बी एड - एम एड >> बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्यसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीएड सेमेस्टर-2 तृतीय प्रश्नपत्र - शिक्षा के तकनीकी परिप्रेक्ष्य - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- 'शैक्षिक उपग्रह' पर टिप्पणी लिखिये।
उत्तर-
शैक्षिक उपग्रह - शैक्षिक उपग्रह को ऐजूसेट के नाम से भी जाना जाता है। जिसका पूर्ण रूप है Education Setellite। इसे भारतीय संस्थान द्वारा 20 सितम्बर, 2004 में एक कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थापित किया गया था। इसे शिक्षण सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से छोड़ा गया है। इससे भारत में दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को प्रभावी ढंग से चलाने में मदद होगी तथा दूर-दराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए शिक्षा का एक वैकल्पिक माध्यम मिलेगा। इस उपग्रह की कार्य अवधि 7 वर्ष की है। यह विश्व का पहला शैक्षिक उपग्रह था, जो 36,000 कि.मी. की ऊँचाई पर स्थापित है। इस उपग्रह द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाया जा सकता है। यह उपग्रह 7 वर्षों तक कार्य करने में सक्षम है। इसे श्री हरिकोय आन्ध्र प्रदेश (सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र) से लान्च किया गया था। यह एक कृत्रिम उपग्रह है। यह उपग्रह देश की सभी भाषाओं में राष्ट्रीय व प्रादेशिक कवरेज एवं दूरस्थ शिक्षा प्रदान कर सकता है। वैसे तो इसका मुख्य उद्देश्य दूरस्थ शिक्षा प्रदान करना है।
जैसे - कहीं पर कोई सेमिनार दिया जा रहा है या फिर कोई वर्कशाप आयोजित की जा रही है या कोई प्रशिक्षण कार्य दिया जा रहा है तो कोई भी व्यक्ति एक जगह बैठकर इस उपग्रह के माध्यम से एक जगह दिया जाने वाला शैक्षिक कार्यक्रम या प्रशिक्षण पूरे देश में अपनी-अपनी भाषाओं में सुन सकें, यही उद्देश्य है इस एडुसेट या शैक्षिक उपग्रह का एजुसेट न केवल दूरस्थ शिक्षा प्रदान करता है बल्कि इसका मुख्य एक और कार्य भी है वो देश जोकि, बहुत सारे विभिन्नताओं से भरे हैं जैसेकि भारत में अनेक भाषाएँ हैं, प्रत्येक राज्य को अपनी भाषा में शैक्षिक प्रक्रिया से अवगत करवा सके है। जैसे - भारत की राजधानी दिल्ली के अन्तर्गत शिक्षा सम्बन्धी बहुत सारी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, तो वहाँ यदि कोई कार्यशाला आयोजित की जाती है तो प्रत्येक देश का प्रत्येक स्कूल, कालेज, यूनीवर्सिटी, उसे अपने ही स्थान पर बैठकर सीख सके, प्रशिक्षण दे सके।
ऐजूसेट के उद्देश्य - यह निम्नलिखित है-
1. दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा देना।
2. सम्पूर्ण देश के छात्र विशेषज्ञों से जुड़ सकें।
3. दूर-दराज क्षेत्रों में अध्यापक सेवा की उपलब्धता।
4. सम्पूर्ण देश में समान शिक्षक प्रशिक्षण।
5. अध्यापकों की कमी को दूर करना।
6. प्रशिक्षणार्थियों में रुचि व अन्तःक्रिया का विकास।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शैक्षिक उपग्रह भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही उन्नतशील पहल है और भारत के अन्तर्गत शिक्षा को समर्पित, यह पहला उपग्रह है।
ऐजूसेट के कार्य - यह निम्नलिखित हैं-
1. इस उपग्रह के माध्यम से प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को प्रभावी शिक्षण प्रदान किया जा सकता है। क्योंकि शिक्षण में नई तकनीकि का प्रयोग किया जा सकता है।
2. इसके माध्यम से आधुनिक समय में शैक्षिक प्रगति को अभूतपूर्व प्रगति मिली है क्योंकि इसके माध्यम से सभी कठिन स्थानों तक शिक्षण सामग्री पहुँचायी या देखी जा सकती है।
3. इसके माध्यम से स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता हैं।
4. विद्यार्थी आनलाइन माध्यम से शैक्षिक कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते है।
5. विभिन्न प्रकार की विदेशी तकनीकी का ज्ञान प्रबन्धन का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।
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