बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- मन का गत्यात्मक पक्ष क्या है?
उत्तर-
व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त के जन्मदाता डा. सिग्मण्ड फ्रायड ने मन के गत्यात्मक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि इसके अन्तर्गत इदम् (Id) अहं ( Ego) तथा पराअहम् (Super ego) नामक तीन अंगं या संघटक आते हैं। इदम् एक जन्मजात प्रवृत्ति है जो व्यक्ति को अपनी समस्त इच्छाओं की पूर्ति करने के लिये प्रेरित करती है। अहम् मन का वह अंग है जो व्यक्ति को अपनी इच्छाओं की पूर्ति सामाजिक मान्यताओं के आधार पर करने के लिए प्रेरित करता है तथा अतृप्त इच्छाओं का दमन करने के लिए बाध्य करता है। अहं की स्थिति में व्यक्ति अपनी सामाजिक रूप से अमान्य इच्छाओं की पूर्ति दूसरों की नजरों से बचाकर करने का प्रयास करता है। पराअहम् मन का वह अंग है जिसमें व्यक्ति ईश्वरीय दण्ड या सामाजिक भय के कारण अपनी सामाजिक रूप से अमान्य इच्छाओं का दमन करता है और उन्हें पूरा करने का कोई प्रयास नहीं करता है।
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