बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 समाजशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 23
विकास निर्भरता
(Development Dependency)
आश्रित विकास निर्भरता सिद्धान्त के अन्तर्गत आने वाले प्रमुख विचारों में से एक है। विकास के इस रूप ने ऐतिहासिक रूप से उन देशों से प्राथमिक संसाधनों के निर्यात के प्रयासों को चिंतित किया है जो संसाधन संपन्न हैं लेकिन उद्योग गरीब हैं। तकनीकी विकास के दौर में भी भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर है। कृषि - समाज में चेत्र, वैशाख सभी माह बहुत महत्वपूर्ण है, पर आषाढ़ का चढ़ना उनमें उल्लास क्यों भर देता है। इसी प्रकार आर्थिक विकास शब्द आर्थिक प्रगति और उन्नति से जुड़ा है। निर्भरता एक ऐसी अवस्था है जहाँ कोई व्यक्ति किसी पर या किसी चीज पर बहुत अधिक निर्भर होता है। इसका मतलब निर्भरता हो सकता है। चूँकि किसी चीज पर निर्भर होना उनकी आवश्यकता है, निर्भरता एक मजबूत आवश्यकता की स्थिति होती है। निर्भरता अत्यधिक जरूरतों के लिए एक मजबूत शब्द है। अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में नैर्भर्य सिद्धान्त यह है कि संसाधन, निर्धन एवं अल्पविकसित देशों के परिधि से धनी देशों के केन्द्र की ओर प्रवाहित होते हैं और निर्धन देशों को और गरीब करते हुए धनी देशों को और धनी बनाते हैं। नैर्भर्य सिद्धान्त इस मूल मान्यता पर आधारित है कि राजनैतिक एवं आर्थिक कारकों के 'बीच एक गहन सम्बन्ध होता है। ये दोनों कारक परस्पर प्रभावित करते हैं तथा काफी हद तक आर्थिक कारकों के आधार पर राजनीति में महत्त्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलते हैं। नैर्भर्य सिद्धान्त मूल रूप से मार्क्सवाद से प्रभावित रहा है। मार्क्सवाद के साथ - साथ होबसन व लेनिन के साम्राज्यवाद की अवधारणा ने इसे और शक्तिशाली बना दिया है। परन्तु चूँकि मार्क्सवादी 'राज्य' के अस्तित्व को नहीं मानते इसीलिए इसे 'नव-मार्क्सवादी' अवधारणा मानना अधिक तर्कसंगत होगा। वैसे तो यह अवधारणा अर्न्तराष्ट्रीय राजनीति में 1950 के दशक से विद्यमान है परन्तु 1970 के दशक से ज्यादा महत्वपूर्ण बन गई है। इस काल के अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के अध्ययन हेतु राजनीतिक - आर्थिक तत्वों में सम्बन्ध पर अधिक बल दिया जाने लगा है। निर्भरता के सिद्धान्त की कुछ विशेषताएँ भी हैं, वर्तमान संदर्भ में राज्यों की उत्पत्ति का प्रमुख कारण पूँजीवाद का विकास है। इसी पूँजी के विकास के कारण अंतर्राष्ट्रीय अन्तःक्रियाओं का आरम्भ माना जा सकता है। राज्यों के बीच संसाधनों को लेकर संघर्ष तथा केन्द्र वाले राज्यों का परिधि वाले राज्यों के साथ शोषण युक्त संबंधों का मूल कारण पूँजीवाद का विकास ही माना जा सकता है। निर्भरता सिद्धान्त के समर्थकों में एंड्रेगुडर फ्रैके, वाल्स्र्टेन, डॉस सांवोस, सन्कल, फुर्तादो, स्टावनहेगन, यूजो फालेटो तथा फ्रॉज फैनन के नाम उल्लेखनीय हैं। सभी विचारक इस बिन्दु पर सहमत है कि तृतीय विश्व के देशों के निम्न स्तरीय विकास का कारण इनका उभरता हुआ नव उपनिवेशीय स्वरूप तथा इनकी विकसित देशों पर निर्भरता है। उसके अनुसार अल्पविकसित राज्यों तथा विकसित केन्द्रों के आपसी सम्बन्ध निम्न स्तर के विकास के लिए उत्तरदायी हैं। लैटिन अमेरिकी राज्यों का उदाहरण देते हुए उसने कहा कि विश्व व्यवस्था में कतिपय समृद्ध देश परिधि राज्यों की एक बड़ी संख्या के विकास को अवरुद्ध कर रहे थे। विकास शब्द किसी व्यक्ति में गुणात्मक परिवर्तन जैसे व्यक्तित्व में परिवर्तन या अन्य मानसिक और भावनात्मक पहलुओं को संदर्भित करता है। विकास शब्द का प्रयोग सामान्यतः उस गतिशील प्रक्रिया को संदर्भित करने के लिए किया जाता है जिसके द्वारा एक व्यक्ति आगे बढ़ता है और अपने पूरे जीवनकाल में बदलता रहता है। इसे अधिकतर गर्भाधान से मृत्यु तक होने वाले गुणात्मक परिवर्तन की प्रक्रिया के रूप में माना जाता है। इस प्रकार विकास एक व्यापकं शब्द है जो शारीरिक, पेशीय, संज्ञानात्मक, शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और व्यक्तित्व सहित सभी क्षेत्रों से संबंधित होता है। आर्थिक विकास को एक निश्चित अवधि में किसी देश द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के स्तर में नकारात्मक परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में एक समान या समान नहीं होता है। उदाहरण के लिए, किसी विशेष वर्ष में, किसी देश के दूर संचार क्षेत्र ने आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है जबकि खनन क्षेत्र ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। जहाँ तक देश के आर्थिक विकास का सवाल है। आर्थिक विकास सीधे किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद में प्रतिशत वृद्धि से संबंधित है। वास्तविक अर्थों में आर्थिक विकास किसी देश के प्रतिव्यक्ति राष्ट्रीय उत्पादन या शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में वृद्धि से संबंधित है जो कई वर्षों तक स्थिर या निरंतर होता रहता है।
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