बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- व्यक्तित्व का क्या अर्थ है तथा इसके कितने आयाम हैं?
उत्तर-
किसी व्यक्ति के पास शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी होता है वह उसमें व्यक्तित्व के रूप में परिलक्षित होता है। साधारण व कम शब्दों में व्यक्तित्व वह सब कुछ है जो एक व्यक्ति के पास होता है। इस सम्बन्ध में वाटसन का कहना है कि "विश्वसनीय सूचना प्राप्त करने के दृष्टिकोण से काफी लंबे समय तक वास्तविक निरीक्षण या अवलोकन करने के पश्चात् व्यक्ति में जो भी क्रियाएं अथवा व्यवहार का जो रूप पाया जाता है, उसे उसका व्यक्तित्व कहा जाता है।"
अलपोर्ट ने व्यक्तित्व की 49 परिभाषाओं की समीक्षा करने के बाद अपने विचार इस प्रकार व्यक्त किये - "व्यक्तित्व व्यक्ति में उन मनोदैहिक व्यवस्थाओं का गतिशील संगठन है जो कि वातावरण के साथ उसके अपूर्व समायोजन का निर्धारण करता है।"
आर. बी. कैटल - जिन्हें आधुनिक दृष्टिकोण वाला मनोवैज्ञानिक माना जाता है। इन्होंने व्यक्तित्व को कुछ इस प्रकार परिभाषित किया है।
"व्यक्तित्व वह हैं, जिसके द्वारा हम यह भविष्यवाणी कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति किसी परिस्थिति में क्या करेगा।"
आधुनिक मनोवैज्ञानिक आईजैन्क की परिभाषा व्यक्तित्व के वास्तविक अर्थ के ज्यादा करीब जान पड़ती है।
"व्यक्तित्व व्यक्ति के चरित्र, स्वभाव, बुद्धि और शारीरिक बनावट का थोड़ा बहुत ऐसा स्थायी और स्थिर संगठन है जो वातावरण के साथ उसके अपूर्व समायोजन को निर्धारित करता है।"
आईजैन्क की यह परिभाषा व्यक्तित्व के निर्माण में वंशानुक्रम और वातावरण के संतुलित महत्व को सामने लाती है।
इन परिभाषाओं के आधार पर हम कह सकते हैं कि व्यक्तित्व मनुष्य के जन्मजात और अर्जित गुणों का वह समुच्चय हैं जो व्यक्ति में होने का अहसास कराता है।
व्यक्तित्व के आयाम - व्यक्तित्व का विकास जिन दिशाओं में होता है उसे व्यक्तित्व का आयाम कहते हैं। सामान्यतः व्यक्तित्व के पाँच आयाम होते हैं-
1. खुलापन (Openness) - (कल्पनाशील / उत्सुक बनाम शर्मीला रुढ़िवादी)
2. कर्त्तव्यनिष्ठा (Conscientiousness) - (कुशल / संगठित बनाम आराम पसंद / लापरवाह)
3. बहिर्मुखता (Extraversion) - (मिलनसार / उत्साही बनाम शर्मीला / गुमसुम)
4. सहमतता (Agreebleness) - ( मैत्रीपूर्ण / संवेदनशील बनाम प्रतिस्पर्धी मुखर )
5. मनोविक्षुब्धता (Neuroticim) - (संदेवनशील / बेचैन बनाम निश्चित / आश्वस्त)।
1. खुलापन - खुलेपन का अर्थ-कला, भावना, साहस, असमान्य विचार, कल्पना, जिज्ञासा और विभिन्न अनुभवों के प्रति प्रशंसा है। यह गुण कल्पनाशील लोगों को व्यवहारिक तथा परम्परागत विचार वाले लोगों से अलग करता है। इस प्रकार के लोग बौद्धिक रूप से उत्सुक कला की सराहना करने वाले तथा सुन्दरता के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
2. कर्त्तव्यनिष्ठा - इसका गुण अनुशासन है, इस प्रकार के व्यक्तित्व वाले लोग अपने कार्य के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह कार्य को योजनाबद्ध तरीके से करते हैं तथा उसे अंजाम तक पहुँचाते हैं।
3. बहिर्मुखता - बहिर्मुखता भावना या प्रतिभा, आन्तरिक इच्छा, विचार तथा योजना को सार्वजनिक (दूसरों के समक्ष) रखने की प्रवृत्ति है। इसकी विशेषताएँ हैं - सकारात्मक भावनाएँ, मिलनसार, उत्तेजना और साथ चाहने की प्रवृत्ति। इसमें मित्रता तथा समूह में रहने की प्रवृत्ति होती है। इसके विपरीत व्यक्तित्व को अंतर्मुखी कहा जाता है। यह बौद्धिक, ऊर्जावान हो सकते हैं लेकिन सामाजिक नहीं होते।
4. सहमतता - इसमें संवेदनशीलता व सहयोग का गुण होता है। इस प्रकार के व्यक्ति दूसरों के विचारों का सम्मान करने वाले, मैत्रीपूर्ण, उदार, मददगार तथा समझौता करने वाले होते हैं। इसके अतिरिक्त यह आशावादी, ईमानदार, सभ्य और विश्वसनीय होते हैं। असहमत लोगों में इसके विपरीत गुण पाये जाते हैं।
5. मनोविक्षुब्धता - यह क्रोध, चिंता, अवसाद जैसी नकारात्मक भावनाओं को अनुभव करने की प्रवृत्ति हैं। इस प्रकार के लोगों में नकारात्मक भावनायें पायी जाती हैं। यह हमेशा निराश, असंतुष्ट तथा भविष्य के प्रति संदेह की स्थिति में रहते हैं। इसके कारण उनकी स्पष्ट रूप से सोचने, निर्णय लेने और तनाव के साथ प्रभावी ढंग से जूझने की क्षमता को कम करती है।
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