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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2746
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 13
इमानुएल काण्ट
(Immanuel Kant)

इमानुएल काण्ट जर्मनी के पूर्वी प्रशा प्रदेश के अन्तर्गत, कोनिगुज़बर्ग (Konigsland ) नगर में घोड़े का साधारण साज बनाने वाले के घर 22 अप्रैल सन् 1724 ई० को पैदा हुए थे। कोनिगुज़बर्ग शहर आज रूस में है और अब इसका नाम कालिनिनग्राद (Kaliningrad) है। उसकी प्रारम्भिक शिक्षा अपनी माता की देखरेख में हुई थी, जो अपने समय के "पवित्र मार्ग" ( पायाटिज्म नामक धार्मिक आन्दोलन से बहुत प्रभावित थी। अतएव, अल्पायु में वह धर्मानुमोदित आचरण, सरल, सुव्यवस्थित एवं अध्यवसायपूर्ण जीवन में रुचि रखने लगा था। 16 वर्ष की आयु में, "कॉलेजियम फ़ीडेरिकियेनम" की शिक्षा समाप्त कर, वह कोनिग्ज़बर्ग के विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुआ, जहाँ छह वर्ष (1746 ई० तक) उसने भौतिकशास्त्र, गणित, दर्शन एवं धर्मशास्त्र का अध्ययन किया।

विश्वविद्यालय छोड़ने के बाद काण्ट नौ वर्षों के लिए, कोनिग्ज़बर्ग से 60 मील दूर, जुडस्केन नामक गाँव में चला गया। वहाँ वह दो तीन परिवारों में अध्यापन कार्य कर अपनी जीविका चलाता और भौतिकशास्त्र तथा दर्शन मं स्वाध्याय करता रहा। इस बीच उसके बहुत से लेख तथा लघुग्रन्थ प्रकाशित हुए, जिनमें से दो - "जीवित शक्तियों के उचित अनुमान पर विचार" (थाट्स अपॉन द टू एस्टिमेशन ऑव लिविंग फ़ोर्सेज़, 1747 ई०) तथा “सामान्य प्राकृतिक इतिहास एवं आकाश सम्बन्धी सिद्धान्त" (जनरल नैचुरल हिस्ट्री एण्ड थ्योरी ऑव हेवेन, 1755 ई०) विशेष उल्लेख हैं। इनमें से प्रथम प्रकाशन में उसने रेने देकार्त (1596-1650 ई०) तथा गॉटफ्रीड विल्हेल्म लीबनित्स (1646-1716 ई०) के सत्ता सम्बन्धी विचारों का तथा दूसरे में न्यूटन तथा लीबनित्स के यान्त्रिक एवं प्रयोजनतावादी विचारों में समन्वय करने का प्रयत्न किया था। उसने "डाक्टर लेजेंस" की उपाधि के निमित्त आवश्यक प्रबन्ध भी 1755 ई० में प्रस्तुत कर दिया था और कोनिग्ज़बर्ग विश्वविद्यालय ने उसे उक्त उपाधि प्रदान कर उसकी योग्यता प्रमाणित की थी। किन्तु उसकी व्यक्तिगत समस्याओं में कोई परिवर्तन न हुआ। विश्वविद्यालय ने उसके नौ वर्ष के परिश्रम से प्रसन्न होकर उसे विशिष्ट व्याख्याता (प्राइवेट डोज़ेंट) नियुक्त कर लिया था, किन्तु इस कार्य के लिए उसे वेतन कुछ भी नहीं मिलता था।

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