बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला बीए सेमेस्टर-4 चित्रकलासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 चित्रकला - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सौन्दर्य की भारतीय अवधारणा क्या है?
उत्तर-
भारतीय साहित्य में सौन्दर्य के पयार्य शब्द - रूचिर ललित शोभन, रमणीय, मनोहर, कान्त इत्यादि का प्रयोग मिलता है। रामायण और महाभारत में सुन्दर शब्द के पयार्य रमणीय, सुरम्य, शोभन, रूचिर, चारन, प्रिय दर्शन आदि का प्रयोग हुआ है। सौन्दर्य की अनुभूति वस्तु से प्रारम्भ होकर व्यक्ति की रस दशा में परिणत हो जाती है। वास्तव में, सौन्दर्य की अनुभूति अलौकिक एवं कल्याणकारी है। कालिदास के अनुसार, सौन्दर्यानुभूति सात्विक होती है। यह माना गया है कि चित्र को देखने से सहृदय का चित्रानुरंजन होता है। कला का सौन्दर्य आत्मा को संतोष देता है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने कर्म को सर्वोच्च स्थान दिया। कृति सौन्दर्य का चाक्षुष रूप होती है। रचनाकार के आन्तरिक स्वरूप की अभिव्यक्ति होती है तथा दर्शक को कलागत सौन्दर्यानुभूति प्रदान करती है।
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