बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शिक्षण प्रविधि किसे कहते हैं? शिक्षण प्रविधि तथा शिक्षण विधि का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
शिक्षण प्रणाली का अर्थ - शिक्षण प्रविधियों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। कुछ विद्वान इसे शिक्षण की युक्तियाँ अथवा शिक्षण के बाह्य ढंग एवं रीतियाँ कहकर सम्बोधित करते हैं तो कुछ ने इन्हें शिक्षण के ऐसे साधन माना है जिनकी सहायता से बालक पाठ्यवस्तु को भली-भाँति समझ जाएं। कुछ भी हो वास्तविकता यह है कि शिक्षण प्रविधियाँ ऐसे साधन हैं जिनका प्रयोग शिक्षण करते समय बालकों को पाठ में रुचि लेने, पाठ्य सामग्री को स्पष्ट करने तथा उन्हें बालकों के हृदयगम कराने के लिए किया जाता है। इस दृष्टि से शिक्षण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए जहाँ शिक्षक एक ओर किसी न किसी शिक्षण - विधि की सहायता लेता है, वहाँ दूसरी ओर उसे बालकों के मस्तिष्क में ज्ञान डालने अर्थात् अंकित करने के लिए किसी न किसी शिक्षण प्रविधि का सहारा भी लेना पड़ता है जो उसके लिए परम आवश्यक है।
शिक्षण विधियों तथा प्रविधियों में अन्तर
'कुछ विद्वानों ने विधियों तथा प्रविधियों का वर्णन करते हुए इतनी गड़बड़ कर दी है कि नवीन शिक्षक विशेष तौर पर छात्राध्यापक भ्रम में पड़ जाते हैं। अतः शिक्षण प्रविधियों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालने से पहले यह आवश्यक है कि शिक्षण की विधियों तथा प्रविधियों के अन्तर को स्पष्ट किया जाए।
शिक्षण विधियों का सम्बन्ध सीधा शिक्षण के उद्देश्य से होता है। अतः प्रत्येक शिक्षण विधि शिक्षण की दिशा तथा गति को निर्धारित करती है। इसके विपरीत शिक्षण प्रविधियों का सम्बन्ध शिक्षण के उद्देश्यों से सीधा न होकर केवल शिक्षण - विधि से ही होता है। दूसरे शब्दों में, शिक्षण विधियों का शिक्षण के उद्देश्य से प्रत्यक्ष सम्बन्ध होता है तथा शिक्षण प्रविधियों का अप्रत्यक्ष। इसके अतिरिक्त शिक्षण विधियों में कैसे की भावना कार्य करती है परन्तु शिक्षण प्रविधियों में मुख्य भाव होता है- किसके साथ। यही नहीं, शिक्षण विधियाँ पाठ्य-वस्तु की उचित एवं क्रमबद्ध व्यवस्था पर बल देती है . जबकि शिक्षण प्रविधियाँ मनोवैज्ञानिक तथा तार्किक पक्षों पर बल देते हुए उन ढंगों की ओर संकेत करती हैं जिनके द्वारा शिक्षण को प्रभावपूर्ण एवं सफल बनाया जा सकता
शिक्षण की प्रविधियों का वर्गीकरण
शिक्षण को प्रभावशाली तथा रोचक बनाने के लिए जिन प्रविधियों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
1. सामान्य प्रविधियाँ,
2. धारण सहायक प्रविधियाँ अथवा युक्तियाँ।
शिक्षण की सामान्य प्रविधियाँ उन प्रविधियों को कहते हैं जिनकी सहयता से बालकों को पाठ में रुचि उत्पन्न करके पाठ को आगे विकसित किया जाता है। इसके विपरीत धारण सहायक प्रविधियाँ उन प्रविधियों अथवा युक्तियों को कहते हैं जो बालकों द्वारा अर्जित किए ज्ञान को स्थायी बनाने में सहायता प्रदान करती हैं। इसे निम्नलिखित वर्गीकरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है-
शिक्षक प्रविधियों का वर्गीकरण
सामान्य प्रविधियाँ | धारण सहायक प्रविधियाँ |
(i) व्याख्या | (i) अभ्यास कार्य |
(ii) स्पष्टीकरण | (ii) संक्षिप्तता वृत्ति |
(iii) विवरण | (iii) समीक्षा |
(iv) वर्णन | (iv) गृह कार्य |
(v) कहानी कथन | (v) (vi) निरीक्षित अध्ययन |
(vi) उदाहरण | (vi) प्रश्न पूछना |
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