बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- सामान्य तथा असामान्य में अन्तर प्रकार का नहीं बल्कि मात्रा का है।" इस कथन की व्याख्या कीजिए।
अथवा
'असामान्य समान्य से सिर्फ मात्रा में भिन्न होता है, प्रकार में नहीं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
सामान्यता तथा असामान्यता के संप्रत्यय के सम्बन्ध में शुरू से ही मतभेद रहा है। शाब्दिक अर्थ के दृष्टिकोण से स्वीकृत मानक के अनुकूल होने वाले व्यवहार को सामान्य तथा उससे भिन्न व्यवहार को असामान्य कहेंगे। Normal शब्द की उत्पत्ति लैटिन के नौरमा शब्द से हुई है, जिसका अर्थ 'बढ़ई का स्केल' होता है। इसी स्केल को मानक मानकर यह निश्चित कियाँ जाता है कि मापन सही हुआ या नहीं। ऐब (Ab) का अर्थ होता है 'से दूर या से अलग। अतः ऐबनारमल शब्द का अर्थ हुआ वह जो नौरमल से दूर या अलग है। इस प्रकार सामान्य व्यवहार उसे कहेंगे जो मानक के अनुकूल हो और असामान्य व्यवहार उसे कहेंगे जो मानक से अलग, भिन्न या विचलित हो।
मानक व्यवहार को परिभाषित करने के लिए कई प्रकार के मॉडलों का उल्लेख किया जिनमें से कुछ प्रमुख निम्न है-
(क) विवरणात्मक मॉडल - यह मॉडल असामान्य व्यवहार का केवल वर्णन करता है, उसके कारण की ओर संकेत नहीं करता है। यहाँ व्यक्तिगत निर्णय सामाजिक रीति साँख्यिकीय माप आदि को सामान्यता की कसौटियाँ या मॉडल माना जाता है।
(ख) व्याख्यात्मक मॉडल - इस प्रकार के मॉडलों में असामान्य व्यवहार के कारणों की व्याख्या की जाती है। यहाँ यह जानने का प्रयास किया जाता है कि व्यवहार में विचलन क्यों घटित हो रहा है।
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