकार को प्रभावित कर सकने की क्षमता रामचन्द्र द्विवेदी में थी। उन्हीं के आर्शीर्वाद से रामचंद्र 'प्रदीप' कहलाने लगे। प्रदीप का वास्तविक नाम रामचन्द्र नारायण द्विवेदी था, किन्तु एक बार हिमांशु राय ने कहा कि ये रेलगाड़ी जैसा लम्बा नाम ठीक नही है, तभी से उन्होंने अपना नाम प्रदीप रख लिया। प्रदीप नाम के पीछे उनके जीवन का एक रोचक प्रसंग भी है। उन दिनों मुम्बई में अभिनेता और कलाकार प्रदीप कुमार भी प्रसिद्ध हो रहे थे, जिस कारण अक्सर गलती से डाकिया कवि प्रदीप की चिट्ठी अभिनेता प्रदीप के पते पर डाल देता था। डाकिया सही पते पर पत्र दे, इस वजह से उन्होंने प्रदीप के पहले 'कवि' शब्द जोड़ किया और यहीं से कवि प्रदीप के नाम से वे प्रख्यात हुए। कवि प्रदीप अपनी रचनाएँ गाकर ही सुनाते थे और उनकी मधुर आवाज का सदुपयोग अनेक संगीत निर्देशकों ने अलग- अलग समय पर किया।
सम्मान और पुरस्कार - कवि प्रदीप को अनेक सम्मान प्राप्त हुए थे, जिनमें 'संगीत नाटक आकदमी पुरस्कार' 1961 तथा 'फिल्म जर्नलिस्ट अवार्ड' 1963 शामिल हैं। यद्यपि साहित्यिक जगत् में प्रदीप की रचनाओं का मूल्यांकन पिछड़ गया तथापि फिल्मों में उनके योगदान के लिए भारत सरकार, राज्य सरकारें, फिल्मोद्योग तथा अन्य संस्थाएँ उन्हें सम्मानों और पुरस्कारों से अंलकृत करते रहे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्मी गीतकार का पुरस्कार राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा दिया गया। 1995 में राष्ट्रपति द्वारा 'राष्ट्रकवि' की उपाधि दी गई और सबसे अन्त में, जब कवि प्रदीप का अंत निकट था, फिल्म जगत् में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1998 में भारत के राष्ट्रपति के0 आर0 नारायणन द्वारा प्रतिष्ठित 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' दिया गया। सुश्री मितुल जब अपने बीमार पिता प्रदीप को पहिया कुर्सी पर बिठाकर मंच की ओर बढ़ रही थीं तो हॉल में 'दूर हटो ऐ दुनिया वालों' गीत बज रहा था। सभी उपस्थित जन अपनी जगहों पर खड़े हो गए थे। उनकी आँखों में आँसू थे। राष्ट्रपति ने पहले प्रदीप के स्वास्थ्य के बारे में पूछा और फिर पुरस्कार प्रदान किया। जब वे लौटने लगे तो दूसरा गीत बज उठा 'हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकाल के' लोग अब भी खड़े थे और तालियाँ बजाये जा रहे थे। कवि प्रदीप का हर फिल्मी - गैर फिल्मी गीत अर्थपूर्ण होता था और जीवन को कोई न कोई दर्शन समझा जाता था। खेद का विषय यह है कि ऐसे महान् देश भक्त, गीतकार एवं संगीतकार को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से सम्मानित नहीं किया, न ही आज तक उन पर स्मारक डाक टिकट निकला।
निधन - कवि प्रदीप ने अपने जीवन में 1700 गाने लिखे 'बंधन' के अपने गीत 'रूक न सको तो जाओ तुम' को यथार्थ करते हुए 11 सितम्बर 1998 को राष्ट्रकवि प्रदीप का कैंसर से लड़ते हुए 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके मर्मस्पर्शी गीतों के कारण लोग उन्हें दीवानगी की हद तक प्यार करते थे। उनके निधन के समाचार से स्तब्ध हुए लोगों का सैलाब विले पार्ले स्थित उनके आवास 'पंचामृत' की ओर उमड़ पड़ा। अर्थी उठी तो 'पं. प्रदीप अमर रहें' के समवेत उद्घोष से पूरा इलाका थर्रा गया। संगीत निर्देशक सचिन देव बर्मन ने उनके गीत उनका गायन और स्वर संयोजन देखकर कहा था कि - "तुम्हें कोई आउट' नहीं कर सकता।" प्रदीप मर कर भी आउट नहीं हुए हैं। वे अब अपने गीत की पंक्तियों में अमर हो गए हैं।
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- अध्याय - 1 चंदबरदाई : पृथ्वीराज रासो के रेवा तट समय के अंश
- प्रश्न- रासो की प्रमाणिकता पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो महाकाव्य की भाषा पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो को जातीय चेतना का महाकाव्य कहना कहाँ तक उचित है। तर्क संगत उत्तर दीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो के सत्ताइसवें सर्ग 'रेवा तट समय' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- रासो शब्द की व्युत्पत्ति के सम्बन्ध में प्राप्त मतों का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- पृथ्वीराज रासो' में अभिव्यक्त इतिहास पक्ष की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यापति भोग के कवि हैं? क्यों?
