बी काम - एम काम >> बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्वसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीकाम सेमेस्टर-4 उद्यमिता के मूल तत्व - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय 4 - उद्यमिता एवं पर्यावरण
(Entrepreneurship and Environment)
प्रत्येक देश एवं समाज के सामाजिक-आर्थिक पर्यावरण का उद्यमिता के उदय एवं विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यही पर्यावरण उद्यमिता के दिशा एवं दशा को तय करता है। सामाजिक-आर्थिक पर्यावरण की उद्यमिता में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्यमीय पर्यावरण प्रत्येक उद्यमी के जीवन का अटूट अंग होता है। उद्यमिता के आर्थिक पर्यावरण का निर्माण उन घटकों एवं शक्तियों से होता है जो उद्यमियों की कार्य-प्रणाली पर प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक प्रभाव डालती है। सामाजिक पर्यावरण में किसी समाज में किसी समय विशेष पर विद्यमान स्थितियाँ, घटक, मूल्य, जीवनशैली, रीति-रिवाजें आदि हैं। व्यावसायिक पर्यावरण के प्रेरक तत्व देश में उद्यमिता की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं। व्यावसायिक पर्यावरण के अन्तर्गत कोई उद्यम चाहे बड़ा हो, मध्यम आकार का हो या छोटा हो, कार्यरत एवं संचालित होता है। उद्यमिता विकास में सामाजिक एवं आर्थिक पर्यावरण का अत्यन्त महत्व होता है। आधुनिक उद्यमों को सामाजिक व आर्थिक संस्थान माना जाता है। इनकी वृद्धि व विकास सामाजिक व आर्थिक घटकों से अत्यधिक प्रभावित होता है। सामाजिक एवं आर्थिक पर्यावरण के अन्तर्गत औद्योगिक नीति, लाइसेन्स नीति, विनिमय नीति, बैंकिंग नीति तकनीकी विकास सामाजिक परिवर्तन एक ऐसा ढांचा तैयार करते हैं जिनमें उद्यम अपना कार्य करते हैं, जिसके फलस्वरूप होने वाली उद्यमीय वृद्धि सामाजिक-आर्थिक पर्यावरण के योगदान की भूमिका को बताती है।
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