बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 3
श्वेतवसन अपराध
(White Collar Crime)
श्वेतवसन अपराध के अभिजात या भद्रवर्गीय अपराध, सफेद वस्त्रधारी अपराध अथवा सफेदपोश अपराध भी कहते हैं। इस अवधारणा को विकसित करने का श्रेय एडविन एच सदरलैण्ड को दिया जाता है। सदरलैण्ड ने दिसम्बर 1939 में अमेरिकन सोशियोलॉजिकल सोसायटी के सभापति के रूप में अपने भाषण में श्वेतवसन अपराधिकता पर विचारात्मक तथ्य व्यक्त किए। यह विचार White collar Criminality के शीर्षक के अन्तर्गत दिया। सदरलैण्ड के अनुसार "श्वेतवसन अपराध ऐसे अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो सम्मानित व उच्च सामाजिक स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा व्यवसाय के दौरान किया जाता है।"
टैक्ट ने श्वेतवसन अपराध की व्याख्या निम्न प्रकार से की है "श्वेतवसन, अपराध उच्च, वर्गों द्वारा किया गया एक प्रकार का अपराध है।" इस प्रकार श्वेतवसन अपराध उच्च वर्गीय सम्मानित व साधन सम्पन्न लोगों द्वारा किया गया अपराध है। अपराधी धन और प्रभुत्व के कारण कानून और दण्ड से बचते रहते हैं। आधुनिक पूँजीवादी देशों में इस प्रकार के अपराध की समस्या गम्भीर है। "श्वेतवसन अपराध व्यापार से सम्बन्धित कानून का वह उल्लंघन है जो एक कम्पनी, कारखाने, फर्म एवं उसके एजेण्टों द्वारा फर्म के लिए व्यापार चलाने हेतु किया जाता है।" - "फ्रैंक हाटुंग" द्वारा श्वेतवसन अपराधी उच्च एवं सम्मानित सामाजिक व आर्थिक वर्ग के सदस्य होते हैं। जो व्यवसाय के कार्यकाल में अनेक अपराधी कानूनों का उल्लंघन करते हैं। श्वेतवसन अपराधी इतने अधिक सम्मानति होते हैं कि इन पर सामान्यतः मुकदमा नहीं चलाया जता है। यदि चलाया भी जाता है तो फौजदारी अदालत के स्थान पर दीवानी अदालत में इस पर मुकदमा चलाया जाता है। ये अपराधी प्रायः जुर्माना देकर अपराध मुक्त हो जाते हैं।
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