बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कविता शिक्षण में रुचि उत्पन्न करने हेतु साधनों व प्रविधियों का विश्लेषणात्मक अध्ययन कीजिए।
उत्तर-
कविता शिक्षण में रुचि उत्पन्न करने के साधन व प्रविधियाँ - कविता शिक्षण के उद्देश्य की प्राप्ति का साधन कविता पाठ में छात्रों की रुचि उत्पन्न करना है। पाठ के अतिरिक्त अन्य साधनों एवं प्रविधियों की भी सहायता ली जा सकती है। उनका उल्लेख यहाँ किया गया है। इनके प्रयोग में मातृ-भाषा की कविता में रुचि उत्पन्न की जाती है।
(1) निश्चित विषय पर काव्य पाठ - कभी-कभी निश्चित विषय पर काव्य पाठ कराया जा सकता है। छात्रों को बसन्त ऋतु, वर्षा, कमल, महाराणा प्रताप, आदि किसी भी विषय पर कविता सुनाने को कहा जाये। छात्र निश्चित विषय पर ढूँढ़कर कविता याद करे और अध्यापक को सुनाये। अध्यापक को पक्षपात रहित होकर उत्तम कविता पाठ पर पुरस्कार देना चाहिए। इसी प्रकार की प्रतियोगिताओं से छात्रों में विभिन्न विषयों की कविताओं के प्रति रुचि जागृत होगी।
(2) वाचन प्रतियोगिता - विद्यालय में वाचक प्रतियोगिता का आयोजन समय-समय पर किए जाए। अध्यापक का कर्त्तव्य है कि वह छात्रों को आदर्श वाचन कई प्रकार से अभ्यास कराएँ। छात्रों को बताया जाए कि कविता का आदर्श वाचन किस प्रकार किया जा सकता है। तत्पश्चात् छात्रों को कविताएँ 'कण्ठस्थ करने को कहा जाए। जब छात्र कविताएँ याद कर लें, तब वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए। जो छात्र सबसे उत्तम कविता का वाचन करे उसे पारितोषिक देकर उत्साहित किया जाए। विद्यार्थी स्वतन्त्रतापूर्वक किसी भी कविता की रचना सुना सकते हैं। कविता सुनाते समय अंग संचालन भी होना चाहिए।
(3) उत्सवों पर कविता पाठ - महत्त्वपूर्ण उत्सवों पर भी छात्रों से कविता पाठ कराना लाभदायक सिद्ध होता है। रामनवमी पर राम के ऊपर, गाँधी जयन्ती पर गाँधी के ऊपर तथा जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की कविता पढ़ी जा सकती है। विद्यालयों में ऐसे अवसरों पर समारोह आदि अवश्य किये जायें तथा कविता पाठ के लिये छात्रों को उत्साहित करना चाहिए।
(4) काव्य संग्रह पुस्तिका - छात्रों से एक पुस्तिका बनवाई जाये जिसमें आधुनिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने वाली सुन्दर कविताओं का संग्रह महत्त्वपूर्ण ढंग से किया जाये। प्रत्येक कविता से सम्बन्धित चित्र भी उस कविता के साथ चिपकाया जा सकता है। इस प्रकार का आकर्षक कविता संग्रह छात्रों में कविता के प्रति विशेष रुचि उत्पन्न करेगा।
(5) अन्ताक्षरी - अन्ताक्षरी प्रतियोगिता का प्रचलन आजकल पर्याप्त है। विद्यालय में प्रायः अन्ताक्षरी प्रतियोगिता हुआ करती है। इसमें छात्रों के दो दल बना दिये जाते हैं। एक दल का छात्र कविता पाठ करता है और दूसरे दल का छात्र उस कविता के अन्तिम अक्षर से प्रारम्भ होने वाली कविता का पाठ करता है। इस प्रकार पर्याप्त काल तक दोनों दलों में प्रतियोगिता चलती रहती है। जब एक दल दूसरे दल को कविता के अन्तिम अक्षर से प्रारम्भ होने वाली कविता नहीं सुना पाता तब वह पराजित घोषित कर दिया जाता है और दूसरे को विजयी। अन्ताक्षरी प्रतियोगिता का सबसे बड़ा लाभ यह है कि छात्र अपने दल को जिताने के उद्देश्य से अनेक कविताएँ कण्ठस्थ कर लेते हैं। बालकों में काव्य के प्रति रुचि भी उत्पन्न होती है।
(6) कवि सम्मेलन - कवि सम्मेलनों का आयोजन छात्रों में काव्य प्रेम जागृत करने का सर्वोत्तम साधन है। विद्यालय में समय-समय पर कवि सम्मेलन किये जाएँ तथा नगर और बाहर के प्रसिद्ध कवियों को आमन्त्रित किया जाए। कवियों द्वारा किया गया कविताओं का सस्वर वाचन छात्रों पर विशेष प्रभाव डालता है तथा वे स्वयं भी वैसा अनुकरण करने का प्रयास करते हैं। कवि सम्मेलन में भाग लेने के लिए छात्रों को भी उत्साहित किया जाना चाहिए।
(7) कवि दरबार - कवि दरबार में छात्र विभिन्न कवियों को वेशभूषा से सुसज्जित होकर उन्हीं कवियों की कविता का सस्वर पाठ करते हैं। उदाहरण के लिए तुलसी की कविता का पाठ करने वाला छत्र तुलसीदास की वेशभूषा में ही काव्य पाठ करेगा। इस प्रकार के कवि दरबारों के आयोजनों से सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि अतीत काल के वातावरण का चित्रण सरलता से हो जाता है तथा छात्रों के लिये यह कार्यक्रम मनोरंजक भी होता है।
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