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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2765
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय 7 - शिक्षण अधिगम सामग्री : तात्कालिक
उपकरणों का महत्त्व एवं संरचना, OER-MOOCs

(Teaching Learning Material : Importance
and Construction of Improvised Apparatus, OER-MOOCs)

प्रश्न- शिक्षण सहायक सामग्री का अर्थ, परिभाषा एवं वर्गीकरण को बताते हुए इसका महत्त्व स्पष्ट कीजिए।

अथवा
सामाजिक विज्ञान शिक्षण में प्रयुक्त होने वाली सहायक शिक्षण सहायक सामग्री से आप क्या समझते हैं ? शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण कीजिए।

समन्वित लघु उत्तरीय प्रश्न

  1. शिक्षण सहायक सामग्री से क्या तात्पर्य है ?
  2. शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण कीजिए।
  3. सामाजिक विज्ञान शिक्षण अधिगम सामग्री का क्या महत्त्व है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -

शिक्षण सहायक सामग्री का अर्थ एवं परिभाषा
(Meaning and Definition of Teaching Aids)

शिक्षण सहायक सामग्री का तात्पर्य शिक्षण के उन उपकरणों से है जिनका कक्षा में प्रयोग करने से विद्यार्थियों को देखने तथा सुनने वाली इन्द्रियों के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होता है। दृश्य-श्रव्य सामग्री के मनोवैज्ञानिक आधार में एक इन्द्रिय के बजाय अनेक इन्द्रियों से ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलता है जिससे बालक उस ज्ञान को स्थायी रूप से अपने मस्तिष्क में धारण कर सकते हैं। शब्दों में शिक्षण सामग्री के अर्थ को हम इस रूप में भी समझ सकते हैं कि वह सम्पूर्ण सामग्री जिसका प्रयोग शिक्षक अपनी शिक्षण सामग्री, रहन-सहन एवं प्रभावशाली शिक्षण के लिए तथा विद्यार्थी द्वारा अच्छे ढंग से सीखने के लिए करता है और जिस सामग्री को देखकर, सुनकर एवं प्रयोग करके विद्यार्थी सीखते हैं एवं प्रभावशाली शिक्षण है, वह शिक्षण सहायक सामग्री कहाते हैं।

शिक्षण सहायक सामग्री को परिभाषित करते हुए विभिन्न विद्वानों ने अपने विचार प्रस्तुत किये हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं -

एम.पी. मोफात (M.P. Moffatt) के अनुसार : “सहायक सामग्री हमें अनुभव प्रदान करती है और शब्द एवं वस्तु में सम्बन्ध स्थापित करती है। यह विद्यार्थियों के समय की बचत करती है, सरल व विश्वासनीय सूचना प्रदान करती है, सौन्दर्यात्मक ज्ञान का विकास एवं अभिवृद्धि करती है, कल्पना को उत्तेजित करती है तथा विद्यार्थियों की निरीक्षण शक्ति का विकास करती है।”
क्रो एवं क्रो (Crow and Crow) के अनुसार - “श्रव्य-दृश्य उपकरण सीखने वालों को व्यक्तियों, घटनाओं, वस्तुओं और कारण तथा प्रभाव सम्बन्धी प्रतिनिधिक अनुभवों से लाभ उठाने का अवसर देते हैं।”

विट्टिच एवं शुलर (Wittich and Schuller) के अनुसार - “श्रव्य-दृश्य विधियाँ और वस्तुएँ प्रभावपूर्ण सीखने, प्रवृत्त विद्यार्थियों रुचि, और उत्साह तथा विद्यालय में सफलता के लिए अति लाभदायक आधार हैं।”

उपयुक्त परिभाषाओं के अवलोकन के बाद हम यह कह सकते हैं कि विषय को स्पष्ट करने, आकर्षक एवं प्रभावशाली बनाने हेतु विशेष विषय-सामग्री को सरल, सुगम तथा प्रभावशाली बनाने के लिए जिन वस्तु का उपयोग किया जाता है, उसे शिक्षण सहायक सामग्री कहते हैं।

