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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2758
आईएसबीएन :0

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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- अध्यापक के लिए कम्प्यूटर के व्यावहारिक अनुप्रयोगों की आवश्यकता का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

उत्तर-

शिक्षक हेतु कम्प्यूटर के व्यावहारिक अनुप्रयोग
(Practical Applications of
Computer for a Teacher)

कम्प्यूटर विशिष्ट और सामान्य रूप से शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया और शिक्षा जगत से जुड़ी हुई विभिन्न गतिविधियों के उचित सम्पादन में अपनी भूमिका ठीक तरह से निभाने की पूरी क्षमता रखते हैं। शिक्षक हेतु कम्प्यूटर के व्यावहारिक अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं-

(i) सभी विद्यार्थियों की अधिगम गतिविधियों पर उचित नियन्त्रण रखने में कम्प्यूटर प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। अधिगम अनुभव प्रदान करने से लेकर इन अनुभवों को ठीक तरह ग्रहण कराने की जिम्मेदारी ये भली-भाँति निभा सकते हैं। किस-किस रूप में अधिगम अनुभव अर्जित कर रहा है। किसकी किस प्रकार की अधिगम कठिनाइयाँ हैं तथा किसे किस तरह का उपचारात्मक अनुदेशन चाहिए? किसे किस प्रकार की शैक्षणिक उपलब्धि हो रही है इस बात का सही-सही मूल्यांकन करते रहने के कारण कम्प्यूटरों द्वारा शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया पर उचित नियंत्रण स्थापित करने में पर्याप्त सुविधा रहती है।

(ii) कम्प्यूटरों के द्वारा सुव्यवस्थित अभ्यास कार्य कराया जाना, गृहकार्य तथा अधिन्यास (Assignments) देना तथा उनकी समय पर ठीक प्रकार से चैकिंग करके विद्यार्थियों को आवश्यक निदेशन तथा परामर्श सेवाएँ प्रदान करना अच्छी तरह सम्भव होता है।

(iii) स्व-अध्ययन, समूह-अध्ययन, पर्यवेक्षित अध्ययन तथा पुस्तकालय अध्ययन एवं प्रोजेक्टों पर कार्य करना; जैसे- शैक्षिक गतिविधियों को कम्प्यूटरों के उपयोग से पूरी-पूरी मदद मिलती है।

(iv) विषय के पाठ्यक्रम से सम्बन्धित गणन (Computational) तथा समस्या समाधान कार्यों को ठीक प्रकार सम्पादित करने में कम्प्यूटर्स विद्यार्थियों की पूरी-पूरी मदद करते हैं।

(v) शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को ही भौतिक विज्ञान के शिक्षण-अधिगम हेतु पर्याप्त विषय सामग्री, नवीनतम जानकारी, शिक्षण अधिगम विधियाँ, नवाचार आदि पूरी तरह से कम्प्यूटरों की नेट वर्किंग प्रणाली तथा भण्डारण क्षमता द्वारा भली-भाँति प्राप्त हो सकती है।

(vi) विषय के शिक्षण से सम्बन्धित प्रयोगशाला तथा क्रियात्मक कार्यों के प्रदर्शन, प्रयोग तथा अनुप्रयोग से सम्बन्धित सामग्री तथा इन्हें सम्पादित करने के कौशल का समुचित ज्ञान में भी कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है।

(vii) विषय से सम्बन्धित विभिन्न प्रकरणों के पुनरावृत्ति, ड्रिल तथा अभ्यास कार्यों में भी कम्प्यूटर से विशेष लाभ हो सकता है।

शिक्षा से कम्प्यूटर का एक अति विशिष्ट उपयोग उसके द्वारा विषय विशेष तथा प्रकरण विशेष के शिक्षण-अधिगम हेतु उचित शिक्षण साधन तथा सामग्री उपलब्ध कराने को लेकर है। कम्प्यूटरों की मल्टीमीडिया सेवाएँ अपने आप में स्वयं ही बहुमूल्य शिक्षण साधन हैं। इनके द्वारा हमें लिखित सामग्री (texts) के साथ-साथ चित्रात्मक सामग्री (graphics) तथा और अच्छी तरह समझने हेतु ध्वनि प्रसारण भी प्राप्त होता रहता है। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के पोइंट सॉफ्टवेयर प्रोग्राम, पेन्ट प्रोग्राम, संग्रहीत चित्र तथा ग्राफिक्स, स्कैण्ड डॉक्यूमेन्ट्स आदि की सहायता से हम वांछित अनुदेशन हेतु आवश्यक शिक्षण सामग्री का निर्माण और प्रस्तुतीकरण कर सकते हैं।

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