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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2746
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 8
जॉन लॉक
(John Locke)

जॉन लॉक सत्रहवीं शताब्दी का प्रसिद्ध अंग्रेज विचारक था। उसे उदारवाद का जनक माना " जाता है। यह बात महत्त्वपूर्ण है कि उदारवाद के विकास में औद्योगिक क्रान्ति का विशेष हाथ रहा है। इंग्लैण्ड पहला ऐसा देश था जिसने औद्योगिक क्रान्ति के प्रभाव को अनुभव किया। अतः यह स्वाभाविक ही है कि उदारवाद का मूल प्रवर्तक इंग्लैण्ड में पैदा हुआ। जब इस क्रान्ति का प्रभाव यूरोप के अन्य देशों में भी उदारवाद का बढ़ावा मिला और वे सब उदारवाद की मुख्यधारा में आकर मिल गये।

जॉन लॉक का जन्म प्यूरिटन सम्प्रदाय के एक मध्यवर्गीय परिवार में 1932 ई. में हुआ था। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए लॉक को ऑक्सफोर्ड भेजा गया। वहीं एम.ए. की डिग्री प्राप्त कर लेने पर उसकी नियुक्ति आक्सफोर्ड में ही एक शिक्षक के पद पर हुई। परन्तु यह कार्य उसके लिए रुचिकर सिद्ध न हुआ और उसने इसका परित्याग करके डॉक्टरी सीखना प्रारम्भ कर दिया। एक सुविख्यात डॉक्टर से दो वर्ष तक दीक्षा लेने के बाद उसने डॉक्टरी करना प्रारम्भ कर दिया। इस नाते उसका सम्बन्ध लॉर्ड ऐश्ले से हो गया जो आगे चलकर 'अर्ल ऑफ सेफ्टसबरी' बने। लॉक ने अगले 15 वर्ष तक उनके निजी चिकित्सक और विश्वासपात्र सचिव के रूप में कार्य किया। इस रूप में उसे अनेक प्रसिद्ध व्यक्तियों के सम्पर्क में आने और राजनीतिक परिस्थितियों का यथार्थवादी ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिला।

लॉक जब केवल 10 वर्ष का था तभी इंग्लैण्ड में राज्य पक्ष और संसदीय पक्ष के बीच गृहयुद्ध प्रारम्भ हो गया था, जो लगभग 8 वर्ष तक चलता रहा। इस गृहयुद्ध में लॉक का प्यूरिटन सम्प्रदाय प्रजा पक्ष का समर्थक था और राजा पक्ष का विरोधी । इस युद्ध में प्रजा पक्ष की विजय हुई। स्टुअर्ट राजवंश को निर्वासित कर दिया गया और क्रामवेल की अध्यक्षता में गणतन्त्र की स्थापना हुई। पार्लियामेण्ट ने हालैण्ड से राजकुमार विलियम को बुलाकर राजा बनाया। राजकुमार विलियम के पद ग्रहण के समय ही पार्लियामेण्ट ने एक अधिकार-पत्र द्वारा सम्राट के अधिकार सीमित कर दिये और शासन से सम्बन्धित शक्तियाँ अपने हाथ में ले लीं। इस अधिकार पत्र को ब्रिटेन में संवैधानिक इतिहास में 'बिल ऑफ राइटस' के नाम से जाना जाता है और सम्राट के हाथों से पार्लियामेण्ट के हाथों में अन्तिम सत्ता के हस्तान्तरण का यह परिवर्तन गौरवपूर्ण रक्तहीन क्रान्ति' के नाम से प्रसिद्ध है। इस क्रान्ति के बाद इसके औचित्य और वैधानिकता पर बहुत कुछ राजनीतिक वाद-विवाद हुआ।

अन्ततः लॉक ने अस्वस्थता के कारण 1700 ई. में इस पद से त्यागपत्र दे दिया और 1704 ई. में उसका देहान्त हो गया।

जॉन लॉक के महत्वपूर्ण कथन

जहाँ कोई कानून नहीं, वहाँ कोई स्वतन्त्रता नहीं है।

जीवन स्वतन्त्रता तथा सम्पत्ति के अधिकार प्राकृतिक अधिकार हैं।

मनुष्य स्वभाव से एक परोपकारी सहयोगी प्राणी है।

बिना सहमति के किसी व्यक्ति को सम्पत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।

प्राकृतिक विधियाँ नैतिकता के वे नियम हैं, जो मनुष्य की अन्तर्रात्मा पर अंकित होते हैं।

व्यक्ति अपनी सम्पत्ति की रक्षा के लिए राजनीतिक समाज में प्रवेश करते हैं।

प्राकृतिक अवस्था शान्ति, सद्भावना, पारस्परिक सहयोग तथा सुरक्षा की अवस्था है।

विवेक, विवेक को काम में लाने वाली सम्पूर्ण मानवता को यह सिखाता है कि, क्योंकि सब मनुष्य समान तथा स्वाधीन हैं, अतः किसी को भी दूसरे जीवन स्वस्थ्य स्वतन्त्रता सम्पत्ति को हानि नहीं पहुँचानी चाहिए।

महत्वपूर्ण पुस्तकें

लेटर्स ऑन टॉलरेशन (Letter on Toleration) Ist, Ind, IIrd, IVth

टू ट्रीटीज ऑन गवर्नमेण्ट (Two Treatise on Government)

एसेज कन्जर्निंग हयूमन्स अण्डरस्टैडिंग (Essay conerning Human Understanding)

द एसेज द सिविल गवर्नमेण्ट (The Essay on the Civil Government)

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