बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2B अर्थशास्त्र - अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- रिकार्डो का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
अथवा
तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
उत्तर -
(Ricardian Theory of Comparative Cost)
तुलनात्मक लागत सिद्धान्त का पहली बार प्रयोग राबर्ट टारेन ने किया था किन्तु तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना रिकार्डो ने की थी। बाद में इस सिद्धान्त का विकास जे. एस. मिल, केयर्न्स व बैस्टाबल ने किया किन्तु इस सिद्धान्त की आधुनिक व्याख्या प्रो. टासिंग व हैबरलर ने की।
इस सिद्धान्त के अनुसार लागत में तुलनात्मक अन्तर से अभिप्राय यह है कि कोई भी देश कई वस्तुओं को कम लागत पर उत्पादित कर सकता है किन्तु फिर भी वस्तुओं के उत्पादन की सापेक्षिक कुशलता अन्य देशों से भिन्न होने पर इस देश की एक विशेष वस्तु के उत्पादन में सापेक्षिक लाभ अधिक होता है। रिकार्डो का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त श्रम के मूल्य सिद्धान्त पर आधारित है। यह सिद्धान्त स्पष्ट करता है कि वस्तुओं का मूल्य उसमें लगने वाले श्रम से आंका जाता है और वस्तुओं का विनिमय उन वस्तुओं के उत्पादन मे लगने वाले श्रम के आधार पर होता है जिन वस्तुओं का मूल्य समान होता है उनमें लगने वाले श्रम की मात्रा भी समान होती है।
रिकार्डो के अनुसार दो देशों में मूल्यों की प्रवृत्ति समान होने की नहीं होती है क्योंकि इन देशों 'में उत्पत्ति के साधनों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गतिशीलता नहीं पायी जाती है। ऐसी स्थिति में वस्तुओं का आयात-निर्यात किस आधार पर होगा? रिकार्डो के अनुसार इस समस्या का समाधान है तुलनात्मक लागत। रिकार्डो के अनुसार जब दो देश वस्तुओं का उत्पादन सापेक्षिक रूप से विभिन्न श्रम लागत के आधार पर करते हैं तो प्रत्येक देश के लिए लाभदायक होगा कि वह उन वस्तुओं के उत्पादन में विशिष्टीकरण करे जिनकी लागत सापेक्षिक रूप से न्यूनतम हो।
तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ (Assumptions of Comparative Cost Theory) - यह सिद्धान्त निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है -
(1) यह सिद्धान्त दो देश व दो वस्तु मॉडल पर आधारित हैं।
(2) यह सिद्धान्त मूल्य के श्रम सिद्धान्त पर आधारित है।
(3) समस्त श्रम की इकाइयाँ समान हैं।
(4) दोनों देशों में श्रम की मात्रा व कुशलता समान है।
(5) उत्पादन लागत स्थिर है।
(6) देश के भीतर साधन गतिशील है किन्तु देश के बाहर साधनों में गतिशीलता का अभाव पाया जाता है।
(7) स्वतन्त्र व्यापार की स्थिति है।
(8) दोनों देशों स्वर्णमान प्रचलित है।
(9) यातायात व्यय शून्य है।
(10) साधनों व वस्तु बाजार में पूर्ण प्रतियोगिता है।
(11) सभी साधनों को पूर्ण रोजगार प्राप्त है।
सिद्धान्त की व्याख्या - इस सिद्धान्त के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार इसलिए होता है कि विभिन्न देशों को भिन्न-भिन्न वस्तुओं के उत्पादन में अलग-अलग लाभ होता है। इन विभिन्न लाभों को निर्धारित करने में देश के आर्थिक साधनों का महत्वपूर्ण हाथ होता है। जैसे अनुकूल जलवायु भूमि कच्चे माल की उपलब्धि व तकनीकी प्रगति के कारण अधिक कार्य कुशल श्रम शक्ति आदि। रिकार्डो के अनुसार दो व्यक्ति है और वे दोनों जूते व टोपे बना सकते हैं तथा इसमें एक व्यक्ति दूसरे की अपेक्षा दोनों ही कार्यों में श्रेष्ठ है परन्तु टोपे बनाने में वह अपने प्रतियोगी से 20% और जूते बनाने मे 33-5% अधिक कुशल है। क्या यह दोनों व्यक्तियों के हित में नहीं होगा कि कुशल व्यक्ति केवल जूता बनाए और दूसरा व्यक्ति केवल टोपे बनाने का कार्य करे।
