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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2743
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

 

अध्याय - 4
विषादी एवं द्विध्रुवीय विकृतियाँ
(Depressive and Bipolar Disorders)

प्रश्न- विषादी विकृति से आप क्या समझते हैं? विषादी विकृति के प्रमुख प्रकारों का वर्णन कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विषादात्मक अवक्षेप की व्याख्या कीजिए।
2. डायस्थाइमिक विकृति का अर्थ बताइए।
3. बड़ा - विषादी विकृति का अर्थ बताइए।
4. विषाद के प्रमुख लक्षणों का वर्णन कीजिये।
5. विषादी विकृति के लक्षण लिखिए।

उत्तर-

विषादी विकृति का अर्थ
(Meaning of Depressive Disorder)

विषाद विकृति को एकध्रुवीय (Unipolar) विकृति भी कहते हैं। इसके मुख्य लक्षण व्यक्ति में उदासी एवं विषाद का होना है। इसके अतिरिक्त व्यक्ति में भूख, नींद तथा उसके शारीरिक वजन में कमी हो जाती है। इसमें व्यक्ति की सक्रियता स्तर में कमी आ जाती है। विषादी विकृति को निम्नलिखित दो भागों में बाँट सकते हैं-

1. डायस्थाइमिक विकृति (Dysthymic Disorder) - डायस्थाइमिक विकृति एक विषादी विकृति है। डायस्थाइमिया एक ग्रीक शब्द है, जिसका अर्थ दोषपूर्ण या रुग्ण मनोदशा है। इसी शब्द से डायस्थाइमिक बना है। डायस्थाइमिक विकृति ऐसी विकृति है, जिसका स्वरूप चिरकालिक होता है अर्थात् व्यक्ति में विषादी लक्षण गत कई वर्षों से पाये जाते हैं। इसमें कम से कम निम्नांकित समस्याओं में से दो समस्यायें अवश्य होती हैं-

(i) खाना खाने से सम्बन्धित कठिनाइयाँ
(ii) अत्यधिक नींद आना या बहुत कम नींद आना
(iii) निरन्तर थकान बनी रहना
(iv) निर्णय लेने में या एकाग्रता में कठिनाई
(v) निराशा का भाव
(vi) अपने बारे में निम्न विचार

2. बड़ा विषादी विकृति (Major Depressive Disorder)  - बड़ा विषादी विकृति एक प्रमुख विषादी विकृति है। इस विकृति में व्यक्ति को कोई बड़ी विषादी घटना का अनुभव हुआ होता है। बडी विषादी घटना से तात्पर्य ऐसी घटना से है जिसमें व्यक्ति में विषादी मनोदशा होती है अर्थात् व्यक्ति सभी प्रकार की क्रियाओं में अपनी अभिरुचि या आनन्द खो चुका होता है। DSM-IV के अनुसार बड़ा विषादी विकृति कहलाने के लिए व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षणों में से कम से कम पाँच लक्षण प्रतिदिन दो सप्ताह तक अवश्य मौजूद रहने चाहिये-

(i) उदासी एवं विषादी मनोदशा।

(ii) साधारण तथा सामान्य क्रियाओं में अभिरुचि तथा आनन्द की कमी।

(iii) ऊर्जा की कमी तथा थकान का अनुभव।

(iv) एकाग्रता में कठिनाई, चिन्तन में मन्दता तथा निर्णय लेने में अक्षमता।

(v) नींद में कठिनाई का अनुभव करना तथा बिस्तर पर लेटने पर बहुत देर तक नींद का न आना, मध्य रात्रि में नींद का खुल जाना और पुनः नींद का न आना, सुबह जल्दी नींद का खुल जाना। इसके विपरीत कुछ व्यक्तियों में अत्यधिक नींद का आना।

(vi) भूख कम लगना तथा शारीरिक वजन में कमी, इसके विपरीत भूख अधिक लगना या शारीरिक वजन में वृद्धि।

(vii) क्रिया स्तर में परिवर्तन जैसे सुस्ती का अनुभव करना या उत्तेजना का अनुभव करना।

(viii) नकारात्मक आत्म-संप्रत्यय, दोषभाव एवं अयोग्यता का भाव।

(ix) मृत्यु या आत्महत्या का विचार मन में बार-बार आना।

मुख्य विषादी विकृति की औसत आयु चालीस से पचास साल की होती है। यह रोग पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक होता है।

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