बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षणसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 हिन्दी शिक्षण - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 5 - हिन्दी का अन्य विषयों से सह-सम्बन्ध
प्रश्न- हिन्दी का अन्य विषयों से सहसम्बन्ध बताइये।
उत्तर-
हिन्दी का अन्य विषयों के साथ सहसम्बन्ध
हिन्दी एवं संस्कृत का सहसम्बन्ध - हिन्दी एवं संस्कृत में सहसम्बन्ध स्थापित कर सकते हैं क्योंकि हिन्दी एवं संस्कृत भाषा से हिन्दी के अनेक प्राकृतों एवं अपभ्रंशों का विकास हुआ एवं इन्हीं अपभ्रंशों से हिन्दी भाषा का प्रादुर्भाव हुआ है। हिन्दी भाषा में प्रयोग होने वाली समस्त पदावली संस्कृत शब्दों से निर्मित एवं विकसित हुई है। अतः हिन्दी को संस्कृत भाषा से सहसम्बन्धित करके पढ़ाया जा सकता है।
हिन्दी एवं कला में सहसम्बन्ध - हिन्दी का कला के साथ सहसम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है। हिन्दी शिक्षण को रोचक, प्रभावपूर्ण एवं यथार्थ बनाने के लिए चित्र, मानचित्र, ग्राफ आदि में कला का उपयोग किया जाता है। कला चित्रों, मानचित्रों एवं ग्राफ को रोचक तथा प्रभावपूर्ण बना देती है, जिनके प्रयोग करने से हिन्दी शिक्षण रोचक हो जाता है।
हिन्दी तथा विज्ञान में सहसम्बन्ध - हिन्दी की किताबों में विज्ञान से सम्बन्धित अध्याय जैसे अणुशक्ति, चलचित्र, मुद्रण कला आदि समाहित रहते हैं। हिन्दी शिक्षण अध्यापक को उक्त अध्यायों को पढ़ाने के लिए विज्ञान की सामान्य जानकारी होनी चाहिए, तभी वह उन अध्यायों को पढ़ाने में समर्थ होगा। इस तरह हिन्दी को विज्ञान के साथ सहसम्बन्धित करके पढ़ाया जा सकता है।
हिन्दी तथा नागरिकशास्त्र में सहसम्बन्ध - हिन्दी का नागरिकशास्त्र के साथ सहसम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है क्योंकि वर्तमान समय में हिन्दी भाषा भारत को एकता प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त राजनीति एवं कूटनीत का विस्तृत वर्णन हिन्दी के ग्रन्थों में मिलता है।
हिन्दी का भूगोल के साथ सहसम्बन्ध - हिन्दी को भूगोल के साथ सहसम्बन्धित करके पढ़ाया जा सकता है। हिन्दी में लिखित भूगोल से सम्बन्धित पुस्तकों का विस्तृत वर्णन उपलब्ध है। इसके अलावा हिन्दी में भौगोलिक वर्णन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसी तरह साहित्यिक लेखों, यात्रा वर्णनों, आत्मकथाओं एवं संस्मरणों में भी भौगोलिक वर्णन विस्तृत मात्रा में उपलब्ध है, जिनका ज्ञान विद्यार्थियों को हिन्दी शिक्षण के समय कराया जा सकता है। इससे विद्यार्थी हिन्दी का ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ भूगोल का भी ज्ञान प्राप्त कर लेते हैं।
हिन्दी एवं प्रकृति अध्ययन - हिन्दी को प्रकृति अध्ययन के साथ सम्बन्धित करके पढ़ाया जा सकता है। प्रकृति अध्ययन के अर्न्तगत प्रकृति के जल, वायु तथा नदियों आदि का विस्तृत वर्णन मिलता है। हिन्दी का लेखक प्रकृति की इस अनुपम तथा मनोहारी छटा को अपने लेखनी द्वारा लेख में प्रकट करता है, जो विद्यार्थियों को यथार्थ ज्ञान की आनन्दाभूति कराता है। इस तरह हिन्दी तथा प्रकृति ज्ञान का अध्ययन विद्यार्थियों को हो जाता है।
हिन्दी एवं इतिहास में सहसम्बन्ध - हिन्दी को इतिहास के साथ सम्बन्धित करके पढ़ाया जाता है। हिन्दी भाषा में ऐतिहासिक ग्रन्थ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिनकी विषय-वस्तु का प्रयोग करके हिन्दी शिक्षण को प्रसंगानुकूल बनाया जा सकता है। हिन्दी के साहित्यिक ग्रन्थों जैसे रामचरितमानस, पृथ्वीराज रासो, कुरुक्षेत्र एवं महाभारत में ऐतिहासिक विषय-वस्तु का विस्तृत चित्रण मिलता है, जिसका ज्ञान विद्यार्थियों को हिन्दी शिक्षण के समय कराया जा सकता है।
उपरोक्त वर्णन से यह स्पष्ट होता है कि हिन्दी का विद्यालय के विभिन्न विषयों से सहसम्बन्ध स्थापित करके हिन्दी शिक्षण को अधिक उपयोगी तथा प्रभावपूर्ण बनाया जा सकता है।
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