- अध्याय - 2 जगनिक : आल्हा खण्ड
- प्रश्न- जगनिक के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- जगनिक कृत 'आल्हाखण्ड' का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- आल्हा की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक द्वारा आल्हा ऊदल की कथा सृजन का उद्देश्य वर्णित कीजिए। उत्तर -
- प्रश्न- 'आल्हा' की कथा का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कवि जगनिक का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- अध्याय - 3 गुरु गोविन्द सिंह
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह की रचनाओं पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह' की भाषा पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सिख धर्म में दशम ग्रन्थ का क्या महत्व है?
- प्रश्न- गुरु गोविन्द सिंह के पश्चात् सिख धर्म में किस परम्परा का प्रचलन हुआ?
- अध्याय - 4 भूषण
- प्रश्न- महाकवि भूषण का संक्षिप्त जीवन और साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- भूषण ने किन काव्यों की रचना की?
- प्रश्न- भूषण की वीर भावना का स्वरूप क्या है?
- प्रश्न- वीर भावना कितने प्रकार की होती है?
- प्रश्न- भूषण की युद्ध वीर भावना की उदाहरण सहित विवेचना कीजिए।
- अध्याय - 5 भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की शैलीगत विशेषताओं को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के काव्य की भाव-पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की भाषागत विशेषताओं का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारतेन्दु जी के काव्य की कला पक्षीय विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- भीतर भीतर सब रस चूस पद की व्याख्या कीजिए।
- अध्याय - 6 अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' के काव्य की भाव एवं कला की भाव एवं कलापक्षीय विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं।
- प्रश्न- हरिऔध जी का रचना संसार एवं रचना शिल्प पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रिय प्रवास की छन्द योजना पर विचार कीजिए।
- प्रश्न- 'जन्मभूमि' कविता में कवि हरिऔध जी का देश की भूमि के प्रति क्या भावना लक्षित होती है?
- अध्याय - 7 मैथिलीशरण गुप्त
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त का जीवन-परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'गुप्त जी राष्ट्रीय कवि की अपेक्षा जातीय कवि अधिक हैं। उपर्युक्त कथन की युक्तिपूर्ण विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुप्त जी के काव्य के कला-पक्ष की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त की कविता मातृभूमि का भाव व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त किस कवि के रूप में विख्यात हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता में मैथिलीशरण गुप्त ने क्या पिरोया है?
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त के प्रथम काव्य संग्रह का क्या नाम है? साकेत की कथावस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- मैथिलीशरण गुप्त ने आर्य शीर्षक कविता में क्या उल्लेख किया है?
