बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 शिक्षाशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 7
अभिप्रेरणा
(Motivation)
अभिप्रेरणा एक ऐसी परिकल्पनात्मक प्रक्रिया है जो प्राणियों के व्यवहार के निर्धारण तथा संचालन से संबंध रखती हैं। व्यवहार को अनुप्रेरित, सक्रिय, प्रारम्भ अथवा बनाये रखने वाले कारकों को अभिप्रेरणात्मक कारक कहा जाता है। सामान्यतः 'अभिप्रेरणा' शब्द. को प्राणी की सभी प्रकार की अभिप्रेरणात्मक प्रक्रियाओं को इंगित करने हेतु प्रयुक्त किया जाता है परन्तु वास्तव में यह एक ऐसी आन्तरिक शक्ति होती है जो प्राणी को किसी विशिष्ट प्रकार के कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। अभिप्रेरणा को हम प्रत्यक्ष निरीक्षण द्वारा देख नहीं सकते क्योंकि यह एक अदृश्य प्रकार की आन्तरिक शक्ति होती है जिसके केवल प्रभावों का ही निरीक्षण किया जा सकता है। प्राणियों के व्यवहारों का अवलोकन करके अभिप्रेरणा को समझा जा सकता है। अभिप्रेरणा वास्तव में हमें क्यों के प्रश्न का उत्तर देती. है। यथा व्यक्ति खाना क्यों खाता है, व्यक्ति दूसरों से लड़ाई क्यों करता है? वह वस्तुओं का ' संग्रह क्यों करता है? उच्च पद क्यों पाना चाहता है? कोई व्यक्ति अधिक धन का संग्रह क्यों करना चाहता है? इत्यादि जैसे प्रश्नों का उत्तर हमें अभिप्रेरणा से प्राप्त होता है। अभिप्रेरणा के शाब्दिक तथा मनोवैज्ञानिक अर्थों में अन्तर होता है। प्रेरणा के शाब्दिक अर्थ से हमें किसी कार्य को करने का बोध होता है और इस अर्थ में हम किसी भी उत्तेजना को अभिप्रेरणा कह सकते हैं क्योंकि उत्तेजना के अभाव में किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया संभव नहीं होती है। मनोवैज्ञानिक अर्थ में अभिप्रेरणा से हमारा तात्पर्य केवल आन्तरिक उत्तेजनाओं से होता है जिन पर कि हमारा व्यवहार आधारित होता है। इस अर्थ में बाह्य उत्तेजनाओं को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। इस प्रकार अभिप्रेरणा एक आन्तरिक शक्ति है जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित कर सकती है। अभिप्रेरणा एक अदृश्य शक्ति है जिसको देखा नहीं जा सकता। इस पर आधारित व्यवहार को देख कर केवल इसका अनुमान लगाया जा सकता है। वास्तव में अभिप्रेरणा प्रश्न क्यों (Why) का प्रश्न हैं और ऐसे सभी प्रश्नों का संबंध अभिप्रेरणा से है। इस प्रकार कार्य को आरम्भ करने, जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है।
अभिप्रेरणा के अपने सिद्धांत तथा स्रोत है और अधिगम में इसका महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि अभिप्रेरणा सीखने की प्रक्रिया तथा परिणाम दोनों को प्रभावित करती हैं। अभिप्रेरित शिक्षार्थी सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, उनके सीखने की गति तीव्र होती है और उनका सीखना अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होता है। अतः अभिक्रिया अधिगम प्रक्रिया का महत्वपूर्ण अंग है।
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