बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शिक्षा में सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी जन-शिक्षा के प्रसार में भी सहायता करती है। सम्प्रेषण तकनीकी उन व्यूह-रचनाओं की विधियों की ओर संकेत करती है, जो विषय-वस्तु को अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में हमें सहायता प्रदान करती है। सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र बहुत व्यापक है। शिक्षा के क्षेत्र में सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र निम्नांकित है-
(1) सम्प्रेषण तकनीकी द्वारा शिक्षण-अधिगम हेतु प्रयुक्त की जाने वाली व्यूह रचनाओं और युक्तियों का चयन एवं विकास सुगमता से किया जा सकता है।
(2) सम्प्रेषण तकनीकी शिक्षण प्रतिमानों का ज्ञान, विभिन्न प्रविधियों का ज्ञान और उनके चयन करने में सहायता कर सकती है।
(3) सम्प्रेषण तकनीकी में विभिन्न श्रव्य दृश्य सामग्रियों का चयन एवं विकास, उत्पादन और उपयोग किया जाता है।
(4) सम्पूर्ण शिक्षा प्रणाली तब तक सफल नहीं मानी जाती है जब तक उसका मूल्यांकन नहीं होता, यह मूल्यांकन शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु होता है। सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी द्वारा मूल्यांकन या पृष्ठ-पोषण की विधियों का चयन व विकास सम्भव होता है।
(5) सम्प्रेषण तकनीकी का प्रयोग हम सामान्य व्यवस्था, परीक्षण और अनुदेशन सम्बन्धी कार्य-क्षेत्रों में भी कर सकते हैं।
(6) सम्प्रेषण तकनीकी में अदा से लेकर प्रदा तक सभी कार्य करने वाले तत्वों का विश्लेषण किया जा सकता है। इन तत्वों से सभी सम्भव कार्यों की जाँच की जा सकती है।
(7) सम्प्रेषण तकनीकी का क्षेत्र मशीनों एवं जनसम्पर्क माध्यमों तक विस्तृत हैं। जिसमें रेडियो, दूरदर्शन, टेपरिकॉर्डर, फिल्म प्रोजेक्टर एवं सैटेलाइट्स आदि सम्मिलित हैं।
(8) सम्प्रेषण तकनीकी द्वारा अधिकाधिक व्यक्तियों की शिक्षा का प्रबंध किया जा सकता है।
जैसे - अभिक्रमित अध्ययन पत्राचार द्वारा अध्ययन आदि। दूरस्थ शिक्षा में इसकी मुख्य भूमिका है।
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