- अध्याय - 8 जयशंकर प्रसाद
- प्रश्न- सिद्ध कीजिए "प्रसाद का प्रकृति-चित्रण बड़ा सजीव एवं अनूठा है।'
- प्रश्न- महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना का निरूपण कीजिए।
- प्रश्न- 'प्रसाद' के कलापक्ष का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' कविता का सारांश / सार/ कथ्य अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी द्वारा रचित राष्ट्रीय काव्यधारा से ओत-प्रोत 'प्रयाण गीत' का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- जयशंकर प्रसाद जी का हिन्दी साहित्य में स्थान निर्धारित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसाद जी के काव्य में नवजागरण की मुख्य भूमिका रही है। तथ्यपूर्ण उत्तर दीजिए।
- अध्याय - 9 सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'
- प्रश्न- 'सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' एक क्रान्तिकारी कवि थे।' इस दृष्टि से उनकी काव्यगत प्रवृत्तियों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- 'निराला ओज और सौन्दर्य के कवि हैं। इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य-भाषा पर एक निबन्ध लिखिए। यथोचित उदाहरण भी दीजिए।
- प्रश्न- निराला के जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में अभिव्यक्त वैयक्तिकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला के काव्य में प्रकृति का किन-किन रूपों में चित्रण हुआ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- निराला के साहित्यिक जीवन का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- प्रश्न- निराला की सांस्कृतिक चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निराला की विद्रोहधर्मिता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- महाकवि निराला जी की 'भारती जय-विजय करे' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 10 माखनलाल चतुर्वेदी
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "कवि माखनलाल चतुर्वेदी जी के काव्य में राष्ट्रीय चेतना लक्षित होती है।" इस कथन की सोदाहरण पुष्टि कीजिए।
- प्रश्न- 'माखनलाल जी' की साहित्यिक साधना पर प्रकाश डालिए?
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी ने साहित्य रचना का महत्व किस प्रकार प्रकट किया?
- प्रश्न- साहित्य पत्रकारिता में माखन लाल चतुर्वेदी का क्या स्थान है
- प्रश्न- 'पुष्प की अभिलाषा' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा रचित 'जवानी' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 11 सुभद्रा कुमारी चौहान
- प्रश्न- कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुभद्रा कुमारी चौहान किस कविता के माध्यम से क्रान्ति का स्मरण दिलाती हैं?
- प्रश्न- 'वीरों का कैसा हो वसंत' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- 'झाँसी की रानी' गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 12 बालकृष्ण शर्मा नवीन
- प्रश्न- पं. बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी की राष्ट्रीय चेतना / भावना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- 'विप्लव गायन' गीत का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- नवीन जी के 'हिन्दुस्तान हमारा है' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' स्वाधीनता के पुजारी हैं। इस कथन को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 13 रामधारी सिंह 'दिनकर'
- प्रश्न- दिनकर जी राष्ट्रीय चेतना और जनजागरण के कवि हैं। विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- "दिनकर" के काव्य के भाव पक्ष को निरूपित कीजिए।
- प्रश्न- 'दिनकर' के काव्य के कला पक्ष का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- रामधारी सिंह दिनकर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।
- प्रश्न- दिनकर जी द्वारा विदेशों में किए गए भ्रमण पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की काव्यधारा का क्रमिक विकास बताइए।
- प्रश्न- शहीद स्तवन (कलम आज उनकी जयबोल) का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- दिनकर जी की 'हिमालय' कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 14 श्यामलाल गुप्त 'पार्षद'
- प्रश्न- कवि श्यामलाल गुप्त का जीवन परिचय एवं राष्ट्र चेतना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- झण्डा गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- पार्षद जी ने स्वाधीनता आन्दोलन में शामिल होने के कारण क्या-क्या कष्ट सहन किये।
- प्रश्न- श्यामलाल गुप्त पार्षद के हिन्दी साहित्य में योगदान के लिए क्या सम्मान मिला?
- अध्याय - 15 श्यामनारायण पाण्डेय
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डे के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय ने राष्ट्रीय चेतना का संचार किस प्रकार किया?
- प्रश्न- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित 'चेतक की वीरता' कविता का सार लिखिए।
- प्रश्न- 'राणा की तलवार' कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 16 द्वारिकाप्रसाद माहेश्वरी
- प्रश्न- प्रसिद्ध बाल कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी का जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'उठो धरा के अमर सपूतों' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- वीर तुम बढ़े चलो गीत का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 17 गोपालप्रसाद व्यास
- प्रश्न- कवि गोपालप्रसाद 'व्यास' का एक राष्ट्रीय कवि के रूप में परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि गोपाल प्रसाद व्यास किस भाषा के मर्मज्ञ माने जाते थे?