शिक्षण सहायक सामग्री का वर्गीकरण
(Classification of Teaching Aids)

सामाजिक विज्ञान-शिक्षण में प्रयुक्त होने वाली सहायक-सामग्री को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है -

  1. दृश्य सहायक सामग्री (Visual Aids) - वास्तविक पदार्थ, चित्र, मानचित्र, रेखाचित्र, चार्ट, पोस्टर, प्रतिमान (मॉडल), बुलेटिन बोर्ड, फ्लैश बोर्ड, स्लाइड, ग्राफ आदि।

  2. यांत्रिक सहायक सामग्री (Mechanical Aids) - ये निम्नलिखित हैं -
    (i) श्रव्य - टेप-रिकॉर्डर, रेडियो तथा अध्यापन-यन्त्र (Teaching-Machine)।
    (ii) दृश्य - प्रोजेक्टर, फिल्म्स स्कोप तथा फिल्म चित्रदर्शी।
    (iii) श्रव्य-दृश्य - फिल्म (चलचित्र), टेलीविजन और विडियो, टेप-रिकॉर्डर तथा कैसिट्स।

  3. परम्परागत सहायक सामग्री (Traditional Aids) - श्यामपट्ट, पुस्तकें तथा पत्र-पत्रिकाएँ आदि।

  4. अन्य सहायक सामग्री (Other Kinds of Aids) - भ्रमण, प्रदर्शनी तथा संग्रहालय आदि।

शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व
(Importance of Teaching Aids)

अध्ययन-अधिगम की दृष्टि से शिक्षण सहायक सामग्री शिक्षक एवं विद्यार्थियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसा कि विट्टिच एवं शुलर ने लिखा है कि “शिक्षण सहायक सामग्री प्रभावपूर्ण सीखने, प्रवृत्त छात्र रुचि, उत्साह तथा विद्यालय में सफलता के लिए अति लाभदायक आधार हैं।”

शिक्षण सहायक सामग्री का महत्व हम निम्नलिखित बिन्दुओं से भी समझ सकते हैं -

  1. शिक्षण सहायक सामग्री एक अनुदेशनात्मक युक्तियाँ (Instructional Devices) हैं जिनका सुना एवं देखा जा सकता है।

  2. इनके द्वारा विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न होती है।

  3. इनके प्रयोग से बालकों को प्रत्यक्ष अनुभव (Direct Experience) प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए जब छात्र वस्तुओं को प्रदर्शन देखते हैं, उपकरणों का प्रयोग करते हैं, स्वयं प्रयोग करते देखते हैं तथा चार्ट, मॉडल, मानचित्र आदि बनाते हैं, तब उन्हें अच्छा ज्ञान प्राप्त होता है।

  4. यह सामग्री ध्यान आकर्षित करने का उत्तम साधन है।

  5. इनके प्रयोग से समय की बचत होती है तथा बालकों का अध्ययन शुद्ध (Solid) और स्थायी (Durable) हो जाता है।

  6. इनके प्रयोग से नैतिक कार्य तथा अर्थहीन शब्दों का प्रयोग कम होता है।

  7. इनके द्वारा वास्तविक ज्ञान को कक्षा में ले जाना सम्भव होता है।

  8. इनके प्रयोग से विद्यार्थी में सभी ज्ञानेन्द्रियों द्वारा ज्ञान प्राप्त करने का विकास सम्भव होता है। अतः यह शिक्षण प्रक्रिया का मनोवैज्ञानिक आधार है।

  9. इनके प्रयोग से कक्षा में शिक्षक का एकाधिकार कम होता है तथा कक्षा शिक्षण-अधिगम में विविधता आती है।

  10. सहायक सामग्री विद्यार्थियों का ध्यान शिक्षण की ओर आकर्षित करती है और विद्यार्थियों की विभिन्न मानसिक क्रियाओं को उत्तेजित करती है।

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