उदाहरण द्वारा स्पष्टीकरण-भारत व म्यांमार में प्रत्येक श्रमिक 10 घण्टे कार्य करके जूट व चावल का उत्पादन करते हैं जिसको तालिका में दिखाया गया है-
देश | जूट (किलोग्राम) | चावल (किलोग्राम) |
भारत | 10 | 10 |
म्यांमार | 4 | 8 |
तालिका से स्पष्ट है कि भारत को जूट व चावल दोनों उत्पादन पर विशिष्टीकरण प्राप्त है। किन्तु भारत को चावल के स्थान पर जूट के उत्पादन पर अधिक तुलनात्मक लाभ है जबकि म्यांमार को दोनों वस्तुओं के उत्पादन में तुलनात्मक रूप से हानि हो रही है किन्तु उसे चावल के उत्पादन में कम हानि होती है। यदि व्यापार नहीं हो रहा है तो विनिमय अनुपात है।
(1) भारत में एक किलोग्राम जूट के बराबर एक किलोग्राम चावल होगा।.
(2) म्यांमार में एक किलोग्राम जूट के बराबर 2 किलोग्राम चावल होगा।
किन्तु यदि विदेशी व्यापार शुरू हो जाता है तो यह लाभदायक होगा कि भारत जूट का उत्पादन करे और म्यांमार चावल का उत्पादन करे। भारत म्यांमार से एक किलोग्राम जूट से 2 किलोग्राम चावल प्राप्त कर सकता है। म्यांमार भारत से एक किलो चावल से 1 किलोग्राम जूट प्राप्त कर सकता है। यदि दोनों देश विशिष्टीकरण करते हैं तो भारत में 20 किलोग्राम जूट का उत्पादन होगा जबकि म्यांमार में 12 किलोग्राम चावल का उत्पादन होगा। इससे दोनों देशों को लाभ प्राप्त होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में तुलनात्मक लागत का सिद्धान्त बताता है कि एक देश आवश्यक रूप से उन सब वस्तुओं का उत्पादन नहीं करता जिन्हें वह अन्य देशों की तुलना मे सस्ते में पैदा कर सकता है। बल्कि उन वस्तुओं का उत्पादन करता है जिन्हें वह अधिकतम सापेक्षिक लाभ अर्थात न्यूनतम तुलनात्मक लागत पर उत्पादन कर सकता है।
तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की आलोचनाएँ (Criticism of the Comparative Cost Theory) -
इस सिद्धान्त की निम्नलिखित आलोचनाएँ की जाती हैं-
(1) पूर्ण रोजगार की मान्यता काल्पनिक है।
(2) मूल्य के श्रम सिद्धान्त की मान्यता दोषपूर्ण है।
(3) श्रम व कुशलता में समानता की मान्यता दोषपूर्ण है।
(4) यह सिद्धान्त दो से अधिक देशों पर लागू नहीं होता है।
(5) उत्पादन क्षमता नियम की मान्यता अव्यवहारिक है।
(6) परिवहन व्यय की उपेक्षा की गई है।
(7) मांग के प्रभाव की उपेक्षा की गई है।
(8) पूर्ण प्रतियोगिता की मान्यता काल्पनिक है।
( 9 ) यह सिद्धान्त विकासशील देशों में लागू नहीं होता है।
(10) व्यवहारिक रूप से स्वतन्त्र व्यापार पर कई प्रतिबन्ध होते हैं। इस कारण से यह सिद्धान्त निष्क्रिय हो जाता है।
|
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र की विषय-सामग्री एवं क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का अर्थ व परिभाषा दीजिए तथा इसके विषय क्षेत्र व विषय-सामग्री का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र का क्या अर्थ है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के कारण कौन-कौन सी प्रमुख आर्थिक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? साथ ही यह भी स्पष्ट कीजिए कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार ने किन आर्थिक समस्याओं को जन्म दिया है?