- प्रश्न- गोपाल प्रसाद व्यास द्वारा रचित खूनी हस्ताक्षर कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- "शहीदों में तू अपना नाम लिखा ले रे" कविता का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- अध्याय - 18 सोहनलाल द्विवेदी
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी का जीवन और साहित्य क्या था? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी के काव्य में समाहित राष्ट्रीय चेतना का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- 'मातृभूमि' कविता का केन्द्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- 'तुम्हें नमन' कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- कवि सोहनलाल द्विवेदी जी ने महात्मा गाँधी को अपने काव्य में क्या स्थान दिया है?
- प्रश्न- सोहनलाल द्विवेदी जी की रचनाएँ राष्ट्रीय जागरण का पर्याय हैं। स्पष्ट कीजिए।
- अध्याय - 19 अटल बिहारी वाजपेयी
- प्रश्न- कवि अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- अटल बिहारी वाजपेयी के कवि रूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अटल जी का काव्य जन सापेक्ष है। सिद्ध कीजिए।
- प्रश्न- अटल जी की रचनाओं में भारतीयता का स्वर मुखरित हुआ है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- कदम मिलाकर चलना होगा कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- उनकी याद करें कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 20 डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' के जीवन और साहित्य पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- निशंक जी के साहित्य के विषय में अन्य विद्वानों के मतों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक'के साहित्यिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हम भारतवासी कविता का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- मातृवन्दना कविता का सारांश लिखिए।
- अध्याय - 21 कवि प्रदीप
- प्रश्न- कवि प्रदीप के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप की साहित्यिक अभिरुचि का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- कवि प्रदीप किस विचारधारा के पक्षधर थे?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गीत का आधार क्या था?
- प्रश्न- गीतकार और गायक के रूप में कवि प्रदीप की लोकप्रियता कब हुई?
- प्रश्न- स्वतन्त्रता आन्दोलन में कवि प्रदीप की क्या भूमिका रही?
- अध्याय - 22 साहिर लुधियानवी
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी का साहित्यिक परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'यह देश है वीर जवानों का' गीत का सारांश लिखिए।
- प्रश्न- साहिर लुधियानवी के गीतों में किन सामाजिक समस्याओं को उठाया गया है?
- अध्याय - 23 प्रेम धवन
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- गीतकार प्रेम धवन के गीत देशभक्ति से ओतप्रोत हैं। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'छोड़ों कल की बातें' गीत किस फिल्म से लिया गया है? कवि ने इसमें क्या कहना चाहा है?
- प्रश्न- 'ऐ मेरे प्यारे वतन' गीत किस पृष्ठभूमि पर आधारित है?
- अध्याय - 24 कैफ़ी आज़मी
- प्रश्न- गीतकार कैफी आज़मी के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- "सर हिमालय का हमने न झुकने दिया।" इस पंक्ति का क्या भाव है?
- प्रश्न- "कर चले हम फिदा जानोतन साथियों" गीत का प्रतिपाद्य / सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न- सैनिक अपनी मातृभूमि के प्रति क्या भाव रखता है?
- अध्याय - 25 राजेन्द्र कृष्ण
- प्रश्न- गीतकार राजेन्द्र कृष्ण के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती हैं बसेरा' गीत का मूल भाव क्या है?
- अध्याय - 26 गुलशन बावरा
- प्रश्न- गीतकार गुलशन बावरा के जीवन और साहित्य का परिचय दीजिए।
- प्रश्न- 'मेरे देश की धरती सोना उगले गीत का प्रतिपाद्य लिखिए। '
- अध्याय - 27 इन्दीवर
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर के जीवन और फिल्मी कैरियर का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- 'है प्रीत जहाँ की रीत सदा' गीत का मुख्य भाव क्या है?
- प्रश्न- गीतकार इन्दीवर ने किन प्रमुख फिल्मों में गीत लिखे?
- अध्याय - 28 प्रसून जोशी
- प्रश्न- गीतकार प्रसून जोशी के जीवन और साहित्य का चित्रण कीजिए।
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में गीतकार प्रसून जोशी ने क्या चित्रण किया है?
- प्रश्न- 'देश रंगीला रंगीला' गीत में कवि ने इश्क का रंग कैसा बताया है?