बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- प्रतिबल कितने प्रकार का होता है?
उत्तर-
प्रतिबल प्रतिबल वह अवस्था है जो व्यक्ति पर इतना दबाव डालती है कि उसे समायोजन की आवश्यकता पड़ती है।
प्रतिबल के प्रकार प्रतिबल के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं-
(1) दबाव (Pressure) - मोरिस (C. G. Morris, 1979) को परिभाषित करते हुए कहा है कि "दबाव एक प्रकार की मनोवैज्ञानिक प्रतिबल अवस्था है, जिसमें व्यक्ति यह अनुभव करता है कि उसे एक विशिष्ट भावना के अनुभव रहना या पहुँचना या व्यवहार करना है अथवा उसे तीव्र गति से हो रहे परिवर्तनों के साथ अनुकूलन करना है।
(2) चिन्ता (Anxiety) - चिन्ता एक सामान्य लक्षण है जो आधुनिक युग के सभी व्यक्तियों में पाया जाता है। कोलमैन (1981) के अनुसार "भय और आशंका की सामान्यीकृत अनुभूति ही चिन्ता है।" यह प्रतिबल का एक परेशान करने वाला रूप है।
(3) अन्तर्द्वन्द्व (Conflict) - अन्तर्द्वन्द्व वह अवस्था है जिसमें दो या विरोधी प्रेरणाएँ उत्पन्न होती है तथा जिसकी एक साथ तृप्ति सम्भव नहीं होती है अन्तर्द्वन्द्व चेतन तथा अचेतन दोनों स्तरों पर हो सकते हैं। अन्तर्द्वन्द्व में दो इच्छाएँ, महत्वाकांक्षाएँ, कतिपय आदर्श और विश्वास आदि कुछ भी हो सकते हैं। परन्तु यह अन्तर्द्वन्द्व में उपस्थित प्रेरणाओं से सम्बन्धित होते हैं।
(4) कुण्ठा (Frustration) - मन (N.L. Munn 1964) के अनसुार कुण्ठा जीव की अवस्था है जो किसी प्रेरणायुक्त व्यवहार की सन्तुष्टि के कठिन अथवा असम्भव हो जाने के लिए उत्पन्न होती है। यह व्यवहार व्यक्ति के व्यक्तित्व के किसी भी पहलू से सम्बन्धित हो सकता है।
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