प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- किस राजा की मुख्य उपाधियाँ गंगईकोण्ड, मुदीकोण्ड और कंदारगोण्ड थीं -?
अथवा
राजेन्द्र प्रथम के विषय में आप क्या जनते हैं?
उत्तर-
राजराज प्रथम के बाद उसका पुत्र राजेन्द्र प्रथम चोल राज्य की गद्दी पर बैठा। वह अपने पिता के समान महत्वाकांक्षी व साम्राज्यवादी शासक था। उसकी सैनिक उपलब्धियों के कारण उसे गंगईकोण्ड, मुदीकोण्ड व कंदारगोण्ड जैसी महत्वपूर्ण उपाधियों से विभूषित किया गया था। उसका सम्पूर्ण जीवन युद्ध करने में बीता, जिनमें सौभाग्यवश वह हमेशा विजयी होता रहा। इसके 33 वर्षों के शासनकाल में चोल साम्राज्य का विशेष विकास हुआ।
राजेन्द्र प्रथम विद्वानों का आश्रयदाता था। वह शिक्षा के प्रचार- प्रसार में रुचि लेता था। वैदिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिय इसने एक विद्यालय की स्थापना की थी। इसमें 340 छात्र तथा 14 अध्यापक थे तथा वेद, व्याकरण, न्याय आदि विषयों का पठन-पाठन होता था। अनेक महत्वपूर्ण उपाधियाँ धारण करना राजेन्द्र प्रथम की एक बहुत बड़ी विशेषता रही है। जैसे-जैसे इसके राज्य का विस्तार होता गया, इसके नाम के साथ नई उपाधियाँ जुड़ती गयीं।
राजेन्द्र प्रथम के समय चोल साम्राज्य का अत्यधिक विस्तार हुआ। इसे उसने अपने जीवन में अक्षुण्ण रखा। इसका साम्राज्य तुंगभद्रा से लेकर गंगा तक फैला हुआ था। इस दृष्टि से राजेन्द्र प्रथम न केवल एक महान शासक था बल्कि सांस्कृतिक गौरव का उन्नायक भी था।
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