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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2746
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 12
जीन बोडिन (बोदाँ)
(Jean Bodin)

जीन बोडिन (1530 - 1596) एक फ्रांसीसी न्यायवादी और राजनीतिक दार्शनिक थे। पेरिस के परिधि के टूलूज विश्वविद्यालय में कानून के प्रोफेसर थे। वह अपने सम्प्रभुता के सिद्धान्त के लिए सबसे अच्छी तरह से जाने जाते हैं। जीन बोडिन ने प्रोटेस्टेंट धर्म सुधार के बाद फ्रांस में धार्मिक संघर्ष की पृष्ठभूमि के खिलाफ लिखा था। वे जीवन भर नाममात्र के कैथोलिक बने रहे। लेकिन गुटों में संघर्ष के लिए एक राष्ट्रीय राजशाही के रूप में मजबूत केन्द्रीय सरकार के पक्ष में थे।

बोडिन का जन्म 1530 में एन्जर्स फ्रांस के एक नगर में हुआ था। सम्भवत वह एक दर्जी का बेटा था, जो एक साधारण मध्यमवर्गी परिवार की पृष्ठभूमि से आता था। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा एन्जर्स के कार्मेलाईठ मठ में प्राप्त की थी। बोडिन, 1549 में विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए पेरिस आ गये थे। उनकी शिक्षा न केवल रूढिवादी स्कोलास्टिक दृष्टिकोण से प्रभावित थी वरन् स्पष्ट रूप से रामिस्ट दर्शन (Ramist Philosophy) से सम्बद्ध थी। बाद के दशकों में उन्होंने अरनॉड डु फेरियर के टूलूज विश्वविद्यालय में रोमन कानून का अध्ययन किया और वहाँ पढाया भी। उस समय उनका विशेष विषय तुलनात्मक न्यायशास्त्र रहा है। इसके बाद उन्होंने गैब्रियल बॉवरी एंगर्स के विशेष संरक्षण के अन्तर्गत एपामिया के ओपियन के लैटिन अनुवाद पर काम किया। बोडिन टूलूज में एक मानवतावादी सिद्धान्तों पर आधारित स्कूल खोलना चाहता था, परन्तु स्थानीय समर्थन जुटाने में वह विफल रहा। उन्होंने 1560 में टूलूज को छोड़ दिया। 1561 में बोडिन ने पेरिस की संसद मे आर्टोनी के रूप में लाइसेंस प्राप्त किया। 1562 में धर्म युद्ध के प्रभाव के कारण उन्होंने अपने कैथोलिक विश्वास की पुष्टि की। उन्होंने संसद में अन्य सदस्यों के साथ शपथ ली। बोडिन ने पेरिस में अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए कानूनी और राजनीतिक सिद्धान्तों को बनाये रखा।

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