बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 2 - उद्यमिता के सिद्धान्त
(Theories of Entrepreneurship)
उद्यमिता का इतिहास इस बात का साक्षी है कि उद्यमिता का विकास किसी एक घटक विशेष से नहीं, बल्कि अनेक घटनाओं के सामूहिक प्रभाव या संजोयन से प्रभावित होता है। इतना ही नहीं, घटकों का संयोजन भी समय एवं परिस्थितियों के अनुसार बदलता रहता है। उद्यमिता का स्वरूप अनेक घटकों, प्रेरक तत्वों, आर्थिक परिवर्तनों से प्रभावित होता रहा है। उद्यमिता के प्रादुर्भाव से लेकर वर्तमान स्वरूप तक के प्रेरक तत्वों को अनेक विचारकों, प्रबन्धशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, व्यवहार विज्ञानियों ने अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया है। विद्वानों ने उद्यमिता के जन्म एवं विकास की विचारधाराएँ प्रतिपादितं की हैं। कुछ विद्वानों ने उद्यमिता के जन्म एवं विकास में आर्थिक कारणों को, तो कुछ ने सामाजिक परिस्थितियों को महत्वपूर्ण माना है। विद्वानों का एक वर्ग ऐसा भी है जो मानसिक गुणों या व्यक्तिगत गुणों को ही उद्यमिता के जन्म एवं विकास का कारण मानते हैं।
उद्यमिता की पूर्ति एवं विकास कई प्रेरक तत्वों से प्रभावित होते हैं। विद्वानों ने जिन विचार- धाराओं अथवा मॉडल्स का प्रतिपादन किया है, उनको चार श्रेणी में विभाजित किया जा सकता है-
एकीकृत मॉडल
मनोवैज्ञानिक मॉडल
समाजशास्त्रीय मॉडल
आर्थिक विचारधारा उद्यमिता के विकास के लिए आर्थिक कारणों को उत्तरदायी एवं महत्वपूर्ण मानती है। इस विचारधारा के प्रतिपादकों का मानना है कि उद्यमिता का जन्म एवं विकास तब होता है जबकि अनुकूल एवं उपयुक्त आर्थिक परिस्थितियाँ विद्यमान होती है। समाजशास्त्रीय विचारधारा यह बताती है कि उद्यमिता का जन्म एवं विकास कुछ प्रकार की सामाजिक, पारिवारिक एवं व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनतर्गत ही होता है। मनोवैज्ञानिक मॉडल इस मान्यता पर आधारित है कि उद्यमिता की पूर्ति व प्रेरणा, अभौतिक आन्तरिक एवं मनोवैज्ञानिक शक्तियों से प्रभावित होती है। इस मॉडल के प्रमुख विचारक शुम्पीटर, एवरेट, हेगेन तथा जान कुन्केल आदि हैं। विचारकों द्वारा दिये गए कई प्रकार के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक व मनोवैज्ञानिक घटकों पर आधारित मॉडल को एकीकृत विचारधारा के अन्तर्गत रखा गया है। इनमें प्रमुख विचारक टी. वी. राव, वी. एस. वेंकटराव आदि हैं।
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