बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 2
शिक्षा मनोविज्ञान की विधियाँ
(Methods of Educational Psychology)
वर्तमान में शिक्षा मनोविज्ञान को व्यावहारिक विज्ञानों की श्रेणी में रखा जाता है। विज्ञान होने के कारण इसके अध्ययन के लिए अनेक विधियों का भी विकास हुआ है। ये विधियां वैज्ञानिक हैं। अब सामाजिक वैज्ञानिकों का यह विश्वास भी पुष्ट हो गया है कि उनके सामने जो समस्यायें आती हैं, उनको हल करने के लिए सामाजिक घटनाओं के निष्पक्ष तथा व्यवस्थित निरीक्षण सत्यापन, वर्गीकरण तथा विश्लेषण आदि का प्रयोग करना होगा। ठोस एवं आंकलन की दृष्टि से सही होने के कारण ऐसे दृष्टिकोण को वैज्ञानिक पद्धति कहा जा सकता है। मानव व्यवहार का अध्ययन करने के लिए शिक्षा मनोविज्ञान अनेक प्रकार की विधियों का प्रयोग करता है जिससे कि वह छात्रों के व्यवहार से संबंधित आवश्यक सूचनायें संकलित कर सकें। चूंकि शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की ही एक प्रयुक्त शाखा है, इसलिए शिक्षा मनोविज्ञान की विधियाँ मनोविज्ञान की विधियों से भिन्न नहीं हो सकती। वास्तव में मनोविज्ञान के द्वारा व्यवहार के अध्ययन में प्रयुक्त की जाने वाली विभिन्न विधियों का प्रयोग ही शिक्षा मनोविज्ञान के द्वारा किया जाता है।
इनमें से कुछ विधियाँ प्राचीन विधियाँ हैं जिनमें वैज्ञानिकता का अभाव होने के कारण वर्तमान में इनका प्रयोग लगभग नगण्य सा हो गया है। दैनिक जीवन में व्यवहार के समझने के लिए प्रयुक्त की जाने वाली दो विधियों, अवलोक तथा परीक्षण को ही प्रायः मनोवैज्ञानिकों द्वारा व्यवहार के अध्ययन के लिए प्रयुक्त किया जाता है। अन्तर केवल इतना ही होता है कि मनोवैज्ञानिक इन विधियों का प्रयोग व्यवस्थित तथा परिष्कृत ढंग से करते हैं जबकि दैनिक जीवन में इन दोनों विधियों का प्रयोग मनचाहे तथा अपरिष्कृत ढंग से किया जाता है। वास्तव में अवलोकन तथा परीक्षण नामक इन दोनों विधियों की सहायता से ही मनोविज्ञान के सम्पूर्ण ज्ञान तथा सिद्धांतों का प्रतिपादन किया गया है।
मनोविज्ञान की इन विधियों में से अन्तर्दर्शन तथा बहिदर्शन विधि को निरीक्षण विधियों के अन्तर्गत रखा जाता है, जबकि जीवन इतिहास विधि, विकासात्मक विधि, तुलनात्मक विधि, मनोविश्लेषणात्मक विधि, निदानात्मक विधि और सर्वेक्षण विधि को विवरणात्मक विधियों के वर्ग के अन्तर्ग रखा जा सकता है। इन दोनों वर्गों के अतिरिक्त एक प्रयोगात्मक विधि भी है यह प्रयोगात्मक विधि प्रयोग करके क्या होगा? के प्रश्न का उत्तर देती है। स्पष्टतः इस वर्गीकरण के आधार पर शिक्षा मनोविज्ञान की विधियों को तीन वर्गों यथा-
(i) निरीक्षण विधियाँ
(ii) विवरणात्मक विधियाँ, तथा
(iii) प्रयोजनात्मक विधि में बाँटा जा सकता है।
शिक्षा मनोविज्ञान एक व्यावहारिक विज्ञान है। वैज्ञानिक प्रद्धति का मूल उसकी वस्तुनिष्ठता है। काम्टे ने वैज्ञानिक अध्ययन के लिए धर्म, दर्शन, पूर्वाग्रह, कल्पना आदि की निरर्थकता पर बल दिया है। पर्यवेक्षण, प्रयोग, परीक्षण, वर्गीकरण जैसी व्यवस्थित प्रणाली शिक्षा मनोविज्ञान को वैज्ञानिकता प्रदान करती है। यह समाज विज्ञान की एक शाखा है और इसका उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं तथा घटनाओं का अध्ययन करना है।
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