- प्रश्न- 'अन्तरक्षेत्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का आर्थिक आधार श्रम विभाजन एवं विशिष्टीकरण है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रभाव बताइये।
- प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व्यापार की प्रमुख विशेषताएँ कौन-सी हैं? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार किस प्रकार अन्तर्क्षेत्रीय व्यापार से भिन्न है?
- प्रश्न- अन्तर्क्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या अर्थ है? अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का क्या महत्व है?
- प्रश्न- विदेश व्यापार से क्या लाभ होते हैं?
- प्रश्न- विदेशी व्यापार से क्या-क्या हानि होती है?
- प्रश्न- आन्तरिक व्यापार व विदेशी व्यापार में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- अन्तक्षेत्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में क्या समानताएँ है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार पर वणिकवादी विचारधारा का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- एडम स्मिथ के निरपेक्ष लाभ के सिद्धान्त का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- रिकार्डो का तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एडम स्मिथ के लागतों के निरपेक्ष लाभ सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्या अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए पृथक सिद्धान्त की आवश्यकता है?
- प्रश्न- एडम स्मिथ के स्वतन्त्र व्यापार सिद्धान्त का प्रतिपादन कीजिए।
- प्रश्न- उन कारणों को स्पष्ट कीजिए जिससे तुलनात्मक लागत सिद्धान्त विकासशील देशों या अर्द्ध विकसित देशों में लागू नहीं होता है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के तुलनात्मक लाभ के सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त की मान्यतायें बताइये।
- प्रश्न- लागतों में अन्तर के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत लाभ सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत सिद्धान्त अर्द्ध-विकसित देशों में लागू क्यों नहीं होता?
- प्रश्न- क्या आनुभाविक जाँच से तुलनात्मक लागत सिद्धान्त की सत्यता स्थापित की गयी है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मिल द्वारा प्रतिपादित अन्तर्राष्ट्रीय मूल्यों के सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों से क्या आशय है? व्यापार की शर्तों के प्रकार को समझाइये
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों के प्रकार की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों को प्रभावित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अर्द्धविकसित देशों की व्यापार की शर्तों के प्रतिकूल रहने के क्या कारण है? इनके सुधार हेतु सुझाव भी दीजिए।
- प्रश्न- अर्द्ध-विकसित देशों में व्यापार की शर्तों में सुधार हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- "व्यापार की शर्तें एवं आर्थिक विकास आपस में एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।" व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तें आर्थिक विकास को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
- प्रश्न- संरक्षण के लिए शिशु उद्योग तर्क का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार की शर्तों का महत्व समझाइये ।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसर लागत सिद्धान्त की आलोचनात्मक समीक्षा व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त की मान्यताएँ बताइये।
- प्रश्न- स्थिर अवसर लागत के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- स्थिर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कब लाभप्रद होता है?
- प्रश्न- बढ़ती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- घटती अवसर लागत की दशा में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को समझाइये।
- प्रश्न- अवसर सिद्धान्त किन मायनों में परम्परागत तुलनात्मक लागत सिद्धान्त से श्रेष्ठ है?
