प्राचीन भारतीय और पुरातत्व इतिहास >> बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृतिसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- खोट्टिग कौन था?
अथवा
खोट्टिग के विषय में लिखिए।
उत्तर-
राष्ट्रकूट शासक कृष्ण तृतीय के बाद उसका छोटा भाई खोटिंग 968 ई. में राष्ट्रकूट वंश का राजा बना। वह अत्यन्त निर्बल शासक था। उसके राजा बनते ही राष्ट्रकूटों पर विपत्ति के बादल मंडराने लगे। उसके समय में मालवा के परमार नरेश सीयक ने राष्ट्रकूट राज्य पर आक्रमण किया। परमार सेना राष्ट्रकूटों की राजधानी 'मान्यखेट' तक आ गई। सीयक ने अपनी सेना के साथ मान्यखेट पर अधिकार कर उसे खूब लूटा और अपने साथ अतुल सम्पत्ति लेकर वापस लौट गया।
खोट्टिग की उपर्युक्त पराजय की पुष्टि परमार शासक चामुण्डराज के अर्जुन अभिलेख से होती है। इस अभिलेख के अनुसार परमारों ने खोट्टिग के शासनकाल में राष्ट्रकूट राज्य की अत्यधिक लूटपाट की। परमारों द्वारा बुरी तरह से पराजित होने के बाद खोट्टिग अपनी राजधानी की विपरीत परिस्थितियों को सहन न कर सका और वह बुरी तरह से टूट गया। 972 ई. में ही उसकी मृत्यु हो गई।
इस प्रकार खोट्टिग का शासनकाल एक तरह से राष्ट्रकूटों के अवसान का काल था। उसके शासन के कुछ वर्ष अवश्य ही शान्ति से व्यतीत हुए, परन्तु बाद में जो संकट उपस्थित हुए उनसे उसका साम्राज्य समाप्त ही हो गया। लेकिन ऐतिहासिक ग्रन्थों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि खोट्टिग ने भी अपने पूर्वजों की भाँति महाराजाधिराज, परमेश्वर एवं भट्टारक जैसी उपाधियाँ धारण की थीं।
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