बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला बीए सेमेस्टर-4 चित्रकलासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- भारतीय कला दर्शन की विशेषतायें बताइये।
उत्तर-
भारतीय कला दर्शन की निम्नलिखित विशेषतायें हैं-
(1) भारत की कला और दर्शन दोनों संसार से परे, संसार के ऊपर हैं। दर्शन बाँधने की चेष्टा है, यह और कला दोनों निराकार को आकार देने, अनन्त को सीमा में भारतीय कला का मूल गुण है और सब इसी गुण से निकले हैं।
(2) सम्पूर्ण भारतीय कला में ध्वनि, लय और आन्तरिक संगीत है। ध्वनि के मूल सिद्धान्त को सम्पूर्ण कलाओं में अपनाया गया है। सभी रंग, रेखा, रूप, लययुक्त हैं।
(3) कला अलौकिक है। अतः कला की रचना प्रक्रिया भी अभिवाही है तात्पर्य है कि कला मनन से उपजती हैं और अध्यात्मिक और आत्मिक ज्योति से प्रकाशित होती है। कला की सामग्री भौतिक है इसमें भी जीवन और ऊर्जा संचारित है।
(4) कला का आस्वादन मनन क्रिया द्वारा होता है।
(5) भारतीय कला रचना में व्यक्ति केन्द्रित है किन्तु यह व्यक्ति को विस्तार देकर अनन्त में मिला देने की क्षमता रखती है।
(6) भारतीय कला रूप प्रतिनिधि नहीं है और न ही ये किसी का चित्र है। इन रूपों में चाहे मूर्ति हो, चित्र हो, कोई प्रतिरूप नहीं है। न ही ये शरीरशास्त्र के अनुरूप है।
(7) भारतीय कला रस प्रधान है और भावों का संगीत उत्पन्न करती है। भरतमुनि 'के अनुसार प्रत्येक रंग, रेखा, ताल, ध्वनि, भाव से सम्बन्धित है।
(8) अपनी स्वयं की क्रियाओं द्वारा पूर्णता प्राप्त करना आत्म विकास की ओर बढ़ना, कला का उद्देश्य है।
(9) भारतीय कला परम्परा अति प्राचीन है किन्तु आज आधुनिक कला में परम्परा को ही प्रधानता दी गई है।
(10) भारतीय कला 'उपासना' के रूप में होती है। कलाकार का धर्म कला, सौन्दर्य एवं परमबह्म की उपासना है।
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