बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 11
आदत व थकान
(Habit and Fatigue)
जब हम किसी कार्य को करते हैं और वह हमें कठिन लगता है परन्तु सीखने के बाद वह सरल हो जाता है, उसके पश्चात् जब हम उसे जितने अधिक बार दोहराते हैं उतना ही आगे जाकर वह सरल होता जाता है। कुछ समय हो जाने के पश्चात् हम उस कार्य को बिना ध्यान दिए बिना प्रयास किए ज्यों का त्यों करने लगते हैं। इस प्रकार इस कार्य को आदत कहते हैं। अन्य शब्दों में कहें तो आदत एक सीखा हुआ कार्य या अर्जित व्यवहार और जो स्वत: होता है, इसे और अधिक स्पष्ट करते हुए निम्नलिखित परिभाषाएँ दी गई हैं जो कि इस प्रकार हैं-
गैरेट के अनुसार - "आदत उस व्यवहार को दिया जाने वाला नाम है, जो इतनी अधिक बार दोहराया जाता है कि यत्रवत् हो जाता है।"
"Habit is the name given to behaviour so often repeated as to be automatic."
- Garett
मार्सेल के अनुसार - "आदतें व्यवहार करने की और परिस्थितियों एवं समस्याओं का सामना करने की निश्चित विधियाँ होती हैं।" "Habits are routine ways of behaving routine ways of dealing with situations and problems."
-Marsell
विलियम जेम्स के अनुसार - "आदत प्राणी के पूर्वकृत व्यवहारों की पुनरावृत्ति है।" "Habit is a tendency of an organism to behave the same way as it has behaved before."
-William James
जब हम कोई कार्य करते हैं तब कुछ समय के बाद ऐसी स्थिति आ जाती है जब हमारी कार्य करने की इच्छा कम होती है और हमारा शरीर शिथिल हो जाता है। फलस्वरूप हम पहले से कम कार्य कर पाते हैं। मन और शरीर की इस अवस्था को थकान कहते हैं। दूसरे शब्दों में, " थकान - व्यक्ति की वह विशेष शारीरिक और मानसिक दशा है, जिसके कारण उसकी वास्तविक कार्यक्षमता में लगातार कमी होती जाती है।
हम थकान के अर्थ को निम्नलिखित परिभाषाओं से और अधिक स्पष्ट कर रहे हैं यथा-
1. ड्रेवर - " थकान का अर्थ है - कार्य करने में शक्ति के पूर्व व्यय के कारण काम करने की कम कुशलता या योग्यता।"
2. बोरिंग, लैंगफेल्ड व वेल्ड - " थकान की सर्वोत्तम परिभाषा निरन्तर कार्य करने के परिणामस्वरूप कुशलता में कमी के रूप में की जाती है।"
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