लोगों की राय

बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण

बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :160
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2765
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीएड सेमेस्टर-2 सामाजिक विज्ञान शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- सामाजिक अध्ययन की पाठ्य-पुस्तक की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

 

सामाजिक अध्ययन पाठ्य-पुस्तक की आवश्यकता
(Need of Social Studies Text-Book)

सामाजिक अध्ययन एक नवीन विषय है, अतः इसकी उपयुक्त पाठ्य-पुस्तकों का अभाव है। इसकी आवश्यकता को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है –

  1. शिक्षकों की दृष्टिकोण से आवश्यक - सामाजिक अध्ययन की पाठ्य-पुस्तक की आवश्यकता शिक्षकों के विशेष रूप से है, क्योंकि जिन शिक्षकों पर इसके अध्ययन का भार है, उन्हें इसकी विषय-वस्तु का ज्ञान तथा उसकी व्यवस्था के ढंगों को जानना भी आवश्यक है। पाठ्य-वस्तु तथा उसकी व्यवस्था के ज्ञान के लिये पाठ्य-पुस्तक ही शिक्षक का प्रधान-साधन होती है।

  2. छात्रों की दृष्टिकोण से आवश्यकता - विद्यालय के लगभग ही छात्रों के लिये भी सामाजिक अध्ययन की पाठ्य-पुस्तकें आवश्यक हैं। इनके द्वारा छात्रों को किसी समस्या को अध्ययन करने में विशेष सहायता मिलती है तथा वे किसी इकाई या निरीक्षित कार्य की भी तैयारी भी सरलतापूर्वक कर लेते हैं। सामाजिक अध्ययन की पाठ्य-पुस्तकें छात्रों की व्यक्तिगत विभिन्‍नताओं की भी संतुष्टि करने में सहायक हैं।

  3. उत्तम पाठ्य-पुस्तकों का पुस्तकालयों में अभाव - जिन शिक्षालयों के पुस्तकालयों में पाठ्य-पुस्तकों का प्रबन्ध नहीं होता है, उनमें सामाजिक विज्ञान की उत्तम पाठ्य-पुस्तकों का निर्धारण होना अति आवश्यक है, क्योंकि छात्र इससे अपने विषय का ज्ञान प्राप्त करेंगे तथा अपने को जागरूकता में रख सकने में समर्थ हो सकेंगे।

  4. मानसिक शक्तियों के संवर्धन में सहायक - सामाजिक विज्ञान की पाठ्य-पुस्तकों की आवश्यकता इसलिए और भी है, क्योंकि इनके द्वारा छात्रों की स्मरण-शक्तियों तथा तर्क-शक्तियों का विकास किया जा सकता है।

  5. उत्तम स्तरों के स्थापना में सहायक - पाठ्य-पुस्तक द्वारा सभी विद्यालयों में उपयुक्त प्रयोगों को चलाने के लिये उत्तम साधन प्रदान किये जाते हैं तथा उत्तम स्तर स्थापित करने में सहायता को जाती है। इसके साथ ही यह विद्यालयों के स्तरों में एकरूपता भी स्थापित करती है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book