बी ए - एम ए >> बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए बीएससी सेमेस्टर-4 शारीरिक शिक्षा - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 9
मनोरंजन
(Recreation)
प्रश्न- मनोरंजन का अर्थ, परिभाषा, लक्षण एवं उद्देश्य बताइये।
उत्तर-
मनोरंजन विभिन्न व्यक्ति विशेषों के लिए अलग-अलग अर्थ रखता है। यह गतिविधियों की विशाल किस्मों पर लागू होता है। कभी-कभी यह वाक्य जवान लोगों एवं वयस्कों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों और नौजवान युवकों की गतिविधियों में भेद करता है क्योंकि शब्दों के उपयोग का यह परिवर्तन स्पष्ट रूप से समझने के लिए तथा भ्रम दूर करने के लिए हमें क्रिया के प्रारम्भ को समझना पड़ेगा। सामान्य व्यवहार में मनोरंजन का अर्थ विस्तृत समग्र भाव से लिया जा सकता है। यह गतिविधि किसी आयु विशेष समूह के लिए प्रतिबन्धित नहीं होती है।
डॉ. जॉन एच. फिन्ले ने मनोरंजन शब्द को खेल में शामिल करते हुए काफी विस्तार से इंगित किया है कि खेल प्रत्येक अभिव्यक्ति में और बहुत-सी गतिविधियों में जैसे कि संगीत, नाटक, क्राफ्ट तथा स्वतन्त्र गतिविधियों और विशेषकर रचनात्मक गतिविधियों के द्वारा जीवन को परिपूर्ण बनाती है। मनोरंजन का अर्थ है कि खोई हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर आनन्द का अनुभव प्राप्त करना। सन्तुष्टि तथा तरोताजा रहना स्वयं में एक मनोरंजन से पूर्ण जीवन है। बिना मनोरंजन के जीवन निरर्थक है। आधुनिक युग जटिलताओं से भरा है। आदमी को जीवित रहने के लिए शारीरिक एवं मानसिक श्रम करना पड़ता है। इस कारण थकान पैदा होती है। मनोरंजन के द्वारा वह अपनी खोई हुई शक्ति और ऊर्जा पुनः प्राप्त कर सकता है। मनोरंजन से वे गतिविधियाँ सम्बद्ध हैं जो कि व्यक्ति विशेष खाली समय के दौरान अथवा अकार्य घंटों में करता है। इसलिए सामान्यतः इस गतिविधि को खाली समय में की जाने वाली गतिविधि के रूप में संदर्भित किया जाता है। मनोरंजन शिक्षा का उद्देश्य अध्यापन करने वाले लोगों को रचनात्मक तरीके से अपने खाली समय और अकार्य समय के रचनात्मक रूप से उपयोग किए जाने के लिए शिक्षित करना है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए तथा मनोरंजन को मूल्यवान बनाने के लिए गतिविधियाँ शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक एवं सामाजिक आवश्यकताओं के अनुरूप होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में इन गतिविधियों के चयन में यह सावधानी बरती जाती है कि खाली समय का स्वास्थ्य के लिए सही उपयोग किया जाए।
(Definition of Recreation)
मनोरंजन को इस प्रकार भी जाना जा सकता है कि किसी भी प्रकार के खाली समय को . अनुभवों अथवा गतिविधि जिसमें व्यक्ति विशेष अपनी रुचि के अनुसार स्वयं की सन्तुष्टि और मनोरंजन करता है, जो कि उसके पास सीधे ही आती है। -(जी. डी. बटलर)
मनोरंजन की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि खाली समय के दौरान स्वयं स्वेच्छा से व्यस्त रहता है प्राथमिक रूप से इससे प्राप्ति हेतु सन्तुष्टि के दौरान प्रेरित करना। -( मेयर और ब्राइट बिल)
शिक्षा इस तथ्य की पक्षधर है कि मनोरंजन में अग्रलिखित लक्षण होने चाहिए जिससे कि भागीदार को पूर्ण लाभ मिल सके-
1. खाली समय (फुरसत के क्षण) - मनोरंजन के लिए ऐसी गतिविधि का चयन करना चाहिए जिससे कि उसको करने वाला खाली समय में कर सके। इसी मत के अनुसार, किसी को मनोरंजनात्मक गतिविधि में शामिल होने के लिए कार्य के घण्टों के दौरान अपने काम को छोड़ना पड़े।
2. आनन्ददायक - जिस गतिविधि में शामिल हों वह आनन्ददायक होना चाहिए न कि उबाऊ।
3. सन्तुष्टि - जिस गतिविधि में लगे उससे व्यक्ति विशेष को तत्काल तथा सीधे ही सन्तुष्टि मिलनी चाहिए।
4. स्वेच्छिक - व्यक्ति विशेष को मनोरंजनात्मक गतिविधि को स्वयं को अपनी रुचि के अनुसार चुनना चाहिए। उसमें बाध्यता नहीं होनी चाहिए।
