बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सामाजिक विज्ञान विषय की हाइस्कूल कक्षाओं के लिये निर्धारित पाठ्य-पुस्तक का आलोचनात्मक विश्लेषण कीजिए।
अथवा
सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक की उपयोगिता लिखिए।
उत्तर -
हाइस्कूल स्तर पर शिक्षा विभाग के द्वारा पाठ्य-पुस्तकों को राष्ट्रीयकरण की योजना के अन्तर्गत सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकें प्रकाशित की गई हैं।
हाइस्कूल स्तर की पाठ्य-पुस्तकों की उपयोगिता - हाइस्कूल स्तर पर प्रदेश की शिक्षा समितियों द्वारा पाठ्य-पुस्तकों की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं -
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हाइस्कूल स्तर की पाठ्य-पुस्तकों का स्तर संतोषजनक है एवं यह विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में सामाजिक विज्ञान की उपयोगी एवं महत्वपूर्ण तथ्यों का संकलन है, जो सामाजिक विज्ञान के विद्यार्थियों के लिये उपयोगी हैं।
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पाठ्य-पुस्तकें विद्यार्थियों को व्यावहारिक तथा सामाजिक जीवन के निर्देशन में सहायक होती हैं।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में नैतिक एवं धार्मिक शिक्षा की विषय-वस्तु भी सम्मिलित है, जो विद्यार्थियों में उत्तम आदर्शों तथा आदर्श चरित्र का निर्माण करने में सहायक है।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तक की विषय-वस्तु का संकलन मनोवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक है।
हाइस्कूल स्तर की पाठ्य-पुस्तकों के दोष - इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में निम्नलिखित दोष पाये जाते हैं -
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों की भाषा कठिन है।
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इस स्तर की पुस्तकों में आधुनिक खोजों एवं नवीनतम घटनाओं का समावेश नहीं है।
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इस स्तर की पुस्तकों में शाब्दिक अशुद्धियाँ बहुत होती हैं।
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पाठ्य-पुस्तकों में प्राचीनकालीन कथाओं एवं गाथाओं का वर्णन प्रचुर मात्रा में है।
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इस स्तर-पुस्तकों में विविधता का अभाव है जिसका सामाजिक जीवन से कोई सम्बन्ध नहीं है।
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इस स्तर की पुस्तकों में चित्रों एवं रेखाचित्रों का उपयोग कम मिलता है एवं जो कुछ भी है वह आकर्षक एवं प्रभावपूर्ण न होने के कारण कोई महत्व नहीं है।
हाइस्कूल स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में सुधार हेतु सुझाव - इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में सुधार हेतु निम्नलिखित सुझाव दिये जा सकते हैं -
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हाइस्कूल के विद्यार्थियों की पाठ्य-पुस्तकों की विषय-वस्तु का चयन में उनकी रुचियों एवं उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में वर्णनात्मक तथा विचारात्मक शैली का प्रयोग किया जाना चाहिए।
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इस स्तर पर सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकों की विषय-वस्तु सामाजिक विज्ञान के महत्वपूर्ण पक्षों में एकरूपित किये जाने चाहिए।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों में रोचकता एवं विविधता लाने के लिये विभिन्न प्रकार के पाठों को स्थान दिया जाना चाहिए।
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इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों को साज-सज्जा आकर्षक होनी चाहिए।
हाइस्कूल सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकों को प्रभावशाली बनाने हेतु सुझाव - इस स्तर की पाठ्य-पुस्तकों को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिये निम्नलिखित सुझाव दिये गये हैं -
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प्रत्येक अध्यापक एवं विद्यार्थी को पाठ्य-पुस्तक के विषय में सर्वांगसम सम्पूर्ण जानकारी कर लेनी चाहिए।
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अध्यापक को ऐसी पाठ्य-पुस्तक का उपयोग करना चाहिए जो प्रचलित एवं सामान्यिक हो।
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अध्यापक को पाठ्य-पुस्तक का उपयोग पाठ्य वस्तु के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करनी चाहिए।
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कक्षा के सभी विद्यार्थियों को सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तक अवश्य होनी चाहिए।
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अध्यापक को पाठ्य-पुस्तकों के अभ्यासों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। इससे छात्रों को यह ज्ञान हो जायेगा कि वह पाठ्य-पुस्तक की विषय-वस्तु को समझने में किस प्रकार उनकी सहायता करे।
अध्यापक को विद्यार्थियों को घर पर पाठ्य-पुस्तकों को पढ़ने के लिये सदैव प्रेरित करना चाहिए।
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