- प्रश्न- अवसर लागत सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- वास्तविक लागत सिद्धान्त एवं अवसर लागत सिद्धान्त का तुलनात्मक विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार की अवधारणा का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार के पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र एवं संरक्षण व्यापार में अन्तर लिखिये। स्वतंत्र व्यापार के गुण व दोष बताइये।
- प्रश्न- व्यापार संरक्षण नीति किसे कहते हैं? संरक्षण व्यापार से लाभ व हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- अल्पविकसित या विकासशील या गरीब देशों में संरक्षण व्यापार की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक ब्लॉक से क्या आशय है? इसके विकास का सिद्धान्त उद्देश्य तथा प्रकारों को समझाइये।
- प्रश्न- व्यापारिक ब्लॉक की उत्पत्ति का सिद्धान्त समझाइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के उद्देश्य तथा प्रकार बताइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के लाभ व दोष समझाइए।
- प्रश्न- वैश्विक व्यापारिक ब्लॉकों के दोष / कमियाँ बताइए।
- प्रश्न- सीमा संघ के स्थैतिक तथा प्रावैगिक प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीमा संघ के प्रावैगिक प्रभाव कौन-कौन से होते हैं?
- प्रश्न- एसियान क्षेत्रों की प्रगति पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ब्रिक्स (BRICS) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका संवाद मंच (IBSA) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- दक्षिण एशियाई अधिमान व्यापार ठहराव का क्या है? इसका औचित्य व प्रगति बताइये।
- प्रश्न- एशियाई क्षेत्र में सीमा शुल्क संघ बनाने में क्या समस्याएँ हैं?
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन से क्या आशय है? भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन के विभिन्न भागों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- पूँजी खाता परिवर्तनशीलता क्या है? इसको लागू करने की पूर्व शर्तें क्या हैं?
- प्रश्न- "भुगतान सन्तुलन सदैव सन्तुलन में रहता है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान संतुलन के समायोजन तन्त्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के क्या परिणाम होते हैं?
- प्रश्न- भुगतान असन्तुलन के कारणों को समझाइये।
- प्रश्न- मार्शल-लर्नर शर्त (Marshall - Lerner Condition) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भुगतान सन्तुलन व व्यापार सन्तुलन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- तुलनात्मक लागत का हैक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन सिद्धान्त की मान्यताओं को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के परम्परावादी सिद्धान्त व हेक्सचर ओहलिन सिद्धान्त की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- हेक्सचर-ओहलिन के सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- तकनीकी अन्तराल सिद्धान्त (Technological Gap Model ) का विश्लेषण कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों को बताइये तथा यह बताइये कि इनकी माप किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की हानियों को बताइये।
- प्रश्न- लियोनतीफ का विरोधाभास क्या है? बताइये।
- प्रश्न- रिब्जन्सकी प्रमेय की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- निर्धनताकारी विकास को समझाइए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का पाल कुग्रमैन सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना तथा उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख उपलब्धियों तथा असफलताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक की कार्यप्रणाली की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के कार्यों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक की सफलतायें या प्रगति बताइये।
- प्रश्न- विश्व बैंक की असफलतायें बताइये।
- प्रश्न- एशियन विकास बैंक की कार्यप्रणाली समझाइये ।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक के मुख्य उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- एशियाई विकास बैंक की सदस्यता पूँजी व प्रबन्ध को बताइये।
- प्रश्न- "विश्व बैंक की स्थापना अर्द्धविकसित देशों के लिये वरदान है।' स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत तथा विश्व बैंक पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- 'तटकर एवं व्यापार समझौते' (गैट) पर एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार एवं प्रशुल्क पर हुए सामान्य समझौते (GATT) के प्रमुख उद्देश्य कौन-कौन से हैं?
- प्रश्न- गैट के मौलिक सिद्धान्त क्या थे?
- प्रश्न- गैट के प्रमुख कार्य बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके प्रमुख उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाले सम्भावित लाभों एवं हानियों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत को विश्व व्यापार संगठन से होने वाली सम्भावित हानियों को बताइए।
- प्रश्न- अन्य विकासशील देशों के संदर्भ में भारत की स्थिति बताइये।
- प्रश्न- विकासशील देशों के दृष्टिकोण से विश्व व्यापार संगठन समझौते की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारत को अंकटाड से होने वाले लाभों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था पर भूमण्डलीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को इंगित कीजिए।
- प्रश्न- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से आप क्या समझते हैं? प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सन्दर्भ में सरकार द्वारा बनाए गए नीतियों का उल्लेख कीजिए?
