बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- अधिगम असमर्थता के मनोवैज्ञानिक कारक का उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए।
उत्तर-
मनोवैज्ञानिक कारण - अधिगम असमर्थता की व्याख्या करने के लिए कुछ मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त विकसित किए गए हैं, इनमें निम्नांकित प्रमुख हैं-
(i) प्रत्यक्षज्ञानात्मक कमी सिद्धान्त (Perceptual deficit Theory) - इस सिद्धान्त के अनुसार अधिगम विकृति का कारण प्रत्यक्षज्ञानात्मक प्रक्रियाओं की समस्याएँ हैं । जैसे डायस्लेक्सिया (Dyslexia) का कारण एक ऐसा प्रत्यक्षज्ञानात्मक कमी होता है जिसमें बच्चे. अक्षरों को उल्टे क्रम में प्रत्यक्षण करते हैं और जिनसे पठन त्रुटियाँ होती हैं। जैसे - अक्षर 'd' को अक्षर 'b' के रूप में पढ़ना एक ऐसी ही त्रुटि का उदाहरण है। मान एवं ब्रेडी (1988) द्वारा किए गए शोधों से यह स्पष्ट हुआ कि इसमें संभाषण का प्रत्यक्षण एवं बोले गए भाषा की आवाज का विश्लेषण और छपे शब्दों से उनका सम्बन्ध महत्वपूर्ण है।
(ii) शैक्षिक-निर्देश सिद्धान्त (Academic- instruction Theory) - इस सिद्धान्त के अनुसार अधिगम विकृतियों का कारण प्रत्यक्षण में कमी नहीं बल्कि शिक्षण में कमी की ओर इशारा करता है तथा इसका कुछ कारण बच्चों को संज्ञानात्मक कार्यों में घटिया निर्देश का मिलना होता है। इन्गेलमान (1969) इस सिद्धान्त के प्रबल समर्थक रहे हैं। यही कारण है कि इस सिद्धान्त के समर्थकों द्वारा ऐसे बच्चों को शिक्षण की एक उत्तम विधि खोजकर पढ़ाने पर बल डाला गया हैं। इन लोगों द्वारा अंकगणित, पठन एवं अन्य अधिगम क्षेत्रों को तत्व कौशलों में बाँटकर तथा प्रत्येक कौशल को थोडा-थोडा करके पढ़ाने पर बल डाला गया है।
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