बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 वाणिज्य शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- वाणिज्यशास्त्र का मनोविज्ञान एवं नीतिशास्त्र से सह-सम्बन्ध बताइए।
उत्तर-
वाणिज्यशास्त्र और मनोविज्ञान
मनोविज्ञान में हम मानव की मानसिक अवस्थाओं का अध्ययन करते हैं। मनुष्य की रुचि, क्षमता, मूल प्रवृत्तियाँ, बुद्धि, अभिरुचि आदि का अध्ययन मनोविज्ञान में किया जाता है। वाणिज्य की प्रक्रिया का मनुष्य की मानसिक अवस्था से गहरा सम्बन्ध होता है। उत्पादक वस्तुओं को बनाते समय या उनका विज्ञापन करते समय समाज के सदस्यों की वर्तमान तथा सम्भावित रुचियों और क्षमताओं का ध्यान रखते हैं। इस प्रकार व्यापारियों के सफल उत्पादन तथा विक्रय के लिए मनोविज्ञान का अध्ययन अत्यन्त आवश्यक है। सफल उत्पादक या व्यापारी के लिए जनता की रुचि को समझना आवश्यक है। अतः सफल और कुशल व्यापारी बनने के लिए मनोविज्ञान का अध्ययन करना आवश्यक है। इस प्रकार वाणिज्यशास्त्र और मनोविज्ञान का घनिष्ठ सम्बन्ध है।
वाणिज्यशास्त्र और नीतिशास्त्र
नीतिशास्त्र में हम अच्छाई और बुराई का अध्ययन करते हैं। अच्छे और बुरे में भेद करते हैं। व्यापारी भी व्यापार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए नीतिशास्त्र के सिद्धान्तों का पालन करता है; जैसे— ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।प्रायः सफल व्यापारी ईमानदार होते हैं। ईमानदार व्यापारी अपना सामान आसानी से बेच लेता है।नीतिशास्त्र व्यापारियों का इस दिशा में मार्गदर्शन करने में सहायक होता है। व्यापारी अपने ग्राहकों, उपभोक्ताओं तथा कर्मचारियों के साथ इसी कारण अच्छा व्यवहार करते हैं। सरकारी नियमों के द्वारा समाज में मानवीय सम्बन्धों की स्थापना नहीं हो सकती।मानवीय सम्बन्धों की स्थापना नीतिशास्त्र के अध्ययन से ही संभव होती है।
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