बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- व्यक्तित्व का अर्थ परिभाषाओं सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
'व्यक्तित्व' क्या है? इसके बारे में अलग-अलग मनोवैज्ञानिकों का अलग-अलग मत है। 'व्यक्तित्व' शब्द अंग्रेजी भाषा के 'पर्सनैलिटी' शब्द का ही हिन्दी अनुवाद है। 'पर्सनैलिटी' शब्द लैटिन - भाषा के 'परसोना' से विकसित हुआ है, जिसका अर्थ होता है- 'मुखौटा' या 'नकली चेहरा' प्राचीन काल में तथा एक आम या अशिक्षित व्यक्ति के लिए 'व्यक्तित्व' से अभिप्राय शारीरिक रचना, रंगरूप, वेषभूषा इत्यादि से था। बाहरी गुणों द्वारा प्रभावित करने वाला व्यक्ति ही सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता था। लेकिन व्यक्तित्व का अर्थ समझने के लिए या व्यक्तित्व का निर्धारण करने के लिये अनेक कारक या पक्ष अपना-अपना योगदान देते हैं।
(1) आलपोर्ट के अनुसार - 'व्यक्तित्व, व्यक्ति में उन मनोदैहिक व्यवस्थाओं का संगठन है जो वातावरण के साथ उसका अपूर्व समायोजन निर्धारित करती है।'
(2) वैलेनटीन के अनुसार - 'व्यक्तित्व जन्मजात और अर्जित प्रवृत्तियों का योग है।'
(3) मन के अनुसार - 'व्यक्तित्व एक व्यक्ति के गठन, व्यवहार के तरीकों, रुचियों, दृष्टिकोणों, क्षमताओं और तरीकों का सबसे विशिष्ट संगठन है।'
(4) बोरिंग के अनुसार - 'व्यक्तित्व, व्यक्ति का अपने वातावरण के साथ अपूर्व और स्थायी समायोजन है।'
(5) कैटल के अनुसार - 'व्यक्तित्व जो किसी विशेष परिस्थिति में जो भी कार्य करता है, उसका प्रतिरूप ही व्यक्तित्व है।'
(6) वारैन के अनुसार - "व्यक्तित्व व्यक्ति का, विकास की किसी भी अवस्था में सम्पूर्ण मानसिक संगठन है।"
(7) रैक्सरोड - ने व्यक्तित्व को समाज द्वारा स्वीकृत विशेषताओं में एक सामंजस्य कहा है।
(8) मार्टन प्रिंस के अनुसार - 'व्यक्तित्व, व्यक्ति के समस्त जन्मजात संस्थानों, आवेगों, प्रवृत्तियों, झुकावों एवं मूल प्रवृत्तियों और अनुभवों के द्वारा अर्जित संस्कारों एवं प्रवृत्तियों का योग है।'
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