- प्रश्न- गैट तथा अर्द्ध-विकसित राष्ट्रों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के समझौते बताइये।
- प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन का संगठनात्मक ढाँचा प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- बौद्धिक सम्पदा अधिकार से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- "विश्व व्यापार संगठन गैट (GATT) की तुलना में कहीं अधिक विस्तृत एवं व्यापक वैधानिक अधिकार वाला संगठन है।' विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित बौद्धिक सम्पदा अधिकार (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- व्यापार से सम्बन्धित उपाय (ट्रिप्स) पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार से आप क्या समझते हैं? विश्व व्यापार संगठन ने इस सम्बन्ध में क्या भूमिका निभायी है?
- प्रश्न- 'बहुपक्षीय मुद्दे तथा विश्व व्यापार संगठन' को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अंकटाड के उद्देश्य एवं स्वीकृत सिद्धान्तों को बताइये।
- प्रश्न- अंकटाड के कार्य बताइये।
- प्रश्न- दसवें अंकटाड पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी व्यापार में विविधता लाने की दृष्टि से अंकटाड की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- उत्तर-दक्षिण व्यापार संवाद क्या है?
- प्रश्न- दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South-South Coorperation) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से आप क्या समझते हैं? यह एफडीआई से कैसे सम्बद्ध है?
- प्रश्न- विदेशी पूँजी किसे कहते हैं?
- प्रश्न- अभ्यंश से आप क्या समझते हैं? आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रकारों को बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंशों के विभिन्न प्रकार बताइये।
- प्रश्न- आयात अभ्यंश के विभिन्न प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आयांत अभ्यंश के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- अभ्यंश प्रणाली के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी संरक्षण पर टिप्पणी।
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आयात प्रतिस्थापन से लाभ बताइये।
- प्रश्न- आयाल अभ्यंश एवं प्रशुल्क की तुलना कीजिए।
- प्रश्न- राशिपातन के स्वभाव एवं उसके विभिन्न रूपों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- स्वतन्त्र व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके पक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- विदेशों में कम मूल्य पर बेचने की नीति से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- प्रशुल्क के प्रभावों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- गैर-प्रशुल्क बाधाएँ (Non-tariff Barriers) किसे कहते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध से क्या आशय है?
- प्रश्न- प्रशुल्क युद्ध को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारत सरकार की प्रशुल्क नीतियाँ।
- प्रश्न- "अनुकूलतम प्रशुल्क की धारणा यह बताती है कि प्रशुल्क कितनी मात्रा में लगाये जायें ताकि देश का अधिकतम कल्याण हो।' इस कथन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- अनुकूलतम प्रशुल्क तथा कल्याण निहितार्थ पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय बाजार के कार्यों का विवरण दीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर क्या है? विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाने वाले विभिन्न घटकों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय दर को प्रकाशित करने वाले घटकों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विदेशी विनिमय दर को प्रभावित करने वाले उन घटकों का वर्णन कीजिए जो विदेशी विनिमय दरों में परिवर्तन लाते हैं।
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- क्रय शक्ति समता सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- टकसाल दर समता सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विनिमय नियोजन क्या है? भारत में विनिमय नियन्त्रण के क्या उद्देश्य हैं? इस दिशा में भारत सरकार ने हाल के वर्षों में क्या किया है?
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियन्त्रण की अप्रत्यक्ष विधियों को समझाइये ।
- प्रश्न- वैश्विक वित्तीय संकट का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विनिमय नियंत्रण के उद्देश्यों को बताइये।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दरों के पक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- परिवर्तनशील विनिमय दर के विपक्ष में तर्क दीजिए।
- प्रश्न- अग्रिम विनिमय तथा तैयार सौदों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- हेजिंग (Hedging) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- अन्तर्पणन क्रियाएँ क्या हैं?
- प्रश्न- मुद्रा की परिवर्तनीयता से आप क्या समझते हैं?