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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2746
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

स्मरण रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य

सेण्ट ऑगस्टाइन का जन्म 354 ई० में अफ्रीका के टैगस्टे नामक नगर में हुआ था।

इनके पिता का नाम पैट्रोसिक्स था तथा इनकी माता का नाम मोनिका था।

इनकी माता ईसाई धर्म में विश्वास रखती थी।
इनकी प्रमुख रचना 'दि सिटी ऑफ गॉड' है।

सेण्ट ऑगस्टाइन को आध्यात्मिक क्षेत्र में चर्च का स्वाधीनता का प्रतिपादकं माना जाता है।

सेण्ट ऑगस्टाइन का दर्शन उनके ग्रंथ 'The civitate die' जिसका अंग्रेजी अनुवाद “The city of god” के नाम से है।

ऑगस्टाइन के विचारों का मुख्य उद्देश्य था-

* रोमन साम्राज्य का पतन ईसाई धर्म को अपनाने के कारण नहीं हुआ था।

* ईसाई धर्म को शक्तिशाली बनाना तथा उसका राज्य स्थापित करना (चर्च का राज्य)

* ईसाई धर्म के विरुद्ध लगाये गये आरोपों का खंडन करना।

इनका मानना था कि रोम पर आक्रमण ईश्वर की इच्छा से हुआ है। ईश्वर द्वारा नगर की बुनियाद रखी जा सके।

ऑगस्टाइन ने दो राज्यों की धारणा का प्रतिपादन किया-

* ईश्वरीय राज्य
* लौकिक राज्य

ऑगस्टाइन की मुख्य धारणा स्वभावतः राज्य को चर्च के अधीन करना था।

इस प्रकार ऑगस्टाइन का उद्देश्य लौकिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में पर्याप्त विभाजन रेखा खींचना है।

इन्होंने कहा कि यदि राजा आध्यात्मिक क्षेत्र में हस्तक्षेप करता है तो प्रजा को उसके प्रति शक्ति का परित्याग कर देना चाहिए।

ऑगस्टाइन ने न्याय और शांति को ईश्वरीय नगर की विशेषता के रूप से सुसज्जित किया है।

ऑगस्टाइन की मान्यता है कि मनुष्य को पापमय जीवन से मुक्त करने के लिये ईश्वर हाव राज्य की स्थापना की गयी है।

ऑगस्टाइन ने माना है कि राज्य की उत्पत्ति ईश्वरीय है और राजा ईश्वर का प्रतिनिधि है।

ऑगस्टाइन पृथ्वी पर राज्य को शांति व व्यवस्था की स्थापना का साधन मानता है।

ऑगस्टाइन व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार का समर्थन करता है।

सेण्ट ऑगस्टाइन के द्वारा दास प्रथा का भी समर्थन किया गया है।

सेण्ट ऑगस्टाइन सेंट ऐम्ब्रीज के प्रभाव से ईसाई बना था।

ऑगस्टाइन की मृत्यु 430 ई० में हुई थी।
"दो नगरों का सिद्धांत" ऑगस्टाइन की देन है।

ऑगस्टाइन ने सांसारिक नगर और दूसरा ईश्वरीय नगर की स्थापना की है।

ऑगस्टाइन ने ईश्वरीय नगर को आत्मा के रूप में निरूपित किया है।

ऑगस्टाइन ने सांसारिक नगर को शरीर के रूप में निरूपित किया है।

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