लोगों की राय

बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2746
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

बीए सेमेस्टर-4 राजनीति विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 4
सिसरो
(Cicero)

मार्कस टुलियस सिसरो रोम का प्रसिद्ध दार्शनिक राजनेता, कानूनविद् वक्ता, राजनैतिक सिद्धान्तकार तथा संविधानवादी था। सिसरो का जन्म 3 जनवरी 106 ई. पू. में रोम के पास अर्पिनम में हुआ था, जो एक अमीर जमीदार का बड़ा बेटा था। कम उम्र में सिसरो ने सामाजिक युद्ध के दौरान सैन्य सेवा देखी थी लेकिन वह इसके बाद होने वाले गृहयुद्धों में शामिल होने से बचने में सफल रहा। वह राजनीति में अपना भविष्य बनाना चाहते थे और सबसे पहले उन्होंने एक वकील के रूप में ख्याति प्राप्त करने का फैसला किया। सिसरो ने एक कुलीन एवं धनी परिवार की लड़की टेरेटिया से शादी की थी। उन्होंने अपनी पहली महान सफलता उस समय प्राप्त की जब उन्होंने सिसिली में घोर दुर्व्यवहार के लिए कैपस वेरीज पर मुकदमा चलाया। इस मामले में सिसरो की सफलता ने उनके राजनीतिक क्षेत्र में अत्यधिक मदद की। सिसरो रूढ़िवादी राजनीतिक विचारक था। उसने जूलियस सीजर, गयूस एंटोनियस और कैटलिन द्वारा प्रस्तावित सामाजिक सुधारों का विरोध किया। सिसरो ने कैटालियन क्रान्ति को सफलतापूर्वक उजागर किया और सीनाटुस कंसल्टम अल्टिमेट की शक्ति के अन्तर्गत उन क्रान्तिकारियों को मौत के घाट उतार दिया, जो उस समय तक जीवित रहे थे। इसके कारण मार्कस काटो ने सिसरो को पितृसत्ता, अपने देश का पिता कहा। 60 ई.पू. के अन्त में सिसरो ने सीजर कैरास और पॉम्पी के राजनीतिक गठबंधन में शामिल होने के लिए सीजर के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया तथा कथित फर्स्ट टुनिविरेट, जिसे उन्होने असंवैधानिक माना और साथ ही सीजर की पेशकश गॉल में कर्मचारियों की नियुक्ति को अस्वीकार कर दिया। सिसरो पर अपवित्रता का आरोप लगाया गया। सिसरो खतरे में था, पॉम्पी द्वारा उसकी मदद करने से इनकार करने पर निराश होकर रोम भाग गया। अगले दिन कलोडिअस ने एक रोमन नागरिक को बिना मुकदमें के फाँसी देने से मना कर दिया। क्लोडिअस के द्वारा एक दूसरे कानून के माध्यम से सिसरो को निर्वासित घोषित कर दिया गया। इसके बाद सिसरो मेसिडोनिया, उसके बाद इलिस्त्रिकम थिस्सलुनी में गया। 57 ई. पूर्व में पॉम्पी की गतिविधि और विशेष रूप से से ट्रिब्यून, टाइटस, अन्नियस, मिलो की वजह से उसे रोम वापस बुला लिया गया। सिसरो को 51 ई. पू. में रोम से सिलिया पर शासन करने के लिए भेजा गया एक साल के लिए, जहाँ पर पार्थियान हमले की आशंका थी कुछ समय बाद वह रोम वापस आ गया, जहाँ पर पॉम्पी और सीजर पूर्ण सत्ता प्राप्ती के लिए संघर्ष कर रहे थे। उसने संघर्ष को शान्त करने का प्रयास किया। यह संघर्ष सीनेट में सीजर की हत्या के साथ समाप्त हुआ। सीनेट में जब सीजर की हत्या हुई, उस समय सिसरो सीनेटे में उपस्थित नहीं था। सीजर की हत्या से वह अत्यधिक परेशान था अन्त में सीजर के हत्यारों में सिसरो को शामिल करते हुए उसे पकड़ कर 7 दिसम्बर 43 ई. पू. में फाँसी दे दी गयी।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book