बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला बीए सेमेस्टर-4 चित्रकलासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कला का मूल उद्देश्य बताइये।
उत्तर-
कला के मूल उद्देश्य के विषय में अनेकों मत हैं और उनमें परस्पर अनेकों भेद हैं, ये मत समय और स्थान के साथ परिवर्तित होते हैं। प्रचीन यूनानी विचारकों के अनुसार कला का उद्देश्य प्रकृति का अनुकरण करना था जबकि भारतीय मत के अनुसार कला परम आनन्द की प्राप्ति का साधन है किन्तु कला का एक मात्र उद्देश्य जो हर समय, हर स्थान की कला का मूल है वह है सौन्दर्य की रचना करना। जैसा कलाकार उसे देखता है वह उसी के अनुरूप रचना करता है। इसमें एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि जीवन का मानवता जैसा वह देखता है अपने अनुभवों द्वारा चित्रण करता है। एक मत के अनुसार, कलाकार राष्ट्रीय, संस्कृति, भाव व्यक्त करते हैं। परन्तु इससे अलग सार्वभौमिक चित्रण हुये जैसे पिकासो।
18वीं शताब्दी में 'कला, कला के लिये' एक नया नारा उभरा। यह एक प्रकार से अति बुद्धिवाद और उनके द्वारा कला पर लगाये गये अनेकों बन्धनों, नियमों के विरूद्ध प्रतिक्रिया थी।
कलाकारों ने इन बन्धनों को नकारा। इस प्रवृत्ति से कला में अनेकों मत और वाद आये जैसे प्रभाववाद, यथार्थवाद, अभिव्यक्तिवाद, नव - यथार्थवाद, शंकुवाद और उन्मुक्त कला इत्यादि।
19वीं शताब्दी में बहाव फिर उल्टा हुआ। 'कला जीवन के लिये' का नारा आया। इनके अनुसार मानवता और जीवन सर्वोपरि है। इस प्रकार के अनेकों उद्देश्य बताये गये परन्तु सर्वोपरि एक ही उद्देश्य रहा "सौन्दर्य का सृजन' इस प्रकार शाश्वत आनन्द की प्राप्ति हुई।
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