बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला बीए सेमेस्टर-4 चित्रकलासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- कला के विभिन्न उल्लेख बताइये।
उत्तर-
कला के विभिन्न उल्लेख निम्नवत् हैं-
1. ऋग्वेद में ऊषा उपासना प्रंसग में, उपासना मंत्रों में कला शब्द आता है। यहाँ कला का अर्थ अंश से लिया गया है। अंश का अर्थ परमात्मा का कला में निहित अंश भी हो सकता है।
2. ब्राह्मणों में भी कला का उल्लेख है पर यहाँ 'कलाकार' लिया गया है। कलाकार कला द्वारा परमात्मा की सृष्टि का अनुकरण करता है उसमें अपनी कल्पना को भी स्थान देता है।
3. उपनिषदों में कला को सृष्टि माना गया है।
आज जिस रूप में कला शब्द का प्रयोग होता है उस रूप में भरतमुनि ने सर्वप्रथम इस शब्द का प्रयोग किया था। इस अर्थ में कला में सभी ललित कलायें चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत ...कला, वास्तुकला, काव्यकला, नृत्य, गायन, वाद्य आते हैं। यूरोप में सबसे पहले प्लेटो ने कलाओं को ललित कला और उपयोगी कला को दो वर्गों में विभक्त किया। अनुकरण कला एवं कुछ बनाने वाली कला।
शिक्षा की दृष्टि से कला के दो वर्ग हैं।
1. व्यावसायिक कलायें (Vocational Arts) - रंगना, छापना, बढ़ई।
2. उदार कलायें (Liberal Arts) - संगीत, व्याकरण, तर्क, शिक्षा आदि।
विलियम ने वात्स्यायन के कामसूत्र में दी चौंसठ कलाओं को दो वर्गों में विभक्त किया-
1. बाह्य या प्रकट कलाएं - चित्रकला, मूर्तिकला, बढ़ई, सुनार, भवन निर्माण इत्यादि।
2. आन्तरिक या निजी - जो व्यक्ति की स्वयं की हों- काम कला, श्रृंगार इत्यादि।
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