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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2758
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर

 

प्रश्न- व्यवहार तकनीकी का क्या अर्थ है? इसकी विशेषताएँ एवं विषयवस्तु पर प्रकाश डालिए।

 

उत्तर-

 

व्यवहार तकनीकी का अर्थ व्यवहार तकनीकी दो शब्दों से मिलकर बना है-

 

(1) व्यवहार
(2) तकनीकी।

 

व्यवहार व्यक्ति की गति को कहा जाता है स्किनर के अनुसार, व्यवहार मानव की गति या किसी सन्दर्भ संरचना में उसका अंश है जिसे व्यक्ति बाह्य उद्देश्यों या शक्ति क्षेत्रों से प्राप्त करता है।

 

अतः व्यवहार तकनीकी वह विज्ञान है जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के व्यवहारों का वैज्ञानिक विधियों द्वारा अध्ययन करता है और आवश्यकतानुसार उनके व्यवहारों का परिमार्जन करता है।

 

व्यवहार तकनीकी का प्रमुख उद्देश्य सीखने की प्रक्रिया का परिमार्जन करना है, जिससे कि छात्रों में सरलता से वांछित उद्देश्यों के अनुकूल व्यवहार परिवर्तन किया जा सके। यह तकनीकी शाब्दिक तथा अशाब्दिक दोनों प्रकार के व्यवहारों के अध्ययन का परिमार्जन करती है।

 

व्यवहार तकनीकी इस बात पर बल देती है कि किस प्रकार से सीखने और सिखाने के मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का प्रयोग किया जाए, जिससे कि छात्रों में अपेक्षित परिवर्तन आ जाए। अर्थात व्यवहार तकनीकी हमें यह बताती है कि-

 

(1) छात्रों के व्यवहार में अपेक्षित परिवर्तन कैसे किया जाये?

 

(2) शिक्षकों के कक्षा सम्बन्धी व्यवहार में कैसे सुधार लाया जाए?

 

व्यवहार तकनीकी की मान्यताएँ - व्यवहार तकनीकी की मान्यताएँ इस प्रकार है-

 

(1) व्यवहार का निरीक्षण किया जा सकता है।
(2) व्यवहार का मापन किया जा सकता है।

 

(3) व्यवहार के सामाजिक, मनोवैज्ञानिक एवं दार्शनिक आधार होते हैं।

 

(4) व्यवहार में परिमार्जन किया जा सकता है।

 

(5) व्यवहार सुधार के लिए दण्ड तथा पुरस्कार दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

 

व्यवहार तकनीकी की विशेषताएँ - व्यवहार तकनीकी की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-

 

(1) व्यवहार तकनीकी का ध्येय कक्षा में, व्यवहार में वांछित परिवर्तन लाना है।

 

(2) यह मनोविज्ञान, केन्द्रित विचारधारा है।

 

(3) व्यवहार तकनीकी शाब्दिक एवं अशाब्दिक दोनों प्रकार की कक्षा में व्यवहारों का अध्ययन करती है।

 

(4) यह शिक्षण का वैज्ञानिक ढंग से मूल्यांकन करती है।

 

(5) यह मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्रों में प्रयोग करती हैं।

 

(6) यह ज्ञानात्मक तथा क्रियात्मक उद्देश्यों की पूर्ति में सहायक है।

 

(7) यह सीखने के आपरेण्ट कण्डीशनिंग तथा पुनर्बलन आदि विभिन्न सिद्धान्तों पर आधारित है।

 

(8) यह व्यक्तिगत विभिन्नताओं पर ध्यान देती है।
(9) यह शिक्षण के सिद्धान्तों के विकास में सहायक है।

 

व्यवहार तकनीकी की विषय-वस्तु

 

व्यवहार तकनीकी के अन्तर्गत निम्नलिखित प्रकरणों का अध्ययन किया जाता है-

 

(1) शिक्षण तथा शिक्षक व्यवहार का अर्थ तथा विशेषताएँ।

 

(2) व्यवहार के सिद्धान्त तथा मान्यताएँ।
(3) कक्षा अन्तःप्रक्रिया अध्ययन विधियाँ।

 

(4) विभिन्न कक्षागत व्यवहारों का अध्ययन, व्याख्या तथा मूल्यांकन एवं मापन।

 

(5) माइक्रोटीचिंग तथा मिनीटीचिंग।
(6) सीमुलेटेड शिक्षण।
(7) टी समूह प्रशिक्षण।
(8) टीम टीचिंग।
(9) शिक्षक व्यवहार प्रतिमान।

 

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