5. रचनात्मक - मनोरंजनात्मक गतिविधि रचनात्मक होती है। यह भागीदारी शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा सामाजिक रूप से या अन्य किसी प्रकार से हानिकारक नहीं होती है। यह व्यक्ति विशेष के सतत् विकास में सहायक होती है।
6. समाज को स्वीकार्य - मनोरंजनात्मक गतिविधियाँ समाज के लिए स्वीकार्य होती हैं। इसमें भाग लेने वाले के लिए व्यक्तिगत रूप से लाभकारी होती हैं।
7. केवल जीवित रहने मात्र के लिए नहीं - भोजन करना, शयन करना अपने आप में मनोरंजनात्मक गतिविधियाँ नहीं कही जा सकतीं क्योंकि ये गतिविधियाँ तो जीवित रहने मात्र के लिए अनिवार्य हैं। कोई भी व्यक्ति पिकनिक आदि मना सकता है जिसमें दोपहर अथवा रात्रि भोज किया जा सकता है परन्तु इस क्रिया के अन्य भाग जैसे सामाजिक खेल तथा सहभागी बनना मनोरंजनात्मक गतिविधियों का एक महत्त्वपूर्ण तत्त्व होता है। इसके बिना मनोरंजक गतिविधि नहीं कहला सकती है।
मनोरंजन के उद्देश्य
मनोरंजनात्मक शिक्षा का उद्देश्य लोगों को फालतू समय के रचनात्मक उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करना है।
मनोरंजन के लक्ष्य
मनोरंजन क्षेत्र के लक्ष्य बहुत मूल्यवान होते हैं। अमेरिकन स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा एवं मनोरंजन संघ (आफर) का कहना है कि वह विशेष क्षेत्र स्वयं को रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए मनुष्य की आधारभूत आत्मिक सन्तुष्टि में विशेष योगदान देता है। यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक अभिवृद्धि को प्रोत्साहित करती है तथा जीवन के तनाव एवं खिंचावों से निजात दिलाने वाले मारक के रूप में कार्य करता है तथा व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जीवन जीने के लिए विस्तृत स्थान मुहैया करता है जिससे कि प्रभावी नागरिकता तथा जीवन्त जनतंत्र का विकास सम्भव होता है।
अमेरिकन मनोरंजन के उद्देश्यों के लिए गठित किए गए आयोग द्वारा की गई विवेचना मनोरंजन के उद्देश्यों का वर्णन करने के लिए सर्वोत्तम विवरण है।
ये उद्देश्य इस प्रकार हैं-
1. व्यक्तिगत परिपूर्णता - मनोरंजन व्यक्ति की आवश्यकता की पहचान करता है ताकि वे उस मनोरंजन को करने में अपने योगदान द्वारा उद्देश्य की प्राप्ति कर सकें।
2. गणतान्त्रिक मानव सम्बन्ध - मनोरंजन वह मान्यता प्रदान करता है कि व्यक्ति का कोई उद्देश्य है। जिसे वह अपने साथ-साथ गणतान्त्रिक समाज के लिए भी योगदान करता है जिसका वह अभिन्न अंग है।
3. अवकाश के क्षण के कौशल तथा रुचियाँ - मनोरंजन लोगों के अभिरुचि के लक्ष्य को प्राप्त करने के कौशल का विकास कर प्रोत्साहन तथा प्रेरणा का माध्यम बनकर अवकाश के समय को रचनात्मक तथा मूल्यवान बनाता है।
4. स्वास्थ्य एवं दक्षता - मनोरंजन मानसिक शिथिलता, खिंचाव एवं तनाव में कमी करने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले कारक के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य आधुनिक समाज में लोगों को शारीरिक गतिविधियों के द्वारा स्वस्थ एवं दक्ष बनाना भी है।
5. रचनात्मक अभिव्यक्ति तथा सौन्दर्य गुण विवेचना - मनोरंजन नेतृत्व, वातावरण तथा सौन्दर्य बोध में व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के लिए क्रियात्मक प्रयासों के भागीदारी का विकास कर प्रेरणा एवं वस्तु प्रदान करता है।
6. अवकाश के क्षण में समाज में रहने के लिए वातावरण - मनोरंजनात्मक खेल प्राकृतिक स्रोतों के संरक्षण तथा प्रोत्साहन में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। मनोरंजन केन्द्रों का निर्माण तथा खेलों के मैदानों का निर्माण जनसमूह को सौन्दर्य बोध एवं सांस्कृतिक मूल्यों को जाग्रत करने में प्रशंसनीय भूमिका अदा करता है।
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