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बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-4 मनोविज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 8
तंत्रिका विकासात्मक विकार
(Neurodevelopment Disorder)
प्रश्न- ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार किसे कहते हैं? ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार को स्पष्ट करते हुए उसके लक्षणों एवं कारणों को समझाइए।
सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. ध्यानाभाव से आप क्या समझते हैं?
2. ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
3. एडीएचडी के लक्षण क्या हैं?
उत्तर-
ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर या AD/HD या ADHD एक मानसिक विकार और दीर्घकालिक स्थिति है जो लाखों बच्चों को प्रभावित करती है और अकसर यह स्थिति व्यक्ति के व्यस्क होने तक बनी रह सकती है। विश्व में लगभग 3 से 5% बच्चे इससे पीडित हैं। ADHD के साथ जुड़ी प्रमुख समस्याओं में ध्यानाभाव अर्थात (ध्यान की कमी या ध्यान ना देना) आवेगी व्यवहार, असावधानी और अतिसक्रियता शामिल हैं। अकसर ADHD से ग्रस्त बच्चे हीनभावना, अपने बिगडे संबंधों और विद्यालय में खराब प्रदर्शन जैसी समस्याओं से जूझते रहते हैं। माना जाता है कि ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार अनुवांशिक रूप से व्यक्ति में आता है। लड़के लड़कियों की तुलना में इसके शिकार अधिक होते हैं।
ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार के लक्षण एवं कारण
ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता आवेगी व्यवहार में से कोई एक लक्षण ज्यादा मुखर होता है, पर ज्यादातर बच्चों में ध्यानाभाव और अतिसक्रियता आवेगी व्यवहार का एक मिला - जुला रूप देखा गया है। ADHD के संकेत और लक्षण उन गतिविधियों में और अधिक स्पष्ट रूप से उभर कर आते हैं जिनके दौरान मानसिक रूप से ध्यान केन्द्रित करने की आवश्यकता होती है। ADHD से ग्रस्त अधिकांश बच्चों में इसके संकेत और लक्षण 7 वर्ष की उम्र से पहले ही देखे जा सकते हैं तो कुछ बच्चों में शैशव अवस्था में लक्षण देखे जा सकते हैं। ADHD बच्चों में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं-
कल्पना, सपनों और ख्यालों में हर समय खोए रहना।
कई बार चीजों को भूल जाना।
फुसफुसाहट करते रहना या जरूरत से ज्यादा फिजुलखर्ची करना।
कई बार बहुत अधिक बोलना या बिलकुल न बोलना।
अनावश्यक जोखिम वाले कार्य को करना, गलतियाँ करना, लापरवाही व्यक्त करना।
दूसरों के साथ मिलने-जुलने में कठिनाई होना।
लगातार बदलती गतिविधि या कार्य।
प्रलोभन का विरोध करने में कठिनाई होना।
अतिसक्रियता और आवेग - ADHD होने पर व्यक्ति ज्यादा सक्रिय हो सकता है और वह बहुत जल्द आवेग में आ सकते हैं। जिसके कारण मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं-
लगातार फिजुलखर्ची।
अत्याधिक शारीरिक हलचल।
अत्याधिक बात करना।
बिना सोचे-समझे अभिनय।
बातचीत में बाधा डालना।
खतरे का कम या कोई आभास नहीं।
स्थिर बैठने में असमर्थ होना, विशेष रूप से शांत या शांत वातावरण में।
कार्यों में ध्यान केन्द्रित करने में असमर्थ होना।
अपनी बारी का इंतजार करने में असमर्थ होना।
ADHD होने के कारण - ADHD के कारण और जोखिम कारक अज्ञात है, फिलहाल इसके मूल कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन वर्तमान समय में किए गए शोधों से जानकारी मिली है कि ADHD होने का मूल कारण आनुवांशिकी है। अब तक किए गए शोधों के अनुसार ADHD होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
दिमाग की चोट।
जन्म के बाद मस्तिष्क का ठीक से विकास न होना।
समय से पहले डिलीवरी।
जन्म के समय कम वजन।
बच्चे को मिरगी के दौरे आना।
अगर परिवार में पहले किसी को ADHD की समस्या है तो बच्चे को होना।
गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क का ठीक से विकसित न होना।
गर्भावस्था के दौरान शराब और तंबाकू का सेवन।
गर्भावस्था के दौरान या कम उम्र में पर्यावरणीय जोखिमों के सम्पर्क में आना।
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