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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली के मूल तत्व

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।

उत्तर -

बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया
(Image Classification Process)

बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया विभिन्न क्रियाओं का एक ऐसा समूह है जिसे कई चरणों में पूर्ण किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्न चरणों से होकर गुजरना होता है-

1. आँकड़ों का चुनाव - बिम्ब वर्गीकरण की सर्वप्रथम प्रक्रिया में सुदूर संवेदन बिम्ब का चुनाव और बिम्ब वर्गीकरण की तैयारी करना होता है। इसके लिये सर्वप्रथम यह निर्धारित किया जाता है कि हमें किस वस्तु का वर्गीकरण करना है। यह धरातल पर फैली हुई आकृतियों जल, वनस्पति, मिट्टी, भूमि उपयोग इत्यादि के आवरण पर निर्भर करता है। आँकड़ों के चुनाव के दौरान संवेदक, तरंग दैर्ध्य तथा विभेदन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

2. निरीक्षणात्मक एवं अनिरीक्षणात्मक वर्गीकरण - किसी आकृति स्थान को आवरण की विशेषताओं के आधार पर अलग-अलग समूहों में विभाजित करने के लिये निरीक्षणात्मक और अनिरीक्षणात्मक विधियाँ अपनाई जाती हैं।

निरीक्षणात्मक वर्गीकरण में कोई भी शोधकर्ता प्रशिक्षण के दौरान भू-आवरण को अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत करता है। जैसे कि कृषि भूमि, वन - भूमि, बेकार भूमि या वन भूमि में अलग-अलग प्रजातियों के समूह इत्यादि। इसके पश्चात् बिम्ब को वर्गीकृत किया जाता है। इसे किसी बिम्ब का निरीक्षणात्मक वर्गीकरण भी कहते हैं। इस उपागम में सत्यापन वर्गीकरण से पूर्व में किया जाता है।

अनिरीक्षणात्मक वर्गीकरण में पिक्सल के आधार पर आकृति स्थान में कई समूह को स्पष्ट कर समूह एलगोरिथम का उपयोग किया जाता है जो स्वतः ही पिक्सल मानों के आधार पर सम्पूर्ण बिम्ब को अलग-अलग समूहों में वर्गीकृत कर देता है। तत्पश्चात् अलग-अलग समूहों का सत्यापन धरातल पर किया जाता है।

3. एलगोरिथम का चुनाव - जब किसी आकृति स्थान में एक बार स्पेक्ट्रल क्लास को स्पष्ट कर दिया जाता है तो संचालक या शोधकर्ता यह निश्चित करता है कि प्रत्येक वर्ग में कितने पिक्सल निर्धारित किये गये हैं। पिक्सल का निर्धारण अलग-अलग मापदण्डों के आधार पर किया जाता है।

4. वर्गीकरण करना - प्रशिक्षण डाटा और एलगोरिथम स्थापित करने के बाद ही वास्तविक वर्गीकरण किया जा सकता है। इसका अर्थ यह है कि डिजिटल मानों के आधार पर प्रतिबिम्ब में प्रत्येक मल्टी बैण्ड पिक्सलों को निर्दिष्ट करके अलग-अलग वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।

5. परिणामों की वैधता - परिणामों की वैधता के लिए भूमि सत्यापन द्वारा इसकी उत्तमता की जाँच सन्दर्भ डाटा की तुलना करके की जाती है। कहने का अभिप्राय यह है कि कम्प्यूटर पर वर्गीकृत आँकड़ों की भू-धरातल पर जाकर जाँच की जाती है। इसके लिये प्रतिचयन विधि का उपयोग किया जाता है।

बिम्ब वर्गीकरण की तैयारी करना
(Preparation for Image Classification)

बिम्ब वर्गीकरण की तैयारी करने के लिये मुख्यतः निम्न बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जाता है-

(i) विषयक वर्ग - सुदूर संवेदन आँकड़ों को विषयक आँकड़ों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ही विषयक वर्ग कहलाती है। विषयक विशेषतायें जैसे कि भूमि आवरण भूमि उपयोग, मृदा के प्रकार, खनिज प्रकार इत्यादि हो सकती है जिन्हें विश्लेषण के उपयोग में लाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में विश्लेषणकर्ता के द्वारा किसी दृश्य परावर्तित मानो की अपेक्षा विषयक विशेषताओं में अधिक रुचि ली जाती है।

बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया के द्वारा वृहत आकार के आँकड़ों को कम करके संग्रह किया जा सकता है। इससे स्थान कम घिरता है। इस प्रकार बिम्ब वर्गीकरण की तैयार से पूर्व विषयक विशेषताओं का आकलन करना आवश्यक है।

(ii) डाटा का समय - वर्गीकरण करने से पूर्व यह ध्यान रखा जाता है कि जो आँकड़े या सूचनायें उपयोग में लाई जा रही हैं उनकी अवधि क्या है। यदि किसी भू-भाग के भूमि उपयोग प्रकारों का अध्ययन करना है तो किसी बिम्ब का समय ध्यान में रखकर कार्य प्रारम्भ किया जाता है। फसल वक्र बर्फ आवरण, वनस्पति आवरण इत्यादि उपयोगों में सुदूर संवेदन आँकड़ों का समय महत्वपूर्ण होता है। इसी प्रकार सूर्य का प्रदीपन कोण भी समय द्वारा निर्धारित होता है जो धरातल की वस्तुओं को प्रदीप्त करता है। कुछ दशाओं में मल्टी स्पेक्ट्रल डाटा सैट की आवश्यकता होती है जिसके द्वारा परिवर्तन संसूचन का अनुमान लगाया जाता है।

(iii) बैंड का चुनाव - उपरोक्त विधि से प्राप्त आँकड़ों का प्रयोग किसी स्पेक्ट्रल बैण्ड के माध्यम से किया जाता है। पूर्व उपलब्ध स्पेक्ट्रल बैंड में से किसी उपर्युक्त बैंड का चुनाव किया जाता है। इसके लिए लैण्डसेट - 5 TM के 7 बैंड में से कोई भी बैंड लिया जा सकता है जो आवश्यकता की पूर्ति करता है। ऐसी स्थिति में दो बैंड का डाटा लगभग समान होने पर सह-सम्बन्ध का प्रयोग किया जा सकता है। प्राकृतिक वनस्पति के विश्लेषण के लिये रक्त एवं हरे तरंग दैर्ध्य बैंडों को आपस में मिलाया जा सकता है। सह सम्बन्धित बैंड, वर्गीकरण के उद्देश्य की पूर्ति के लिये (Redundent) प्रचुर मात्रा में सूचनाओं को उपलब्ध कराते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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