प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- 'काण्डलूर शालेकलमरुत' उपाधि से कौन-सा राजा अलंकृत किया गया था?
उत्तर-
'काण्डलूर शालेकलमरुत्त' उपाधि से अलंकृत
राजा राजराज प्रथम
चोल साम्राज्य की महत्ता का वास्तविक संस्थापक राजराज प्रथम था। उसका तीस वर्षीय शासन चोल राज्य का सर्वाधिक गौरवशाली युग माना जाता है। वह एक साम्राज्यवादी शासक था जिसने अपनी अनेकानेक विजयों के फलस्वरूप लघुकाय चोल राज्य को एक विशालकाय साम्राज्य में परिणत कर दिया।
राजराज को 'काण्डलूर शालेकलमरुत्त' उपाधि से अलंकृत किया गया था। राजराज ने दक्षिण में केरल, पाण्ड्य तथा सिंहल के राजाओं के विरुद्ध अभियान किया तब सबसे पहले उसने केरल के ऊपर आक्रमण कर वहाँ के राजा रविवर्मा को त्रिवेन्द्रम् में पराजित किया और तभी इस विजय के उपलक्ष्य में उसने 'काण्डलूर शालेकलमरुत्त' की उपाधि ग्रहण की। इस उपाधि का उल्लेख इसके शासनकाल के चौथे वर्ष से मिलने लगता है।
इस उपाधि को ग्रहण करने के बाद उसने पाण्ड्य राज्य पर आक्रमण किया। शासन-तंत्र, सैन्य- संगठन, कला-स्थापत्य, साहित्य एवं धर्म के क्षेत्र में भी इस महान चोलवंशी राजा के शासनकाल में आशातीत प्रगति हुई। इसका सम्पूर्ण शासनकाल एक प्रकार से चोल इतिहास में निर्माण का युग माना जा सकता है।
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